मांधना : इस टीम की सबसे बड़ी ताक़त यह है कि हर कोई एक-दूसरे के लिए खड़ा रहा

ESPNcricinfo स्टाफ़

भारत ने साउथ अफ़्रीका को महिला विश्व कप 2025 में हराकर पहली बार इस टूर्नामेंट को जीता।

जीत के तुरंत बाद भारतीय खिलाड़ियों ने ये कहा :

शेफ़ाली वर्मा, प्लेयर ऑफ़ द मैच: "शुरुआत में मैंने कहा था कि भगवान ने मुझे कुछ ख़ास करने के लिए यहां भेजा है और आज वही दिखा। मैं बहुत ख़ुश हूं कि हमने विश्व कप जीता। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। टूर्नामेंट के बीच में आना मुश्किल था, लेकिन मुझे यक़ीन था कि अगर मैं ख़ुद पर भरोसा रखूंगी और शांत रहूंगी, तो मैं कुछ भी कर सकती हूं। मेरे माता-पिता, दोस्त और मेरे भाई ने मेरा बहुत समर्थन किया। आज मैं बस यही सोच रही थी कि मुझे किसी भी क़ीमत पर रन बनाने हैं और टीम को जीत दिलाना है। मेरी योजन बिल्कुल साफ़ था और मैंने अपनी योजना के अनुसार बल्लेबाज़ी की। स्मृति दी मुझसे लगातार बात कर रही थीं, हरमन दी हमेशा सपोर्ट करती हैं। टीम के साथियों ने भी मेरा समर्थन किया, उन्होंने मेरा स्वागत भी काफ़ी अच्छी तरह से किया। सीनियर्स ने बस यही कहा कि अपना स्वाभाविक खेल खेलो, अपने स्वाभाविक खेल से दूर मत हटना। [सचिन तेंदुलकर का स्टैंड्स में देखना] यह मेरे लिए बहुत यादगार पल है। जब मैंने सचिन सर को देखा, तो मुझे एक ख़ास तरह का बूस्ट मिला। मैं उनसे कभी-कभी बात करती हूं, वह हमेशा मेरा हौसला बढ़ाते हैं। आज भी उन्हें देखकर ही मुझे प्रेरणा मिली।"

अमनजोत कौर: " हर खिलाड़ी को पता था कि वुलफ़ॉर्ट का कैच कितना महत्वपूर्ण था। मुझे लगता है कि मैंने अपने जीवन में पहली बार इतना फ़म्बल किया। मुझे ख़ुशी है कि मुझे दूसरा मौक़ा मिला। मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। (इसका जीत क्या मतलब है?) इस जीत का बहुत ख़ास मतलब है। आप भीड़ का उत्साह देख सकते हैं। हमने इतिहास रचा है। यह तो बस शुरुआत है, भारतीय क्रिकेट अगले स्तर पर जाएगा। हम हर फ़ॉर्मेट में पूरी दुनिया पर हावी होने वाले हैं। (परिवार के लिए संदेश) सभी को बधाई। मेरे परिवार, मेरे कोच, जिनके परिवार यहां हैं या जो घर पर बैठे हैं…सबको बधाई। मेरी दादी की तबियत ठीक नहीं है, वह घर पर देख रही हैं। मुझे लगता है कि यह दर्शकों की भी जीत है। क्योंकि वे भारी संख्या में हमारा समर्थन करने आए। यह जीत मुंबई के लिए है, यह जीत सभी के लिए है। यह जीत प्रतिका के लिए भी है जो चोट के कारण बाहर हो गईं। मैं जानती हूं कि चोट के कारण मैच से बाहर होना कैसा लगता है। सब कुछ अच्छा नहीं होता लेकिन हर चीज़ में कुछ अच्छा होता है।"

ऋचा घोष: "(जीत के महत्व पर) इस जीत का बहुत महत्व है। हम लंबे समय से विश्व कप का इंतज़ार कर रहे थे। हमें इंतेज़ार था कि हम ट्रॉफ़ी कब उठंएँगे। और आज हमने ट्रॉफ़ी जीत ली है। हम चैंपियन हैं। मैं इस एहसास को समझा नहीं सकती लेकिन हम सब बहुत ख़ुश हैं। आप देख सकते हैं कि हर कोई कितना भावुक है। यह बिल्कुल अलग है। (हर्डल में क्या बात हुई) मुझे लगता है कि हर्डल में यही बात थी कि यह आख़िरी दिन है। हम सब कुछ देना चाहते थे। चाहे कुछ भी हो जाए, हम बस अपना सब कुछ झोंकना चाहते थे। (फ़िनिश पर) फ़ाइनल का दबाव था, इतनी भीड़ और प्रशंसक थे। लेकिन मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहती थी, यह मुख्य बात थी। हर किसी को मुझ पर भरोसा था कि मैं बाहर जाकर बड़े हिट लगा सकती हूं और इससे मुझे बहुत मदद मिली।"

