मुतुसामी और यानसन की बदौलत दूसरा दिन साउथ अफ़्रीका के नाम

Play 09:51
करीम : भारत के लिए गुवाहाटी टेस्ट जीतना अब लगभग नामुमकिन है

साउथ अफ़्रीका 489 (मुतुसामी 109, यानसन 93, वेरेन 45 और कुलदीप 115 पर 4) भारत 9 पर 0 (जायसवाल 7* और राहुल 2*) से 480 रन आगे

गुवाहाटी में दूसरे दिन का खेल जब शुरू हुआ तो भारतीय प्रशंसक इस उम्मीद के साथ बंधे थे कि उन्हें आज जल्द से जल्द भारत की बल्लेबाज़ी देखने मिलेगी लेकिन सेनुरन मुतुसामी और मार्को यानसन ने मिलकर इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

मुतुसामी और काइल वेरेन ने पहले सत्र में संभलकर बल्लेबाज़ी की और साउथ अफ़्रीका ने बिना कोई विकेट गंवाए ही पहला सत्र समाप्त किया। साउथ अफ़्रीका ने पहले सत्र में मात्र 69 रन जोड़े लेकिन पगबाधा की अपील पर आउट करार दिए जाने के बाद DRS पर बचने के अलावा मुतुसामी को कोई ख़ास परेशानी नहीं हुई। इस सीरीज़ में यह पहला ऐसा सत्र था जब एक भी विकेट नहीं गिरा।

पहले सत्र में साउथ अफ़्रीका के दोनों बल्लेबाज़ों ने मात्र छह ग़लत शॉट्स खेले और ESPNcricinfo लॉग्स के अनुसार 2015 से लेकर अब तक हुए 243 सत्र में यह एक ऐसा सत्र (कम से कम 120 गेंदें डाली गई हों) था जिसमें प्रतिशत के लिहाज़ से बल्लेबाज़ों ने दूसरे सबसे कम ग़लत शॉट्स खेले। इससे पहले 2023 के अहमदाबाद टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों ने पहले दिन के दूसरे सत्र में 198 गेंदों का सामना करते हुए मात्र छह ग़लत शॉट्स खेले थे।

हालांकि दूसरे सत्र में रवींद्र जाडेजा ने वेरेन को आगे आता देख गेंद को उनसे दूर फेंका और विकेट के पीछे ऋषभ पंत ने गिल्लियां बिखेर दीं लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों की असल परीक्षा यहां से शुरू हुई क्योंकि यानसन ने आते ही भारतीय गेंदबाज़ों पर धावा बोल दिया। यानसन और मुतुसामी ने मात्र 51 गेंदों पर ही आठवें विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की।

लंच से पहले मुतुसामी ने शतक और यानसन ने अर्धशतक पूरा किया और दोनों बल्लेबाज़ दूसरे सत्र की समाप्ति के बाद नाबाद ही पवेलियन लौटे और तब तक साउथ अफ़्रीका सात विकेट के नुक़सान पर 428 रन जोड़ दिए थे। टेस्ट की एक पारी में जून 2018 के बाद यह पहला मौक़ा था जब किसी टीम के सात बल्लेबाज़ों ने 35 या उससे अधिक रन बनाए थे।

Senuran Muthusamy celebrates और Marco Jansen के बीच आठवें विकेट के लिए 97 रनों की साझेदारी हुई © BCCI

दूसरे सत्र में मुतुसामी ने जसप्रीत बुमराह की शॉर्ट गेंद को फ़ाइन लेग की ओर खेला था लेकिन फ़ाइन लेग पर फ़ील्डर को गेंद देर से दिखी जिसके चलते गेंद पहले गिर गई। हालांकि भारत ने एक बार फिर तीसरे सत्र में धमाकेदार शुरुआत की और मुतुसामी इस बार मोहम्मद सिराज की शॉर्ट गेंद पर फ़ाइन लेग पर ही शिकार हुए और दोनों बल्लेबाज़ों के बीच 97 रनों की साझेदारी टूट गई।

जल्द ही बुमराह ने साइमन हार्मर को बोल्ड किया लेकिन यानसन अभी भी मौजूद थे और उन्होंने केशव महाराज के साथ साउथ अफ़्रीका की पारी को और आगे बढ़ाना शुरू किया। यानसन ने अपनी पारी में कुल सात छक्के जड़े जो कि 2006 में लाहौर में शाहिद अफ़रीदी द्वारा भारत के ख़िलाफ़ लगाए गए सर्वाधिक छक्कों के बराबर है। जबकि नौवें से 11वें नंबर के बल्लेबाज़ द्वारा भारत के ख़िलाफ़ लगाए गए यह सर्वाधिक छक्के भी हैं। इसके साथ ही इस सदी में सिर्फ़ तीसरी बार ऐसा हुआ जब भारत में, दो भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने एक टेस्ट पारी में 30 से अधिक ओवर डाले, इससे पहले 2009 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ ऐसा हुआ था।

हार्मर के आउट होने के बाद भारत को अंतिम विकेट के लिए आठ और ओवर का इंतज़ार करना पड़ा और यानसन कुलदीप यादव का चौथा शिकार बनते हुए अंतिम विकेट के रूप में आउट हुए और शतक से चूक गए। हालांकि तब तक साउथ अफ़्रीका ने स्कोरबोर्ड पर 489 रन बना लिए थे। पहली पारी में विपक्षी टीम द्वारा सर्वाधिक 478 का स्कोर बनने के बाद भारत घर पर कोई टेस्ट मैच जीता है, भारत को यह जीत 2010 में बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मिली थी।

एक विशाल स्कोर का पीछा करने उतरी यशस्वी जायसवाल और के एल राहुल ने संभलकर बल्लेबाज़ी करना शुरू किया। दिन के खेल में अधिक समय शेष नहीं था और रौशनी भी लगातार कम हो रही थी। भारतीय पारी में 6.1 ओवर का खेल हुआ ही था कि ऑनफ़ील्ड अंपायर ने ख़राब रौशनी के चलते दिन के खेल को समाप्त करने का फ़ैसला किया।

नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।

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