रोहित और जाडेजा के शतकों की मदद से भारत मज़बूत
राजकोट टेस्ट के पहले दिन रन बनाकर भारत ने पांच विकेट पर 326 रन बनाकर अपनी स्थिति को मज़बूत कर लिया है। भारत की तरफ़ से कप्तान रोहित शर्मा और ऑलराउंडर रवींद्र जाडेजा ने शानदार शतक लगाए, वहीं अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे सरफ़राज़ ख़ान ने भी तेज़ अर्धशतक लगाकर प्रभावित किया। हालांकि वह दुर्भाग्यशाली रहे कि दिन के अंत में एक ग़लत कॉल पर उन्हें रनआउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा। स्टंप्स के समय जाडेजा (110*) के साथ नाइट वाचमैन कुलदीप यादव एक रन बनाकर खेल रहे हैं।
दिन की शुरुआत में भारतीय कप्तान रोहित ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया। भारतीय टीम में चार बदलाव हुए थे, जिसमें से सरफ़राज़ और विकेटकीपर बल्लेबाज़ ध्रुव जुरेल डेब्यू कर रहे थे। हालांकि बल्लेबाज़ी की मुफ़ीद पिच पर भारत की शुरुआत ख़राब रही थी और मार्क वुड ने नई गेंद से युवा भारतीय बल्लेबाज़ों को परेशान किया। यशस्वी जायसवाल एक बाहर निकलती गेंद को छेड़ने गए और स्लिप में कैच दिया।
वहीं नंबर तीन पर शुभमन गिल का संघर्ष जारी रहा। विशाखापतनम टेस्ट में शतक बनाकर आ रहे गिल लगातार संघर्ष करते दिख रहे थे और बाहरी किनारा लगाने से पहले कई बार बीट हुए। उन्हें भी वुड ने एक बाहर निकलती गेंद पर विकेट के पीछे कैच कराया। रजत पाटीदार भी मिले मौक़े का फ़ायदा उठाने में विफल रहे और उन्हें रेहान अहमद ने एक उछाल लेती लेग ब्रेक गेंद पर कवर पर कैच कराया। इस समय भारत का स्कोर 9वें ओवर में 33 रन पर तीन विकेट था और भारत की युवा बल्लेबाज़ी क्रम को देखते हुए इसके भरभराने का ख़तरा भी लगने लगा था।
लेकिन अनुभवी जाडेजा सरफ़राज़ से पहले आए और उन्होंने अपने कप्तान का साथ देना शुरू किया। शुरुआती कुछ मूवमेंट के बाद पिच बल्लेबाज़ी की मुफ़ीद हो गई और दोनों बल्लेबाज़ों ने इसका पूरा फ़ायदा उठाया। ख़ासकर रोहित अधिक आक्रामक थे और उन्होंने अपनी फ़ेवरिट शॉट पुल सहित मैदान के चारों तरफ़ सभी तरह के शॉट लगाए। उनकी 131 रनों की पारी में 14 चौके और तीन छक्के शामिल थे। यह पिछले 10 टेस्ट पारियों में रोहित का पहला और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तीसरा शतक था। दिन के अंतिम सत्र में वह मार्क वुड की जाल में फंस गए, जब वुड ने ऑन साइड की फ़ील्ड लगाकर लगातार उन पर शॉर्ट गेंदों का प्रहार किया और अंत में वह स्क्वेयर लेग पर विपक्षी कप्तान बेन स्टोक्स को पुल शॉट पर कैच देकर पवेलियन में थे। रोहित और जाडेजा के बीच 329 गेंदों में 204 रन की विशाल साझेदारी हुई, इस दौरान जाडेजा ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया।
रोहित के आउट होने के बाद सरफ़राज़ क्रीज़ पर आए और वुड ने उनका भी बाउंसर से स्वागत किया। सरफ़राज़ शॉर्ट गेंदों को झुककर डक करते दिखे और जब स्पिनर्स आएं तो उन पर खुलकर शॉट खेला। उन्होंने स्वीप लगाया, आगे बढ़कर सामने शॉट खेला और शॉर्ट गेंदों को पुल और कट कर सिर्फ़ 48 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। यह डेब्यू पर संयुक्त रूप से दूसरा सबसे तेज़ भारतीय अर्धशतक है।
वह अच्छे रंग में दिख रहे थे और लग रहा था कि दिन के अंत तक वह भी शतक पूरा कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जाडेजा जब 99 पर थे तो उन्होंने जेम्स एंडरसन की एक गेंद को मिड ऑन पर खेल सिंगल के लिए कॉल किया और जब सरफ़राज़ आधी पिच तक पहुंच गए तो फिर उन्होंने रन के लिए मना कर दिया। वुड की सटीक थ्रो जब तक नॉन स्ट्राइक पर लगती तब तक सरफ़राज़ क्रीज़ से बहुत बाहर थे। वह निराश होकर पवेलियन लौटे। जाडेजा ने अगली ही गेंद पर अपना शतक तो पूरा किया लेकिन बहुत ही शालीनता से तलवारबाज़ी कर अपनी शतक का जश्न मनाया।
कुलदीप यादव को नाइटवाचमैन के रूप में भेजा गया था और उन्होंने नई गेंद का अंतिम चार ओवरों में बेहतरीन ढंग से सामना किया और नाबाद पवेलियन लौटे। पांच विकेट शेष रहते हुए भारत का लक्ष्य होगा कि वे कम से कम 400 के स्कोर तक ज़रूर पहुंचे।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं