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फ़ाइनल (D/N), दुबई, March 09, 2025, ICC चैंपियंस ट्रॉफ़ी
पिछलाअगला

भारत की 4 विकेट से जीत, 6 गेंद बाकी

रिपोर्ट

रोहित की कप्तानी पारी से 12 वर्षों बाद चैंपियंस ट्रॉफ़ी भारत के नाम

रोहित ने तेज़ तर्रार 76 रनों की पारी खेली, अय्यर, अक्षर और राहुल ने भी बल्लेबाज़ी में योगदान दिया जबकि गेंदबाज़ी में कुलदीप यादव भी भारत की जीत में अहम कड़ी साबित हुए

भारत 254 पर 6 (रोहित 76, अय्यर 48, राहुल 34 और ब्रेसवेल 28 पर दो ) ने न्यूज़ीलैंड 251 पर 7 (मिचेल 63, ब्रेसवेल 53* और कुलदीप 40 पर दो) को चार विकेट से हराया
रोहित शर्मा की कप्तानी पारी, श्रेयस अय्यर, अक्षर पटेल, केएल राहुल और कुलदीप यादव के सामूहिक प्रयास की बदौलत भारत ने न्यूज़ीलैंड को हराते हुए चैंपियंस ट्रॉफ़ी का ख़िताब अपने नाम कर लिया है। भारत ने तीसरी बार यह ख़िताब अपने नाम किया है जबकि रोहित ने बतौर कप्तान लगातार दूसरी ICC ट्रॉफ़ी अपने नाम की है।
रोहित को उनकी कप्तानी पारी के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया। रोहित ने कहा कि इस अभियान में उन्हें टीम और मैनेजमेंट का भरपूर साथ मिला। वहीं रचिन रवींद्र को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।
हालांकि इस लक्ष्य को हासिल करना भारत के लिए इतना आसान नहीं था लेकिन सेमीफ़ाइनल की तरह ही राहुल और हार्दिक पंड्या ने इस बार भी भारत की पकड़ में आए मैच को हाथ से बाहर नहीं जाने दिया।
अय्यर जब 44 के स्कोर पर थे तब एक बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में लॉन्ग ऑन पर काइल जेमिसन ने उनका आसान कैच छोड़ दिया था। लक्ष्य भारत से अभी भी दूर था ऐसे में अय्यर का विकेट कीवी टीम के लिए काफ़ी अहम था। हालांकि डॉट गेंदों से बन रहे लगातार दबाव के चलते अय्यर बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर रवींद्र को कैच थमा बैठे। रोहित भी रनों की गति थमने के चलते स्टेप आउट करने के चक्कर में स्टंप हो गए थे।
हालांकि अक्षर पटेल अभी भी मौजूद थे और क्रीज़ पर उनकी नज़रें जम चुकी थीं। अय्यर के आउट होने के एक गेंद बाद ही अक्षर ने छक्का जड़कर अपने इरादे साफ़ कर दिए और केएल राहुल ने भी हाथ खोलने में देरी नहीं की और राहुल की तर्ज पर ही हार्दिक ने भी हार्ड हिटिंग क्षमता का उपयोग करना शुरू कर दिया और भारत के लिए जीत महज़ औपचारिकता ही हो गई।
भारत को 252 रनों का लक्ष्य मिला था और चेज़ की बागडोर ख़ुद कप्तान रोहित ने अपने कंधों पर लेते हुए भारत को एक तेज़ शुरुआत दिलाई। शुभमन गिल के साथ उन्होंने एक तेज़ तर्रार शतकीय साझेदारी की और ऐसा प्रतीत होने लगा कि यह फ़ाइनल एकतरफ़ा साबित होक जाएगा। हालांकि तभी ग्लेन फ़िलिप्स ने गिल का एक हैरतअंगेज़ कैच लपक लिया और विराट कोहली भी दूसरी ही गेंद पर पगबाधा हो गए।
