बशीर ने बदली दूसरे दिन के खेल की तस्वीर
भारत 219 पर 7 (जायसवाल 73, गिल 38 और बशीर 84 पर 4), इंग्लैंड 353 ( रूट 122*, रॉबिंसन 58 और जाडेजा 67 पर 4) से 134 रन से पीछे
रांची टेस्ट शुरु होने से पहले इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स अंपायर्स कॉल के प्रावधान से संतुष्ट नहीं थे लेकिन शनिवार को अंपायर्स कॉल ने इंग्लैंड के पक्ष में अहम भूमिका निभाई। भारत के तीन बल्लेबाज़ (शुभमन गिल, रजत पाटीदार और रविचंद्रन अश्विन) अंपायर्स कॉल का शिकार हुए। दूसरे दिन के खेल में भारत की ओर से तीन खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई। जायसवाल के अर्धशतक के बाद ध्रुव जुरेल और कुलदीप यादव के बीच 42 रनों की नाबाद साझेदारी हुई और इंग्लैंड के पास अभी भी भारत के ऊपर 134 रन की बढ़त है।
अंपायर्स कॉल के इतर भारतीय बल्लेबाज़ों के पास शोएब बशीर की फ़िरकी का कोई जवाब नहीं था। बशीर एक-एक कर के भारत की बल्लेबाज़ी को पीड़ा दे रहे थे और इसी के चलते लंच के बाद स्टोक्स ने एक छोर से बशीर से लगातार 31 ओवर की गेंदबाज़ी भी करवाई। बशीर को दिन के अंतिम चरण में एक ओवर के लिए आराम भी दिया गया लेकिन ऐसा सिर्फ़ उनका छोर बदलने के लिए ही किया गया था। बशीर ने भारत के शीर्ष पांच में से चार (जायसवाल, गिल, पाटीदार और जाडेजा) बल्लेबाज़ों को शिकार बनाया।
हालांकि भारत के विकेटों की झड़ी की शुरुआत सबसे अनुभवी इंग्लिश गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन ने रोहित शर्मा को पवेलियन भेजकर की। इंग्लैंड जब तक बल्लेबाज़ी कर रहा था तब तक रांची के आसमान पर धूप खिली हुई थी। लेकिन जैसे ही गेंद एंडरसन के हाथ में आई, मौसम ने भी करवट ले ली। एंडरसन को सीम मूवमेंट मिल रही थी और रोहित टेस्ट मैच लेंथ पर उनका शिकार भी बन गए।
रोहित का विकेट ज़रूर जल्दी गिर गया था लेकिन पिछले मैच में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले गिल और जायसवाल के बीच साझेदारी पनप गई। दोनों ने मिलकर भारत के स्कोर को 100 के करीब ला दिया। गिल अर्धशतक से चूक गए। गिल और पाटीदार के रूप में भारत को लगातार दो झटके अंपायर्स कॉल के रूप में लगे। पिछले मैच में भारत को संकट से उबारने वाले रवींद्र जाडेजा भी कुछ खास नहीं कर पाए।
हालांकि जायसवाल एक छोर पर डटे हुए थे और सरफ़राज़ ख़ान के साथ साझेदारी भी पनप रही थी। जायसवाल ने इस सीरीज़ में चौथी बार 50 से अधिक का स्कोर (73) भी बना लिया था लेकिन लेंथ पर टप्पा पड़ने वाली बशीर की गेंद को वह बैकफ़ुट पर खेलने गए और गेंद के नीची रहने के चलते वह बोल्ड हो गए।
इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी की तुलना में भारतीय बल्लेबाज़ों की ग़लती तो थी ही लेकिन पहले दिन की तुलना में पिच भी अलग बर्ताव कर रही थी। दरारें खुल चुकी थीं और यशस्वी जिस गेंद पर आउट हुए, वह क्रैक पर पड़ने के बाद नीची रही।
पिच, परिस्थिति और प्रदर्शन के अलावा कोई एक चीज़ जो भारत के पक्ष में गई, वो था इंग्लैंड की ओर से मिले जीवनदान। शुरुआत में जायसवाल का कैच कीपर से थोड़ा ही आगे गिरा था और ऑनफ़ील्ड अंपायर द्वारा टीवी अंपायर का रुख़ करने के चलते जायसवाल बच गए। सरफ़राज़ को एक नहीं दो-दो जीवनदान मिले। एक बार जो रूट पहली स्लिप में गेंद तक पहुंच नहीं पाए तो दूसरी बार सरफ़राज़ जैसे तैसे गिरते पड़ते स्ट्राइकर एंड पर समय रहते पहुंच गए। हालांकि वह दोनों ही जीवनदानों का फ़ायदा नहीं उठा पाए।
भारत की पारी शुरु होने से पहले इंग्लैंड ने 302/7 के स्कोर से दिन की शुरुआत की थी। रूट और ऑली रॉबिंसन क्रीज़ पर डटे हुए थे। भारत ने पहले दिन नई गेंद नहीं ली थी। शनिवार को भी सिराज ने पुरानी गेंद के साथ ही शुरुआत की। हालांकि सिराज के दो गेंद डालते ही नई गेंद ले ली गई लेकिन इंग्लैंड के तीनों विकेट जाडेजा ने ही चटकाए। रूट शुक्रवार को ही शतक बना चुके थे लेकिन कल की तरह ही आज भी वह नाबाद ही ड्रेसिंग रूम लौटे।