रॉड्रिग्स और हरमनप्रीत की बदौलत रिकॉर्ड चेज़ से फ़ाइनल में भारत

नीरज पाण्डेय

Harmanpreet Kaur और Jemimah Rodrigues ने खेली अदभुत पारियां © ICC/Getty Images

भारत 341 पर 5 (रॉड्रिग्स 127*, हरमनप्रीत 89 और गार्थ 47 पर 2) ने ऑस्ट्रेलिया 338 (लिचफ़ील्ड 119, पेरी 77, गार्डनर 63 और श्री चरणी 49 पर 2) को पांच विकेट से हराया

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई में खेले गए महिला विश्व कप 2025 के दूसरे सेमीफ़ाइनल में इतिहास रच दिया है। ऑस्ट्रेलिया द्वारा मिले 339 रनों के लक्ष्य को भारत ने नौ गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया। यह महिला क्रिकेट में किसी भी टीम द्वारा हासिल किया गया सबसे बड़ा लक्ष्य हो गया है। जहां ऑस्ट्रेलिया ने फ़ीबी लिचफ़ील्ड (119) की शानदार शतकीय पारी की बदौलत एक बड़ा स्कोर खड़ा किया था तो वहीं भारत ने जेमिमाह रॉड्रिग्स के नाबाद 127 रनों की पारी के दम पर इस मैच को जीता और फ़ाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।

पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान अलिसा हीली का विकेट काफ़ी जल्दी गंवा दिया था लेकिन इसके बाद लिचफ़ील्ड और एलिस पेरी के बीच एक बेहतरीन साझेदारी हुई। दूसरे विकेट के लिए दोनों ने 155 रन जोड़े और इस दौरान ख़ासतौर से लिचफ़ील्ड ने भारतीय गेंदबाज़ों को बैकफ़ुट पर रखा। केवल 77 गेंदों में शतक लगाते हुए उन्होंने भारत को लगातार परेशान किया। अमनजोत कौर ने 119 के स्कोर पर लिचफ़ील्ड का विकेट लेकर इस साझेदारी का अंत किया। इसके बाद आस्ट्रेलिया ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए और 265 के स्कोर तक उनके छह बल्लेबाज़ वापस जा चुके थे।

एश्ली गार्डनर ने एक छोर से तेज़ी से रन बनाना शुरू किया और केवल 45 गेंदों में 63 रनों की पारी खेल डाली। चार बड़े छक्के लगाते हुए गार्डनर ने ऑस्ट्रेलिया को 350 के क़रीब पहुंचाया। बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी ने कमाल की गेंदबाज़ी की और 10 ओवर में केवल 49 रन देते हुए दो अहम विकेट हासिल किए।

लगभग एक साल के बाद भारतीय टीम में वापसी कर रही शेफ़ाली वर्मा भारत के रन चेज़ के दूसरे ओवर में ही आउट हो गई। इसके बाद स्मृति मांधना ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाए लेकिन 24 के निजी स्कोर पर उन्हें भी पवेलियन लौटना पड़ा। अंपायर ने लेग स्टंप के बाहर की इस गेंद को वाइड करार दिया था लेकिन हीली ने जब रिव्यू लिया तो पता चला कि उनके बल्ले का बारीक़ किनारा लगा था। तीसरे अंपायर ने मांधना को आउट करार दिया और उन्हें इस फ़ैसले पर भरोसा नहीं हो पा रहा था। दोनों ओपनर के विकेट गंवाने के बावजूद भारत ने पावरप्ले में 60 रन बना लिए थे।

रॉड्रिग्स और हरमनप्रीत ने इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ों पर काउंटर अटैक किया और उन्हें सेटल नहीं होने दिया। बीच के ओवरों में दोनों ने जमकर बड़े शॉट लगाए जिसमें ख़ास तौर से हरमनप्रीत ने अधिक चांस लिए। तीसरे विकेट के लिए दोनों के बीच 167 रनों की साझेदारी हुई जिसमें काफ़ी तेज गति से रन आए। हरमनप्रीत ने 88 गेंद में 89 रनों की पारी खेली। इस साझेदारी के दौरान जेमिमाह को कुछ जीवनदान भी मिले। जहां हीली ने उनका एक आसान कैच गिराया तो वहीं कुछ कठिन मौक़े भी कैच में तब्दील नहीं हो पाए।

36वें ओवर में जब हरमनप्रीत का विकेट गिरा तो ऐसा लगा कि ऑस्ट्रेलिया की वापसी होगी लेकिन बाएं हाथ की बल्लेबाज दीप्ति शर्मा ने केवल 17 गेंद में 24 रनों का योगदान देकर मैच को थोड़ा और क़रीब ले जाने का काम किया। दूसरे छोर पर रॉड्रिग्स अंतिम गेंद तक क्रीज़ पर बने रहने का प्रण ले चुकी थी और उन्होंने विश्व कप का अपना पहला शतक पूरा किया। 264 के स्कोर पर भारत ने दीप्ति का विकेट गंवाया और तब भी लगा कि भारत मुश्किल में पड़ सकता है।

हालांकि यहां पर ऋचा घोष ने केवल 16 गेंद में 26 रनों की एक तेज़ पारी खेली और रॉड्रिग्स के साथ मिलकर 46 रनों की एक बेहतरीन साझेदारी कर डाली। इस साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को मैच से पूरी तरह बाहर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने तमाम कोशिश की लेकिन भारत को जीत हासिल करने से नहीं रोक सकी।

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