कोहली के आउट होने के बाद ज़िम्मेदारी अब रोहित पर थी। अय्यर के साथ साझेदारी पनप ही रही थी कि 25वां ओवर मेडन जाने के बाद रोहित पहली ही गेंद पर स्टेप आउट कर गए थे। हालांकि रोहित की पारी ने एक ऐसे स्कोर तक भारत को पहुंचा दिया था कि न्यूज़ीलैंड को मैच में वापसी करने की काफ़ी मेहनत की दरक़ार थी। लेकिन न्यूज़ीलैंड भी पीछे हटने को तैयार नहीं था और लक्ष्य से 49 रन दूर अक्षर लॉन्ग ऑफ़ पर कैच थमा बैठे।
भारत के उलट फ़ील्ड में न्यूज़ीलैंड ने फ़िलिप्स की अगुवाई में एक बढ़िया शुरुआत की थी लेकिन इससे पहले गिल का ही और बाद में अय्यर का भी कीवी टीम ने कैच छोड़ा, यह कुछ ऐसे मौक़े थे जो न्यूज़ीलैंड की मुक़ाबले में वापसी करा सकते थे लेकिन भारत ने भी फ़ील्ड में एक रन आउट का मौक़ा गंवाने के साथ ही चार कैच भी छोड़े। सेमीफ़ाइनल की तरह ही मोहम्मद शमी से भी फ़ॉलोथ्रू में एक कैच छूटा जबकि रोहित, गिल और अय्यर ने भी कैच छोड़े, अग़र यह मौक़े भुना लिए गए होते तो संभव है कि भारत के सामने लक्ष्य इससे भी छोटा होता। हालांकि मिचेल और ब्रेसवेल के अर्धशतकों ने न्यूज़ीलैंड को एक ऐसे स्कोर तक पहुंचा दिया था जहां से वो लड़ाई लड़ सकता था।
कैच छोड़ने के साथ ही भारत और न्यूज़ीलैंड में एक समानता पारी की शुरुआत थी। रोहित की तरह ही न्यूज़ीलैंड की आक्रामक शुरुआत की बागडोर रविंद्र ने संभालते हुए 7 ओवर में ही बिना किसी नुक़सान के न्यूज़ीलैंड के स्कोर को 50 के पार पहुंचा दिया था। नतीजा यह हुआ कि भारत ने पावरप्ले में ही स्पिन को आक्रमण पर ला दिया। हालांकि वरुण चक्रवर्ती पहला ओवर उम्मीदों के अनुरूप ना जाने के बाद एक बार फिर भारत के लिए वरदान बने और उन्होंने विल यंग को अपना शिकार बना लिया।
असली काम अभी भी बाक़ी था क्योंकि रविंद्र अभी भी क्रीज़ पर मौजूद थे लेकिन अपने पिछले दोनों ICC फ़ाइनल में विकेटलेस गए कुलदीप यादव ने अपने पहले स्पेल की पहली ही गेंद पर रविंद्र को गुगली पर बीट किया और फिर केन विलियमसन को उन्होंने अपने फ़ॉलो-थ्रू में लपक लिया। न्यूज़ीलैंड की पारी यहां से लड़खड़ाई लेकिन डैरिल मिचेल और ग्लेन फ़िलिप्स ने यहां से पारी को संभालना शुरू किया।
लेकिन पारी संभालने के क्रम में कीवी टीम के ऊपर रनों का अंकुश जारी रहा और भारत ने 11 से 40 ओवरों के बीच स्पिन को ही आक्रमण पर लगाए रखा। 2002 के बाद यह सिर्फ़ दूसरी बार था जब भारत ने वनडे की एक पारी में इस चरण में सिर्फ़ स्पिनरों का इस्तेमाल किया था। वो मैच भी चैंपियंस ट्रॉफ़ी का ही फ़ाइनल था और रिज़र्व डे था लेकिन इस बार भारत पूर्ण रूप से ट्रॉफ़ी को अपने नाम रिज़र्व करने जा रहा था।

नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।

Language
Hindi
जीत की संभावना
भारत 100%
न्यूज़ीलैंडभारत
100%50%100%न्यूज़ीलैंड पारीभारत पारी

ओवर 49 • भारत 254/6

भारत की 4 विकेट से जीत, 6 गेंद बाकी
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भारत पारी
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ICC चैंपियंस ट्रॉफ़ी