बुची बाबू प्रतियोगिता: किशन की प्रभावशाली पारी, कैसी रही सरफ़राज़ की कप्तानी?

जब श्रेयस अय्यर पर छाया सुनील नारायण का ख़ुमार

इशान किशन की 114 रन की पारी की बदौलत झारखंड ने मध्यप्रदेश को दी मात © Associated Press

एक नज़र डालते हैं तमिलनाडु के प्री-सीज़न बुची बाबू प्रतियोगिता पर, जहां भारत के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों और भारतीय टीम के दरवाज़े पर दस्तक देने वालों का कैसा रहा प्रदर्शन।

इशान किशन ने शतक के साथ की वापसी

इशान किशन एक साल बाद लाल गेंद में वापसी कर रहे थे और इसका जश्न उन्होंने शानदार अंदाज़ में मनाया। 107 गेंदों पर 114 रन बनाते हुए किशन ने अपनी टीम झारखंड को पहले दौर में मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ जीत दिलाई। लेकिन इसके बाद पिछले हफ़्ते हैदराबाद के ख़िलाफ़ किशन महज़ एक और पांच रन की पारी खेल पाए, जहां झारखंड को हार नसीब हुई। उस हार ने झारखंड के सेमीफ़ाइनल में जाने की उम्मीदों को भी ख़त्म कर दिया।

प्रथम श्रेणी सीज़न के लिए अपनी उपलब्धता पर काफ़ी अटकलों के बाद झारखंड का नेतृत्व करते हुए किशन ने प्रतियोगिता में अपनी पहली पारी में अपनी टीम के आधे से अधिक रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में पांच चौके और दस छक्के लगाए जिससे झारखंड को 64 रन की बढ़त मिली।

किशन को उम्मीद होगी कि दलीप ट्रॉफ़ी में भी वह इसी फ़ॉर्म को बरक़रार रखेंगे। जहां वह श्रेयस अय्यर की कप्तानी में टीम डी का हिस्सा हैं। उनका सामना अनंतपुर में 5 सितंबर को ऋतुराज गायकवाड़ के नेतृत्व वाली टीम सी से होगा।

सरफ़राज़ का कप्तानी डेब्यू

अजिंक्य रहाणे इंग्लैंड में काउंटी खेल रहे थे, जबकि सूर्यकुमार यादव सिर्फ़ एक मैच के लिए उपलब्ध थे, तो सरफ़राज़ ख़ान पर भरोसा जताते हुए इस प्रतियोगिता में मुंबई की कमान उन्हें सौंपी गई थी। सरफ़राज़ के नेतृत्व में मुंबई एक हार और एक ड्रॉ के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई। जहां उन्हें हरियाणा के ख़िलाफ़ फ़ॉलो-ऑन का भी सामना करना पड़ा।

सरफ़राज़ ने इसी साल इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लाजवाब टेस्ट डेब्यू किया था और वह इस समय भारत के मध्यक्रम के मज़बूत दावेदार हैं। लेकिन इस प्रतियोगिता की चार पारियों में उनका स्कोर 0, 6, 29 और 37 रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जब विराट कोहली और केएल राहुल जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ों की वापसी होती है तो क्या वह भारतीय टेस्ट टीम में प्लेइंग-XI में जगह बना पाएंगे या नहीं।

सरफ़राज़ ख़ान ने बुची बाबू प्रतियोगिता की चार पारियों में कुल 72 रन बनाए © BCCI

सूर्यकुमार सावधान दिखे, श्रेयस पर छाया नारायण का ख़ुमार

कोयंबटूर में TNCA XI के ख़िलाफ़ मुंबई के दूसरे ग्रुप मुक़ाबले में भारत के T20I कप्तान सूर्यकुमार को एक्शन में देखने के लिए अच्छी ख़ासी भीड़ थी। हालांकि क्षेत्ररक्षण के दौरान हाथ में चोट लगने के बाद मैच में उनकी भागीदारी केवल 38 गेंदों तक चली। चोट के कारण आगामी दलीप ट्रॉफी में उनकी भागीदारी पर भी संदेह है।

दूसरी तरफ़ श्रेयस अय्यर ने एक मैच में 2 और 22 के स्कोर बनाए, जहां उन्होंने TNCA XI के ख़िलाफ़ पहली पारी में गेंदबाज़ी करते हुए सुनील नारायण के ऐक्शन की नक़ल जिससे दर्शकों में काफ़ी उत्साह नज़र आया।

तिलक वर्मा, जो कलाई में चोट के बाद मैदान पर वापसी कर रहे हैं उन्होंने ग्रुप स्टेज की अपनी एकमात्र पारी में केवल 18 रन बनाए। सूर्यकुमार और श्रेयस की ही तरह तिलक भी दलीप ट्रॉफ़ी का हिस्सा हैं, जहां वह शुभमन गिल के नेतृत्व वाले भारत ए के लिए खेलेंगे।

साई किशोर का प्रभावशाली प्रदर्शन जारी

भारत अगर रवींद्र जाडेजा, आर अश्विन, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल के बाद कौन होगा स्पिनर - ये सोच रहा है तो उस फ़ेहरिस्त में आर साई किशोर का नाम सबसे ऊपर होगा। लंबे क़द के बाएं हाथ के स्पिनर साई किशोर भी IPL में लगी चोट के बाद वापसी कर रहे हैं। रणजी ट्रॉफ़ी के 2023-24 सीज़न में उन्होंने 15 पारियों में 53 विकेट झटके थे, लिहाज़ा उनसे वैसे ही बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी।

उन्होंने मुंबई की मज़बूत लाइन-अप के ख़िलाफ़ मैच में 88 रन देकर 8 विकेट लिए, जिसमें पहली पारी में 36 रन देकर 5 शामिल है। इससे पहले, उन्होंने हरियाणा के ख़िलाफ़ भी 76 रन देकर 7 विकेट लिए थे और TNCA XI को पहली पारी में बढ़त दिलाने में मदद की थी। साई किशोर के इन प्रदर्शनों ने यह सुनिश्चित कर दिया कि मेज़बान टीम TNCA XI अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहकर सेमीफ़ाइनल में पहुंच जाएगी।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं।

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