आक़िब नबी : 'IPL में ठुकराए जाने की आदत है, लेकिन इस बार कुछ अलग लग रहा है'
पिछले कुछ सीज़न से जम्मू और कश्मीर के आक़िब नबी ने IPL नीलामी से ज़्यादा उम्मीदें रखनी बंद कर दी है। फ़िर भी, अब 16 दिसंबर नज़दीक आ रहा है तो उन्हें IPL नीलामी से पहले कुछ अलग सा लग रहा है। नबी ने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा," कुछ अलग तो है लेकिन मैं किसी एक कारण की तरफ़ इशारा नहीं कर पा रहा हूं। आख़िरकार वो समय आ गया लेकिन आप कुछ कह नहीं सकते। अगर कुछ नहीं होता है तो भी ठीक है, मुझे इसकी आदत है।"
नबी को अच्छे से पता है कि क्रिकेट में कुछ भी तय नहीं है लेकिन इसके बावजूद वह ख़ुद के लिए हल्की सी उम्मीद जगाना चाहते हैं। " इस साल कुछ रोमांच तो है।" और यह अच्छी बात है। IPL के नज़दीक आने पर वैसे भी ये सब बातें काफ़ी सुनने को मिलती है।
नबी ने SMAT के मौजूदा सीज़न में अभी तक 7 मैचों में 15 विकेट लिए हैं और उनका इकॉनमी 7.41 की रही है। मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ उन्होंने बढ़िया ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए 21 गेंदों में 32 रनों की पारी खेलने के बाद तीन विकेट भी लिए थे और टीम को जीत दिलाई थी। इसके अलावा रणजी ट्रॉफ़ी 2025-26 की शुरुआत में भी नबी ने काफ़ी शानदार प्रदर्शन किया है और टॉप 5 सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में एकमात्र तेज़ गेंदबाज़ भी हैं। उन्होंने 9 पारियों में 29 विकेट लेकर जम्मू और कश्मीर को नॉकआउट राउंड में पहुंचाने में अहम योगदान दिया और इसमें राजस्थान के ख़िलाफ़ उन्होंने सिर्फ़ 24 रन देकर 7 विकेट लिए थे।
2024-25 रणजी ट्रॉफ़ी में भी नबी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और उन्होंने 13.93 की जबरदस्त औसत से 44 विकेट हासिल किए थे। उस सीज़न नबी से ज़्यादा विकेट सिर्फ़ विदर्भ के हर्ष दुबे ने लिए थे और उन्होंने 69 विकेट लेकर नया रिकॉर्ड बनाया था। तेज़ गेंदबाज़ों में कोई भी नबी के आसपास भी नहीं था और उनके पास किसी तेज़ गेंदबाज़ के सबसे ज़्यादा विकेट 35 थे।
नबी ने कहा, "जब आप लगातार अच्छा कर रहे हो लेकिन उस स्तर की आपको पहचान नहीं मिलती तो थोड़ा मुश्किल तो होता है। इससे आत्मविश्वास थोड़ा कम होता है लेकिन मानसिक तौर पर आपको मजबूत होना भी सिखाता है। यह आपके ऊपर है कि आप इस चीज़ को किस तरह से लेते हैं।"
नबी को दलीप ट्रॉफ़ी में नॉर्थ ज़ोन की टीम में जगह मिली थी और वहां उन्होंने चार गेंदों में चार विकेट लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया था। घरेलू स्तर पर इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद नबी का भारत ए की टीम में लगातार नहीं चुना जाना चर्चा का विषय रहा है।
नबी ने बताया," मेरा ध्यान पूरी तरह से मैच पर होता है। मैं परिणामों के बारे में नहीं सोचता हूं। मैं वर्तमान में रहने में विश्वास रखता हूं। लेकिन ये चीज़ मैं अपने परिवार और दोस्तों को कैसे समझाऊं जिन्हे लगता है कि इस बार हो जाएगा। उनके हिसाब से आंकड़े ही सब कुछ हैं। मेरे लिए प्रदर्शन मायने रखते हैं। ट्रायल काफ़ी मुश्किल होते हैं और बहुत सारे खिलाड़ियों के साथ आपको मुक़ाबला करना होता है। जब आप गेंदबाज़ी कर रहे होते हैं तो कौन देख रहा है, कितनी गेंदें मिलती हैं - ये सब काफ़ी अहम होता है। हज़ार नामों में से आपका नाम चुने जाने के लिए काफी चीज़ें देखनी पड़ती है।"
" पिछले रणजी सीज़न में किसी ने मुझसे बात भी नहीं की। मैंने 6 बार पारी में 5 विकेट लिए थे और तेज़ गेंदबाज़ों में सबसे आगे था। दलीप ट्रॉफ़ी में चार गेंदों में चार विकेट लेने के बाद ही मुझे थोड़ी पहचान मिली। उसके बाद टीमों के कॉल आने लगे और दिल्ली कैपिटल्स एवं मुंबई इंडियंस के साथ ट्रायल भी हुए। सारे ट्रायल अच्छे गए और अब देखते हैं 16 दिसंबर को क्या होता है?"
नबी दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ बढ़िया ऑउटस्विंग गेंद डालते हैं और उन्होंने इनस्विंग गेंद के लिए काफ़ी मेहनत की है। इसके अलावा T20 के लिए उन्होंने यॉर्कर, वाइड यॉर्कर और धीमे बाउंसर जैसी गेंदों पर भी काम किया है।
उन्होंने बताया," आपको बदलाव करते रहना चाहिए। फ़िटनेस को लेकर मुझे कभी दिक्क्तें नहीं आई और वह मेरे नियमित कंडीशनिंग का हिस्सा है। इसलिए मुझे लंबे स्पेल डालने में कोई परेशानी नहीं होती।"
नबी ने अपने जम्मू और कश्मीर के गेंदबाज़ी कोच पी कृष्ण कुमार को भी अपने बढ़िया प्रदर्शन का श्रेय दिया है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर क्रिकेट में हुए बदलावों का भी फ़ायदा हुआ है। नबी ने कहा," मैं जिस तरह के जगह (बारामुल्ला) से आता हूं, वहां कोई सेट-अप नहीं था। मुझे छोटे रन-अप में गेंदबाज़ी करनी पड़ती थी। अभी भी मुझे ट्रेनिंग के लिए श्रीनगर या जम्मू आना पड़ता है। पिछले 4-5 सालों में चीज़ें काफ़ी बदली है और हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं। "
जम्मू और कश्मीर के पूर्व कप्तान और ऑलराउंडर परवेज़ रसूल ने इस बदलाव की शुरुआत की थी, जब वह भारत की तरफ़ से खेलने वाले अपने जम्मू और कश्मीर के पहले खिलाड़ी बने थे। उमरान मलिक ने दिखाया कि तेज़ गेंदबाज़ी क्या कर सकती है। अब्दुल समद और रसिख सलाम ने IPL से नाम कमाया है। नबी भी IPL में खेलने का सपना देख रहे हैं लेकिन इसके अलावा वह जम्मू और कश्मीर के लिए घरेलू ख़िताब भी जीतना चाहते हैं।
नबी ने यह भी बताया कि दलीप ट्रॉफ़ी के दौरान अर्शदीप सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ियों से बात करके उन्हें काफ़ी फ़ायदा हुआ। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि वह सोशल मीडिया से लगातार नहीं जुड़े होते हैं और बीच में सिर्फ़ पोस्ट करने के लिए ही वहां आते हैं। पिछले 18 महीनों में नबी का प्रदर्शन चर्चा में रहा है और उनका नाम कई जगह सुनने को मिल रहा है।