प्रतिका रावल: "मैं पर्याप्त रूप से इस पल को व्यक्त नहीं कर सकती। मेरे पास शब्द नहीं हैं। यह मेरे मुंह से ज्यादा कुछ नहीं निकलेगा। मेरे कंधे पर इस झंडे का ख़ास है। टीम के साथ यहां होना बहुत ख़ास मतलब है। चोट खेल का एक हिस्सा हैं। मैं बहुत ख़ुश हूं कि मैं इस विजेता टीम का हिस्सा थी। आप जानते हैं कि मैं इस टीम से बहुक प्यार करती हूं। मैं इस टीम के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। इसलिए मैं बहुत ख़ुश हूं कि हमने सचमुच यह कर दिखाया। हम इतने लंबे समय में विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय टीम हैं। ईमानदारी से कहूं तो मेरे लिए बाहर बैठकर मैच देखना बहुत मुश्किल था। बाहर से देखने की बजाय अंदर खेलना बहुत आसान होता है। लेकिन इस ऊर्जा को देखकर, इस माहौल को देखकर काफ़ी अच्छा लग रहा है।

स्मृति मांधना: "मुझे नहीं पता कि इस पर कैसे प्रतिक्रिया दूं। अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है। मैं क्रिकेट के मैदान पर कभी भावुक नहीं हुई हूं, लेकिन यह एक बहुत ही अविश्वसनीय पल है। हम हर विश्व कप में जाते हैं और हम सभी के लिए बहुत दिल टूटे हैं। लेकिन हम हमेशा मानते हैं कि महिला क्रिकेट के साथ हमारी एक बड़ी ज़िम्मेदारी है और पिछले डेढ़ महीने में हमें जो समर्थन मिला है, उसे देखकर काफ़ी अच्छा लगा। मैं पिछले 40 दिनों को समझा नहीं सकती। लेकिन आज विश्व कप जीतकर इसे समाप्त करना एक अलग अहसास है। पिछला T20 विश्व कप हम सभी के लिए मुश्किल था, लेकिन हमने अपनी फ़िटनेस पर काम करने, हर पहलू पर बेहतर बनने पर ध्यान केंद्रित किया। इस टीम की सुपर-स्ट्रेंथ यह है कि कैसे हर कोई एक-दूसरे के लिए एकजुट रहा, एक-दूसरे के लिए खेला। एक विश्व कप में आपको सभी के समर्थन की ज़रूरत होती है। हमने एक-दूसरे की सफलता का आनंद लिया। यह एक जादू की तरह है "

अमोल मजूमदार: " इसमें कोई संदेह नहीं है कि बहुत गर्व महसूस हो रहा है। सभी लड़कियों द्वारा यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। वे हर श्रेय की हक़दार हैं, वे हर उस चीज़ की हक़दार हैं जो यहां से आगे मिलेगी। उन्होंने अविश्वसनीय रूप से कड़ी मेहनत की है। मैं इस तथ्य को जानता हूं कि उन्होंने हर भारतीय को गर्व महसूस कराया है। (लीग स्टेज में मिली हार पर) हमने उन हारों को हार के रूप में नहीं देखा, हमने बस सोचा कि हम जीत के काफ़ी क़रीब थे। (देश में महिला क्रिकेट के लिए इसका क्या मतलब है) मुझे नहीं पता, मुझे सच में नहीं पता। मुझे यक़ीन है कि वे हर उस चीज़ की हक़दार हैं जो यहां से आगे मिलेगी। उन्होंने इसके लिए बहुत ज़्यादा मेहनत की है। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। (शेफ़ाली के बारे में) उन्होंने जादूई प्रदर्शन किया । सेमीफ़ाइनल में वह बिना दबाव के खेल रही थीं। फ़ाइनल में भी उन्होंने वही किया। वह घरेलू दर्शकों के सामने, खचाखच भरे स्टेडियम में एक धमाकेदार पारी खेलती हैं। उसके बाद विकेट लेती हैं।

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