राहुल और जाडेजा ने बढ़ाई इंग्‍लैंड की मुश्किलें

अर्धशतक के बाद जश्‍न मनाते अक्षर पटेल © Getty Images

भारत ने दूसरे दिन की शुरुआत में ही इंग्लैंड को पहले टेस्ट मैच से बाहर कर दिया। उन्होंने मेहमान टीम के 246 रन के स्कोर को पार करते हुए पहली पारी में 175 रन की बढ़त ले ली, जबकि उसके तीन विकेट अभी भी बाक़ी हैं। मेज़बान टीम ने दिन की शुरुआत 127 रनों से पीछे से की थी। उन्होंने पहले ही ओवर में एक विकेट खो दिया, लेकिन इसके बाद लगातार बल्लेबाज़ी करते हुए 57वें ओवर में ही बढ़त बना ली। केएल राहुल शतक से चूके लेकिन रवींद्र जाडेजा दिन का खेल समाप्‍त होने तक शतक के क़रीब थे।

पांच विकेट गिरने के बाद ही इंग्लैंड कुछ नियंत्रण लाने में सफल रहा। भारत के सभी पांच बल्लेबाज़ आक्रामक शॉट खेलने में आउट हुए। ऐसा केवल दूसरी बार हुआ है जब से हमने गेंद-दर-गेंद कॉमेंट्री करना शुरू किया है। एकमात्र अन्य उदाहरण यह है कि इंग्लैंड 2022 में बारबेडोस में पारी घोषित करने के प्रयास में ऐसा कर रहा था।

आक्रामक इरादे का दूसरा पक्ष यह था कि विकेट गिरते रहे। आर अश्विन को छोड़कर सभी ने खुद को इसमें शामिल किया। अश्विन सहित सभी ने अपना विकेट इस तरह से दे दिया। केएस भरत के अलावा कोई भी पारी में पगबाधा, बोल्ड या कैच नहीं हुआ।

किसी योजना के विफल होने के सबसे क़रीब वह समय था जब यशस्वी जायसवाल ने दिन के पहले ओवर में जो रूट पर उन्‍हीं को कैच दे दिया। रूट ने राहुल और शुभमन गिल दोनों के लिए मौके़ बनाए लेकिन प्रदर्शन में सर्वश्रेष्ठ स्पिनर की तरह दिखने के बावजूद सिर्फ़ चार ओवर के बाद उन्हें हटा दिया गया। राहुल ने पहली गेंद का सामना किया, बेन फॉक्स इसे लेने में असफल रहे और अंपायर ने रन को बाय करार दिया। भले ही फॉक्स ने इसे पकड़ लिया हो, लेकिन पहले 14 ओवरों में इंग्‍लैंड सभी रिव्‍यू गंवा चुका था।

डेब्‍यू कर रहे बाएं हाथ के स्पिनर टॉम हार्टली को एक और लंबा स्पैल मिला, जिसके दौरान वह गिल का विकेट ले गए। विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों में गिल ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज़ थे जो अक्सर अपने शरीर के सामने अच्छा बचाव कर रहे थे। जैसे-जैसे शून्‍य जुड़ते गए गिल ने बड़े रिलीज़ शॉट की तलाश की। जब उन्होंने रूट को मिस किया तो वह बच गए, लेकिन हार्टली को सीधे मिडविकेट पर मार बैठे।

श्रेयस अय्यर को परखने के लिए इंग्लैंड तुरंत अपने आक्रमण में एकमात्र तेज़ गेंदबाज़ मार्क वुड के पास गया, लेकिन राहुल ने अय्यर को गेंदबाज़ी करने से पहले ही उन पर तीन चौके लगा दिए। पॉइंट के माध्यम से बैक-फ़ुट पंच हाइलाइट रीलों में से एक था। राहुल की बल्लेबाज़ी की पहचान स्पिन के ख़ि‍लाफ़ टिके रहने और सिंगल लेने की उनकी इच्छा थी। उनके अर्धशतक के 26 रन सिर्फ़ 72 गेंदों पर बैकफु़ट से बने।

