हार्टली के हरफ़नमौला खेल के आगे भारत पस्त

नवनीत झा

तीसरे दिन के खेल की समाप्ति पर इंग्लैंड के पास 126 रन की बढ़त थी © BCCI

भारत 436 और 202 (रोहित शर्मा, 39 टॉम हार्टली, 62 पर 7) इंग्लैंड 246 और 420 (ऑली पोप, 196 जसप्रीत बुमराह, 41 पर 4) से 28 रन से हारा

अगर रविचंद्रन अश्विन और श्रीकर भरत के बीच अर्धशतकीय साझेदारी नहीं हुई होती तो चौथे दिन मैच को आधा घंटा खींचने तक की ज़रूरत नहीं पड़ती।

चार दिन और 12 सत्र। इन 12 सत्रों में से इंग्लैंड ने सिर्फ़ चार सत्र ही जीते लेकिन जब मैच का परिणाम आया तो उसके पक्ष में झुक गया। तीसरे दिन का खेल जब शुरू हुआ था तब भारत के पास इंग्लैंड के ऊपर 175 रनों की बढ़त थी। भारतीय सरज़मीं पर आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था कि भारत मेहमान टीम पर 100 से अधिक लीड लेने के बाद भी हार गया। लेकिन इंग्लैंड ने या फिर ऑली पोप और टॉम हार्टली ने मिलकर इसे मुमकिन कर दिखाया। पोप के 196 रन और हार्टली के सात विकेट ने भारत से एक जीता हुआ मैच छीन लिया।

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हालांकि चौथे दिन का तीसरा सत्र शुरू होने से पहले तक भारत ही ड्राइविंग सीट पर था। तीसरा सत्र जब शुरू हुआ था तब भारत ने अपनी दूसरी पारी के 29 ओवर में तीन विकेट के नुक़सान पर 95 रन बना लिए थे। केएल राहुल और अक्षर के बीच 32 रन की साझेदारी हो चुकी थी और भारत की बल्लेबाज़ी में गहराई अभी भी बची हुई थी। लेकिन अचानक भारतीय बल्लेबाज़ी में एक बड़ा कोलैप्स आया और गिरते विकेटों के साथ भारत की जीत की उम्मीदें भी पवेलियन लौटने लगीं। दूसरे सत्र में इंग्लैंड के हीरो रहे हार्टली ने अपनी गेंदबाज़ी में अक्षर का कैच पकड़ कर इसकी शुरुआत की। राहुल जो कि भारतीय पारी में रोहित शर्मा के बाद सबसे अच्छी लय में नज़र आ रहे थे वह भी जो रूट की गेंद को पढ़ नहीं पाए और पगबाधा का शिकार हो गए। पहली पारी में राहुल ही भारतीय टीम के दूसरे टॉप स्कोरर थे।

नियमित अंतराल में लगे दो झटकों से भारत अभी उबर ही नहीं पाया था कि रवींद्र जाडेजा ख़ुद की ग़लत कॉल पर रन आउट हो गए। फ़ुल टॉस गेंद को जाडेजा मिड ऑन पर खेलते ही भाग पड़े थे लेकिन स्टोक्स का सटीक थ्रो उनसे पहले पहुंच गया था। श्रेयस अय्यर स्पिन के ख़िलाफ़ एक बेहतर बल्लेबाज़ माने जाते हैं लेकिन वह जैक लीच की गेंद पर ड्राइव करने की दुविधा में फंस गए और स्लिप में कैच थमा बैठे।

पहली पारी के दौरान जाडेजा और अश्विन के बीच भी गफ़लत हो गई थी © AFP/Getty Images

लेकिन इसके बाद अश्विन और भरत ने एकसाथ संघर्ष शुरू किया। दोनों के बीच अर्धशतकीय साझेदारी भी हुई लेकिन दिन का अंत आते आते भरत, हार्टली का शिकार बन बैठे और वह दूसरी पारी में हार्टली का पांचवां शिकार भी बने। इसके बाद अश्विन भी हार्टली की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में स्टंप हो गए। भारत की अंतिम जोड़ी मैदान पर थी, इसलिए दिन के खेल को आधा घंटा और बढ़ाया गया लेकिन आधे घंटा का समय समाप्त होने की कगार पर ही था कि सिराज भी अश्विन की तरह आउट हो गए।

