408 रनों से दूसरा टेस्ट जीतकर साउथ अफ़्रीका ने पूरा किया क्लीन स्वीप
साउथ अफ़्रीका 489 और 260/5 घोषित (स्टब्स 94, डीज़ॉर्ज़ी 49, जाडेजा 62 पर चार) ने भारत 201 और 140 (जाडेजा 54, हार्मर 37 पर 6) को 408 रनों से हराया
साउथ अफ़्रीका ने गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत को 408 रनों के बड़े अंतर से हरा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने इस टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम को क्लीन स्वीप कर दिया है। 25 सालों के लंबे इंतज़ार के बाद साउथ अफ़्रीका ने भारत में टेस्ट सीरीज़ जीतने में सफलता हासिल की है। 549 रनों के विशालकाय लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम मैच के आख़िरी दिन दूसरे सेशन में 140 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई। दूसरी पारी में भारत के लिए रवींद्र जाडेजा ने सबसे अधिक 54 रनों का योगदान दिया तो वहीं साउथ अफ़्रीका के लिए साइमन हार्मर ने सबसे अधिक छह विकेट चटकाए।
चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने केवल 27 रन बनाए थे और अपने दोनों ओपनर के विकेट गंवा दिए थे। आख़िरी दिन की शुरुआत में कुलदीप यादव और साई सुदर्शन ने लगातार अच्छा डिफेंस दिखाया, लेकिन हार्मर ने इस डिफेंस को तोड़ने का काम किया। उन्होंने कुलदीप को सीधी गेंद पर क्लीन बोल्ड किया और इस साझेदारी का अंत किया। इससे पहले कुलदीप और साई सुदर्शन दोनों को जीवनदान मिले थे। मार्को यानसन की गेंद पर साई सुदर्शन के बल्ले का बाहरी किनारा लगा था जिसे विकेटकीपर ने आसानी से कैच किया। हालांकि, वह नो-बॉल निकल गई। कुलदीप के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर गेंद स्लिप में एडन मारक्रम के पास गई थी लेकिन वह कैच नहीं पकड़ पाए।
कुलदीप को आउट करने के बाद इसी ओवर में हार्मर ने ध्रुव जुरेल का भी विकेट हासिल किया। पहले सेशन की समाप्ति से ठीक पहले हार्मर ने ऋषभ पंत का भी शिकार किया। इस तरह पहले सत्र में साउथ अफ़्रीका को हार्मर ने तीन सफलताएं दिलाई। साई सुदर्शन जिस तरह से लगातार डिफेंस कर रहे थे उससे भारतीय ख़ेमे को थोड़ी सी उम्मीद नज़र आ रही थी। दूसरे छोर पर जाडेजा ने आते ही आक्रामक तेवर दिखाए। हालांकि, दूसरे सेशन की शुरुआत में सेनुरन मुतुसामी ने साई सुदर्शन के डिफेंस को तोड़ा और उन्हें पवेलियन का रास्ता दिखाया। 139 गेंदों का सामना करने के बाद सुदर्शन ने केवल 14 रन बनाए।
यहां से साउथ अफ़्रीका को अपनी जीत साफ़ नजर आने लगी थी लेकिन वाशिंगटन सुंदर और जाडेजा ने उन्हें थोड़ी देर और परेशान किया। दोनों ने 77 गेंदों में 35 रनों की साझेदारी की जिसका अंत वॉशिंगटन के विकेट के साथ हुआ। जाडेजा ने छक्के के साथ अपना अर्धशतक तो पूरा किया लेकिन भारत काफ़ी तेज़ी से हार की ओर बढ़ रहा था। आक्रमण करने के चक्कर में जाडेजा केशव महाराज की गेंद पर स्टंप हुए और फिर भारतीय पारी को सिमटने में अधिक समय नहीं लगा।