एक ही गेंद पर ऑनफ़ील्ड अंपायर ने हार्टली को आउट और नॉट आउट क्यों दिया?
विशाखापटनम टेस्ट के चौथे दिन इंग्लैंड की पारी के दौरान मैदान में एक नाटकीय घटनाक्रम घटा। इंग्लैंड के बल्लेबाज़ टॉम हार्टली को एक ही गेंद पर ऑनफ़ील्ड अंपायर के द्वारा आउट दिया गया और बाद में फिर इस फ़ैसले को ऑनफ़ील्ड अंपायर के फ़ैसले के चलते ही नॉट आउट में तब्दील कर दिया गया।
इंग्लैंड की पारी का 63वां ओवर प्रगति पर था। रविचंद्रन अश्विन ने ओवर की पांचवीं गेंद डाली थी जिस पर हार्टली ने रिवर्स स्वीप किया था और पहली स्लिप में रोहित ने डाइव लगाते हुए गेंद को लपक लिया था। ऑनफ़ील्ड अंपायर ने हार्टली को आउट करार दिया लेकिन हॉर्टली ने तुरंत ही इस फ़ैसले को चुनौती देने के लिए थर्ड अंपायर का रुख़ किया।
थर्ड अंपायर ने रिप्ले में देखा कि गेंद हार्टली की हथेली पर लग कर गई थी लेकिन थर्ड अंपायर ने जब LBW चेक किया तब पता चला कि हार्टली अंपायर्स कॉल पर LBW आउट हो सकते थे। हालांकि जब टीवी अंपायर ने ऑनफ़ील्ड अंपायर से पुष्टि की, तब ऑनफ़ील्ड अंपायर ने उन्हें बताया कि उन्होंने हार्टली को कैच आउट दिया है, LBW नहीं। इसी कारण से हार्टली बच गए।
इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद भारतीय कप्तान ने ऑनफ़ील्ड अंपायर से चर्चा भी की। लेकिन क्या रोहित एलबीडब्ल्यू के लिए डीआरएस ले सकते थे? अगर लेते भी तब भी हार्टली अंपायर्स कॉल के तहत नॉट आउट दिए जाते। क्योंकि जैसा कि ऑनफ़ील्ड अंपायर ने थर्ड अंपायर को बताया था कि उन्होंने हार्टली को LBW के लिए आउट करार नहीं दिया है। ऐसे में LBW का फ़ैसला अंपायर्स कॉल के तहत हार्टली के ही पक्ष में जाता।
यह घटनाक्रम जब हुआ था तब इंग्लैंड 268 के स्कोर पर अपने सात विकेट गंवा चुका था और हार्टली और बेन फ़ोक्स के बीच 48 रन की साझेदारी भी हो चुकी थी। हालांकि इसके बाद इंग्लैंड अपनी पारी में 24 रन और ही जोड़ पाया। लेकिन पहली पारी में विकेटलेस गए रविचंद्रन अश्विन के पास हार्टली के विकेट के रूप में अपने 500 टेस्ट विकेट पूरा करना का अवसर था।