बांग्लादेश ए 112 (मोसद्देक 63, सौरभ 4-23, नवदीप 3-21) और 341 पर 9 (ज़ाकिर 173, नज़मुल हसन 77, सौरभ 63-5) ने भारत ए 465 पर पांच, पारी घोषित (यशस्वी 145, अभिमन्यु 141, तैजुल 3-170) के साथ ड्रॉ खेला।
ज़ाकिर हसन ने अपने करियर की सबसे महत्वपूर्ण पारी खेलकर बांग्लादेश ए को भारत ए के ख़िलाफ़ पहले अनाधिकृत टेस्ट को ड्रॉ कराने में मदद की।
बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ज़ाकिर ने 10 घंटे तक क्रीज़ पर टिककर भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण को ख़ूब परेशान किया। इसी गेंदबाज़ी आक्रमण ने मैच के पहले दिन बांग्लादेश ए को 112 पर ढेर कर दिया था। और जब ज़ाकिर आउट हुए तो मैच के आख़िरी दिन शाम को सिर्फ़ चार ओवर बचे थे और बांग्लादेश ए के नंबर 10 और 11 के बल्लेबाज़ों ने अपनी टीम को सुरक्षित बचा लिया।
ज़ाकिर ने 402 गेंदों का सामना करते हुए 173 रन की पारी में 16 चौके और तीन छक्के लगाए। इनमें से अधिकांश रन
नज़मुल हसन शांतो के साथ दूसरे विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी के दौरान आए। शांतो ने 187 गेंदों का सामना कर दस चौकों की मदद से 77 रन बनाए।
दोनों बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने तीसरे दिन आधे खेल हो जाने के बाद साझेदारी बनानी शुरू की और चौथे दिन सुबह तक डटे रहे। मुकेश कुमार ने नज़मुल हसन को पगबाधा आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। मोमिनुल हक़ (17) और कप्तान मोहम्मद मिथुन (10) थोड़े समय ही टिक पाए लेकिन जाकेर अली (16) ने एक घंटा और 44 मिनट तक ज़ाकिर का डटकर साथ दिया।
जब सरफ़राज़ ख़ान ने जाकेर का विकेट निकाला उसके बाद बाएं हाथ के स्पिनर
सौरभ कुमार ने अपना कमाल दिखाते हुए अगले चार विकेट चटका दिए। उन्होंने मोसद्देक हुसैन और तैजुल इस्लाम को डक पर आउट करने के बाद ज़ाकिर को क्लीन बोल्ड कर दिया। नईम हसन को पगबाधा आउट कर सौरभ ने अपना पांचवां विकेट हासिल किया।
रेजाउर रहमान राजा और ख़ालिद अहमद ने बाक़ी बचे 14 गेदों को निकालकर मैच ड्रॉ करा लिया। सौरभ ने पूरे मैच में 86 रन देकर 9 विकेट हासिल किए।