हालांकि ऐसी नौबत ही नहीं आती अगर दिन के दूसरे सत्र में भारत के टॉप ऑर्डर ने संभलकर बल्लेबाज़ी की होती। 231 रन का लक्ष्य भारत के लिए उतना आसान नहीं रहने वाला था। रोहित और यशस्वी जायसवाल ने शुरुआत तो अच्छी की थी लेकिन पहली पारी के मुक़ाबले इस बार रोहित अधिक आक्रामक नज़र आए। इंग्लैंड ने रूट को नई गेंद थमाई थी और वह लगातार जायसवाल को राउंड द विकेट गेंदें करते रहे। जायसवाल अचानक स्टेप आउट करने गए और हार्टली ने अपनी लेंथ को पीछे खींच लिया, जिसके चलते शॉर्ट लेग पर जायसवाल कैच थमा बैठे।

जायसवाल के आउट होने के तुरंत बाद शुभमन गिल भी दो गेंद बाद ही आउट हो गए। गिल गेंद को डिफेंड करने गए थे लेकिन सख़्त हाथों से गेंद को डिफेंड करने गए गिल सिली प्वाइंट पर कैच थमा बैठे। रोहित ने इसके बाद राहुल के साथ साझेदारी शुरू की और उन्होंने रिवर्स स्वीप भी खेले। लेकिन 39 के निजी स्कोर पर रोहित भी पगबाधा हो गए। रोहित के आउट होने के बाद अय्यर को बल्लेबाज़ी करने आना था लेकिन बाएं और दाएं हाथ के कॉम्बिनेशन को सुनिश्चित करने के लिए अक्षर को मैदान में भेजा गया।

हालांकि यहां से अक्षर और राहुल दोनों ने ही भारतीय पारी को फिर से बनाने की शुरुआत की। साझेदारी को पनपता देख मार्क वुड को आक्रमण पर लाया गया लेकिन उन्हें रिवर्स स्विंग प्राप्त नहीं हुई। पहली पारी में अक्षर को आउट करने वाले रेहान अहमद से भी एक ओवर डलवाया गया लेकिन अक्षर ने उनके पहले ही ओवर में तीन चौके जड़ दिए।

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अक्षर और राहुल ने दिन का दूसरा सत्र भारत के नाम ज़रूर बना दिया था लेकिन इंग्लैंड ने एक और बड़ा डैमेज दिन के पहले सत्र में ही कर दिया था। तीसरे दिन का खेल जब समाप्त हुआ था तब इंग्लैंड के पास 126 रन की लीड थी और उसके चार विकेट बचे हुए थे। लेकिन तीसरे दिन की तरह ही पोप क्रीज़ पर डटे रहे और पहले सत्र में इंग्लैंड के खाते में 104 रन और जुड़ गए। पोप ने 148 के निजी स्कोर से चौथे दिन की शुरुआत की थी लेकिन चौथे दिन भी वह उसी लय में नज़र आ रहे थे।

जवाब में भारत ने भी नई गेंद लेने में देर कर दी थी और आक्रामक फ़ील्ड सजाने के बजाय पोप और हार्टली को आसानी से स्ट्राइक रोटेट करने की सुविधा दी गई। भारत ने इंग्लैंड की पारी के 88वें ओवर में नई गेंद ली थी। इंग्लैंड की पारी में दिन के पांचवें ओवर में पोप और जसप्रीत बुमराह के बीच गरमाहट भी देखने को मिली, जब पोप के रन लेते समय बुमराह अपना कंधा बीच में ले आए थे। इंग्लैंड के पास 230 की बढ़त नहीं होती अगर 94वें ओवर में सिराज की गेंद पर राहुल ने स्लिप में पोप का एक लो कैच लपक लिया होता। उस समय पोप 187 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे।

बुमराह वाले घटनाक्रम के बाद पोप से बात करते हुए रोहित शर्मा © AFP/Getty Images

हालांकि तीसरे दिन भी पोप को 110 के स्कोर पर जीवनदान मिला था। पोप 196 के निजी स्कोर पर इंग्लैंड के अंतिम विकेट के रूप में ज़रूर आउट हो गए। लेकिन पहले सत्र में उन्होंने हार्टली (34) के साथ मिलकर 80 रन की साझेदारी कर दी थी, जो कि आगे चलकर मैच में असली फ़र्क पैदा करने वाला था।

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