एक और सफल इंग्लिश समर के लिए तैयार हैं जसप्रीत बुमराह

बुमराह के लिए इंग्लिश समर हमेशा से ही ख़ास रहा है और उन्होंने यहां कुछ बेहतरीन प्रदर्शन किए हैं

जसप्रीत बुमराह बेकनहम में अभ्यास सत्र के दौरान मुस्कुराते हुए © Bipin Patel

जसप्रीत बुमराह की आवाज़ शनिवार को बेकनहम स्थित केंट काउंटी ग्राउंड में सबसे ज़्यादा गूंज रही थी। भारत का यह प्रमुख गेंदबाज़, इंग्लैंड में भारत के पहले अभ्यास सत्र के दौरान ऊर्जा से भरा हुआ था। उन्होंने गेंद को तो ख़ूब हरकत कराई ही, साथ ही अपने साथियों और कोचों से जोशीले अंदाज़ में बातचीत भी की। इस दौरान मौसम बादलों, तेज़ हवा और हल्की धूप से भरा हुआ था।

भारतीय टीम शुक्रवार को इंग्लैंड पहुंची थी, जहां उन्हें पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलनी है। इस सीरीज़ की शुरुआत 20 जून से लीड्स में होगी। दोनों टीमों में एक ऐसा खिलाड़ी जो अकेले ही नतीज़े को बदलने की क्षमता रखता है, वह बुमराह हैं। बुमराह इस बात को जानते हैं, मगर इसमें कोई घमंड नहीं है।

इंग्लैंड में बुमराह के लिए ज़्यादातर समय अच्छा ही रहा है। उन्होंने इस देश में पहला टेस्ट 2018 में खेला था, जहां नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज़ में भारत की जीत के दौरान उन्होंने पांच विकेट लिए थे। इस जीत से भारत ने 0-2 से पीछे होने के बाद सीरीज़ में वापसी की थी। यही मैदान, 2021 दौरे के पहले टेस्ट में इंग्लेंड के उनके दूसरे पंजे का गवाह भी बना। हालांकि आख़िरी दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो सका था और मैच में आगे होने के बावजूद भारत को ड्रॉ से संतोष करना पड़ा था।

लॉर्ड्स के अगले टेस्ट में बुमराह ने बल्ले से इंग्लैंड को चौंका दिया। उन्होंने मोहम्मद शमी के साथ आख़िरी विकेट के लिए नाबाद 89 रन जोड़े। फिर गेंद से उन्होंने वही किया जिसके लिए वह मशहूर हैं। ओली रॉबिन्सन को फेंकी गई धीमी गेंद को कौन भूल सकता है, जिसे शायद रॉबिन्सन अब भी अपने दिमाग़ में सोच रहे होंगे।

यही बुमराह का अंदाज़ है। वह बल्लेबाज़ों के दिमाग़ में हमेशा के लिए बस जाते हैं। वह रात में अचानक आपकी नींद तोड़ देते हैं। जैसा कि उस्मान ख़्वाजा ने भी 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के बाद कबूल किया था।

इंग्लैंड दौरा बुमराह के लिए हमेशा ख़ास रहा है © AFP/Getty Images

बल्लेबाज़ों के लिए और भी बुरा यह है कि बुमराह कुछ नहीं भूलते। रविवार को अभ्यास के दौरान बुमराह भारत के गेंदबाज़ी कोच मॉर्ने मोर्कल को ट्रेंट ब्रिज़ में लिए गए अपने दोनों पंजों के बारे में बता रहे थे। वह बता रहे थे कि 2018 में जब वह पहली बार आए थे, तब ड्यूक गेंद स्विंग और सीम के अनुकूल हालात में बहुत हरकत कर रही थी, लेकिन बाद के दौरों में वह उतनी असरदार नहीं रही। फिर भी बुमराह ने यह दिखाया है कि वह हालात से ऊपर जाकर गेंदबाज़ी कर सकते हैं।

केंट के दूसरे घरेलू मैदान है बेकनहम में उन्होंने अच्छी सीम मूवमेंट हासिल की और लगातार ऑफ़ स्टंप के बाहर बल्लेबाज़ों को परेशान किया। साथ ही अपनी यॉर्कर लेंथ केके गेंदों से उन्हें क्रीज़ के भीतर ही रोक कर रखा।

अगर आप बुमराह को 40-50 गज़ दूर से उनके गेंदबाज़ी हाथ के पीछे से देख रहे होते हैं, तो आपको लगेगा भी नहीं कि यह वही गेंदबाज़ है, जो जनवरी में सिडनी में न्यू ईयर टेस्ट के दूसरे दिन पीठ में खिंचाव के कारण गेंदबाज़ी रोकने को मजबूर हो गया था। बाद में यह पता चला कि यह उनकी पीठ में स्ट्रेस रिएक्शन है।

ऐसी किसी और चोट से बचने के लिए, BCCI की मेडिकल टीम ने चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के साथ मिलकर तय किया है कि बुमराह को बहुत संभालकर इस्तेमाल किया जाएगा। इसलिए इस इंग्लैंड दौरे पर वह सभी पांच टेस्ट नहीं खेलेंगे। जितना कम उन्हें देखा जाएगा, उतनी ही क़ीमती होगी वह झलक जब बुमराह पूरी रफ़्तार के साथ गेंदबाज़ी करते दिखेंगे।

बुमराह इंग्लैंड की गर्मियों के लिए तैयार हैं।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं

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