अय्यर का तरीक़ा भले ही इतना अचूक न रहा हो, लेकिन जब भी गेंदबाज़ ग़लती करते थे तो वह क्रूर होते थे और वे बार-बार ग़लतियां करते हैं। इसका उत्कृष्ट उदाहरण रेहान अहमद का दिन का पहला ओवर था। जब आपका पहली बार सामना होता है, तो दो चीज़ें उसका सामना करना मुश्किल कर देती हैं: वह टेढ़ी-मेढ़ी सीम के साथ गेंदबाज़ी करता है और वह लेग ब्रेक और गुगली करता है। स्वाभाविक रूप से अय्यर को उसे चुनने के लिए संघर्ष करना पड़ा। पहली गेंद किनारे से गुज़र गई, दूसरी ने किनारा ले लिया लेकिन स्लिप से चूक गई, तीसरी गेंद दस्ताने से टकराई लेकिन सीधे नीचे चली गई, और फिर भी उन्होंने एक छोटी गेंद की पेशकश की, जिसे अय्यर ने सीमा पार भेज दिया।

दोपहर के लंच के तुरंत बाद दिन का मेडन ओवर आया। उस छोर से दूसरे ओवर में, अय्यर ने एक ग़लत गेंद पर प्रहार करने की सोची, जहां गुगली गेंद पर वह स्‍लॉग स्‍वीप करने गए और लेग साइड पर बाउंड्री पर मौजूद एकमात्र फ‍िल्‍डर के हाथों में कैच थमा दिया। अहमद के अगले ओवर में राहुल ने उन पर दो छक्‍के लगाकर मैच में भारत को बढ़ा दिला दी।

राहुल और जाडेजा के बीच साझेदारी पनपनी शुरू हुई, जहां लंच के बाद इंग्‍लैंड को कुछ शुरुआती विकेट की ज़रूरत थी। साझेदारी 51 गेंदों में 52 रन तक पहुंच गई, लेकिन जल्द ही हार्टली ने राहुल को कैच आउट करा दिया, वह अपने दूसरे घरेलू शतक से केवल 14 रन दूर थे।

आख़िरकार, इंग्लैंड ने कुछ हद तक नियंत्रण हासिल कर लिया, चायकाल तक 11.1 ओवर में जाडेजा और भरत ने केवल 21 रन बनाए। स्पिन के पुराने ज़माने के खिलाड़ी जडेजा ख़राब गेंद का इंतज़ार करने में ही खु़श थे। भरत ने अच्छी शुरुआत नहीं की, लेकिन चाय के बाद उन्हें भी नियमित सामान्य गेंद मिलनी शुरू हो गई। वह 44 गेंदों में 10 रन से 81 गेंदों में 41 रन पर पहुंच गए, लेकिन रूट के ओवर में दूसरा चौका लगाने की कोशिश में चूक गए।

गेंद के साथ महान साझेदार अश्विन और जाडेजा जल्द ही ग़लतफ़हमी में पड़ गए, लेकिन भारत पहले ही 112 रन से आगे हो गया था। अक्षर पटेल का आना अभी बाक़ी था। जाडेजा और अक्षर दोनों ने शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों की तरह बल्लेबाजी की, अच्छी गेंदों को रोका और ख़राब गेंदों को दूर फ़ेंका। आठवें विकेट के लिए ऐसी क्षमता वाले बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करना लगभग अनुचित है, लेकिन साथ ही मौजूद स्पिनर भी उनसे पर्याप्त सवाल पूछने में सफल नहीं रहे।

अक्षर ने आख़‍िरी तीन गेंदों पर चौका, छक्का और चौका लगाकर अपने लिए सुखद दिन का अंत किया। इसके बावजूद, भारत ने राहुल का विकेट गिरने के बाद तीन ओवर से कम रन रेट से रन बनाए, लेकिन फिर भी उन्होंने केवल दो विकेट के नुकसान पर 133 रन जोड़े। इसका मतलब था पिच पर अधिक लाभ, इसके टूटने के लिए अधिक समय और साथ ही भारत के लिए बैंक में अधिक रन। जाडेजा ने दिन का अंत शतक के क़रीब पहुंचने के साथ किया और अक्षर के साथ उनकी साझेदारी 19.3 ओवर में 63 रन हो गई।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में सीनियर लेखक हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।

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