MCG पर मात्र दो दिन में इंग्लैंड के 5468 दिनों का इंतज़ार समाप्त हुआ
5468 ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड की पिछली टेस्ट जीत और शनिवार को MCG टेस्ट जीत के बीच 5468 दिन का इंतज़ार करना पड़ा। SCG में जनवरी 2011 में पिछली टेस्ट जीत के बाद इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में 18 टेस्ट खेले जिसमें उन्हें 16 में जीत मिले जो कि किसी टीम का ऑस्ट्रेलिया में बिना जीत के संयुक्त तौर पर खेले गए सर्वाधिक टेस्ट हैं।
3 ऐशेज़ 2025-26 से पहले ऐसी सिर्फ़ तीन द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज़ हुई थीं जिसमें एक से ज़्यादा टेस्ट दो दिन के भीतर समाप्त हुआ था। 1888 में ऑस्ट्रेलिया के इंग्लैंड दौरे में ऐसे तीन टेस्ट मैच खेले गए थे जबकि 1888-89 और 1895-96 में इंग्लैंड के साउथ अफ़्रीका दौरे में दो टेस्ट मैच दो दिन के भीतर समाप्त हुए थे। 1912 में इंग्लैंड की मेज़बानी में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ़्रीका के बीच खेली गई त्रिकोणीय सीरीज़ में भी दो टेस्ट मैच दो दिन के भीतर समाप्त हुए थे।
इस ऐशेज़ से पहले ऑस्ट्रेलिया में खेले गए कुल 450 पुरुष टेस्ट मैचों में से सिर्फ़ दो टेस्ट ही दो दिन में समाप्त हुए थे - 1931 में मेलबर्न में वेस्टइंडीज़ और 2022 में ब्रिस्बेन में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेला गया टेस्ट।
479 ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न टेस्ट में कुल 479 गेंदों का सामना किया जो कि 1928 में ब्रिस्बेन में खेले गए टेस्ट के बाद से एक टेस्ट में खेली गई सबसे कम गेंदें हैं। 1928 के ऐशेज़ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया मात्र 457 गेंदों का ही सामना कर पाया था।
284 ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न में कुल 284 रन बनाए जो कि घर पर एक टेस्ट में उनके द्वारा बनाए गए दूसरे न्यूनतम कुल रन हैं। इससे पहले 2016 में होबार्ट में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वह 246 रन ही बना पाए थे।
17 इस टेस्ट से पहले जो रूट ने ऑस्ट्रेलिया में बिना जीत के 17 टेस्ट खेले थे। अब ऑस्ट्रेलिया में बिना जीत के सर्वाधिक 12 टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड के डैनियल वेटोरी के नाम है। मेलबर्न में जीत से पहले बेन स्टोक्स ने भी ऑस्ट्रेलिया में बिना जीत के 12 टेस्ट खेले थे।
46 मेलबर्न टेस्ट में ट्रैविस हेड का 46 का स्कोर इस टेस्ट में व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर था। यह ऑस्ट्रेलिया में केवल पांचवां ऐसा टेस्ट था जिसमें दोनों टीमों की ओर से किसी भी बल्लेबाज़ ने अर्धशतक नहीं लगाया जबकि पुरुष टेस्ट इतिहास में यह 17वां ऐसा टेस्ट था।
1981 इससे पहले ऐशेज़ के इतिहास में ऐसा 1981 में हुआ था जब किसी टीम को उसके किसी भी बल्लेबाज़ द्वारा अर्धशतक लगाए बिना जीत मिली हो, यह जीत इंग्लैंड ने एजबैस्टन में हासिल की थी। इससे पहले इंग्लैंड ने 2000 में लॉर्ड्स टेस्ट में बिना किसी बल्लेबाज़ के अर्धशतक लगाए टेस्ट मैच जीता था।
39.02 2025 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टेस्ट मैचों के दौरान गेंदबाज़ी स्ट्राइक रेट 39.02 रहा जो कि एक साल में किसी मेज़बान देश में खेले गए पांच या उससे अधिक टेस्ट मैचों में सबसे कम गेंदबाज़ी स्ट्राइक रेट है।
2025 में 11 टेस्ट खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों ने 36.7 के स्ट्राइक रेट से गेंदबाज़ी की जो कि एक साल में कम से कम पांच टेस्ट मैच खेलने वाली टीम का दूसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी स्ट्राइक रेट है। 1896 में इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने छह टेस्ट में 32.7 के स्ट्राइक रेट से गेंदबाज़ी की थी।
0 यह ऑस्ट्रेलिया में पहला ऐसा टेस्ट था जब स्पिनरों ने एक भी गेंद नहीं डाली। ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट में इससे पहले स्पिनरों ने सबसे कम 12 गेंदें 1984 में ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्टइंडीज़ WACA टेस्ट में डाली थीं। मौजूदा सीरीज़ के पर्थ टेस्ट में रूट और नेथन लायन ने कुल मिलाकर 18 गेंदें डाली थीं जो कि ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट में स्पिनरों द्वारा डाली गईं तीसरी सबसे कम गेंदें थीं।
852 मेलबर्न टेस्ट मात्र 852 गेंदों में समाप्त हो गया जो कि पूर्ण टेस्ट में डाली गईं 10वीं सबसे कम गेंदें हैं। मेलबर्न में पर्थ टेस्ट के मुक़ाबले सिर्फ़ पांच गेंदें अधिक डाली गईं।
5571 मौजूदा ऐशेज़ में अब तक केवल 5571 गेंदें डाली गई हैं जो कि एक टेस्ट सीरीज़ के पहले चार मैचों में डाली गईं तीसरी सबसे न्यूनतम गेंदें हैं। 1902 ऐशेज़ के पहले चार मैचों में 4675 जबकि 1985-86 की विज़डन ट्रॉफ़ी के पहले चार मैचों में केवल 5513 गेंदें थीं।
संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैस्टिशियन हैं