बुमराह और अश्विन की जोड़ी ने लगाई इंग्लैंड पर लगाम

नवनीत झा

बुमराह ने पहली पारी में छह और दूसरी पारी में तीन विकेट लिए © BCCI

इंग्लैंड 293 ( क्रॉली 73, बुमराह 46 पर 3) और 253 (क्रॉली 76 बुमराह 45 पर 6) को भारत 396 ( जायसवाल 209, एंडरसन 47 पर 3) और 255 (गिल 104, हार्टली 77 पर 4) ने 106 रन से हराया

क्या होता अगर जो रूट ने रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर स्टेप आउट नहीं किया होता? क्या होता अगर बेन स्टोक्स क्विक सिंगल के लिए दौड़े नहीं होते? या क्या होता अगर श्रेयस अय्यर का थ्रो सीधे स्टंप्स पर जाकर नहीं लगा होता?

इन सभी सवालों का यही जवाब है कि शायद मैच का परिणाम कुछ और भी हो सकता था। भले ही भारत ने यह मैच 106 रन से जीत लिया लेकिन इंग्लैंड दूसरे सत्र के अंतिम चरण की शुरुआत से पहले तक मैच से पूरी तरह से बाहर नहीं हुआ था और पिच से भी गेंदबाज़ों को कोई ख़ास मदद नहीं मिल रही थी और उन्हें इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को आउट करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी। स्टोक्स के रन आउट ने पहले मैच को भारत की तरफ़ झुकाया लेकिन फिर बेन फ़ोक्स और टॉम हार्टली के बीच साझेदारी पनप गई।

हालांकि उनके सामने अभी भी बड़ा लक्ष्य था। दूसरे सत्र के अंतिम चरण में जसप्रीत बुमराह को एक बार फिर भारतीय कप्तान आक्रमण पर लेकर आए और उन्होंने फ़ोक्स को आउट कर दिया और टॉम हार्टली के रूप में इंग्लैंड का अंतिम विकेट लेकर भी उन्होंने ही मैच को समाप्त कर दिया।

तीसरे दिन के खेल की समाप्ति के बाद ही जेम्स एंडरसन ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी टीम लक्ष्य का पीछा करने जाएगी। इंग्लैंड के सामने 2008 में चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच का उदाहरण भी था जब भारत ने उनके ही ख़िलाफ़ उनकी मौजूदा शैली में खेलकर ही उन्हें हराया था।

चौथे दिन का खेल जब शुरू हुआ तब ज़ैक क्रॉली और नाइट वॉचमैन रेहान अहमद ने कुछ उसी अंदाज़ में शुरुआत की थी। पिच पर दरारें तो मौजूद थीं लेकिन वो बल्लेबाज़ों को परेशान करने के लिए पर्याप्त नहीं थीं। शायद यही वजह थी कि दिन का खेल शुरु होने से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, गेंदबाज़ी कोच और अक्षर पटेल के साथ लंबी चर्चा करते देखे गए थे।

चौथे दिन की शुरुआत से पहले इंग्लैंड ने स्कोरबोर्ड पर 67 रन बना लिए थे। इंग्लैंड को जीत के लिए 332 रन बनाने थे और उनके पास दो दिन का पर्याप्त समय भी था। लेकिन बुमराह से गेंदबाज़ी की शुरुआत कराने के बाद रोहित ने दूसरे छोर से अक्षर को गेंदबाज़ी दी। अक्षर को लंच से पहले एक छोर से लगातार गेंदबाज़ी कराई गई और उन्होंने लगातार 12 ओवर डाले। पिच से मदद ना मिलने और इंग्लैंड के आक्रामक खेल को देखते हुए संभवतः तेज़ गेंद डालने वाले अक्षर को एक छोर से लगातार आक्रमण पर रखा गया था।

हालांकि इस बीच रेहान और क्रॉली लगातार रन बनाते रहे। क्रॉली ने दूसरी पारी में भी अर्धशतक लगाया और वह बीते एक दशक में टॉम लेथम के बाद एक ही टेस्ट की दोनों पारी में अर्धशतक लगाने वाले विदेशी बल्लेबाज़ बने।

अक्षर ने ही रेहान को पगबाधा के ज़रिए अपना शिकार बनाया। हालांकि वह रूट का भी विकेट ले सकते थे लेकिन ऑनफ़ील्ड अंपायर ने पगबाधा की अपील पर नॉट आउट दिया था और इंपैक्ट अंपायर कॉल के चलते रूट बच गए थे। अंपायर्स कॉल दो बार और खेल में आया। बुमराह ने जॉनी बेयरस्टो को पगबाधा आउट किया और रिव्यू लेने के बावजूद अंपायर्स कॉल के चलते बेयरस्टो को पवेलियन जाना पड़ा। इंग्लैंड की पारी के 63वें ओवर की पांचवीं गेंद और इंग्लैंड के 268 के स्कोर पर अश्विन की गेंद हार्टली पर कैच आउट करार दे दिए गए थे। थर्ड अंपायर ने देखा था कि गेंद हार्टली की हथेली पर लगकर गई थी लेकिन थर्ड अंपायर ने देखा कि हार्टली, अंपायर्स कॉल पर लेग बिफ़ोर आउट हो सकते थे लेकिन ऑनफ़ील्ड अंपायर ने थर्ड अंपायर को बताया कि उन्होंने हार्टली को कैच आउट दिया था। यह अश्विन का टेस्ट में 500वां विकेट भी हो सकता था।

रेहान के रूप में भारतीय टीम को ब्रेकथ्रू तो मिल गया था लेकिन रेहान निचले क्रम के बल्लेबाज़ थे, इसका मतलब था कि इंग्लैंड के पास अभी बल्लेबाज़ी में गहराई बची हुई थी। पहली पारी में विकेटलेस रहे अश्विन ऑली पोप को स्लिप में रोहित के हाथों कैच आउट कराया। रोहित ने आज स्लिप में रेहान का एक कैच भी छोड़ा था जबकि तीसरे दिन भी वह रेहान का कैच नहीं पकड़ पाए थे। हालांकि अश्विन यहीं नहीं रुके। अक्षर की गेंद पर रूट को जीवनदान मिल चुका था लेकिन वह एक बड़े शॉट के प्रयास में गए और शॉर्ट थर्ड पर अक्षर ने ही उनका कैच लपक लिया।

आक्रामक खेल ने पहले सत्र में इंग्लैंड ने 127 रन स्कोरबोर्ड पर जड़ दिए थे लेकिन उनके चार विकेट भी गिर गए थे। हालांकि स्टोक्स और फ़ोक्स ने संघर्ष शुरु किया लेकिन अय्यर का एक सटीक थ्रो भारी पड़ गया। हार्टली और फ़ोक्स के बीच भी साझेदारी पनपी लेकिन इस मैच में कुल नौ विकेट लेने वाले प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड हासिल करने वाले बुमराह ने अपने फ़ॉलो थ्रू में फ़ोक्स का कैच लपक लिया।

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