भारत ने 2-0 से सीरीज़ अपने नाम की • Sportsfile/Getty Images
भारत 225 पर 7 (हुड्डा 104, सैमसन 77, ऐडेर 3-42) ने आयरलैंड 221 पर 5 (बैलबर्नी 60, स्टर्लिंग 40, टेक्टर 39, डॉकरेल 34*, बिश्नोई 1-41) को चार रन से हराया
दीपक हुड्डा ने टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा। संजू सैमसन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। पॉल स्टर्लिंग ने आईपीएल को याद दिलाया कि वह अभी भी अपने शिखर पर हैं। ऐंडी बैलबर्नी ने स्लॉग किया और गेंदों को मैदान से बाहर भेजा। और फिर हैरी टेक्टर, जॉर्ज डॉकरेल और मार्क ऐडेर ने दिखाया कि आयरलैंड के पास निचले क्रम में ताबड़तोड़ हिटर मौजूद हैं।
इसके बाद 226 के रन चेज़ में सब कुछ अंतिम गेंद पर आकर रुक गया जहां आयरलैंड को छह रनों की दरकार थी।
उमरान मलिक ने अपने अंतिम ओवर की पहली पांच गेंदों पर 11 रन दिए थे जिसमें से चार बल्ले के किनारे की बदौलत आए थे। बारिश के कारण प्रभावित हुए डेब्यू मैच में उन्होंने केवल एक ओवर डाला था और इस मैच के पहले तीन ओवरों में उन्होंने 31 रन लुटाए थे। इस मैच के रन रेट को ध्यान में रखते हुए यह बुरे आंकड़े नहीं थे लेकिन सब कुछ इस अंतिम गेंद पर निर्भर करता।
उमरान ने गेंद को ऑफ़ स्टंप से काफ़ी दूर रखा और ऐडेर ने उसे कवर प्वाइंट की दिशा में खेल दिया। हालांकि उन्हें वह ऊंचाई नहीं मिल पाई और भारत ने 2-0 से सीरीज़ अपने नाम की। यह एक ऐसा मैच था जिसका असर क्रिकेट के कार्यक्रम तथा खेल के आर्थिक प्रवाह पर होना चाहिए।
हालिया समय में मैलाहाइड विश्व क्रिकेट में रन बनाने के बढ़िया मैदानों में से एक रहा है। इस मैच से पहले यहां का औसतन रन रेट 9.12 का था।
सैमसन और हुड्डा ने दिखाई भारत की गहराई
हुड्डा भारत द्वारा खेली गई पिछली टी20 सीरीज़ में बेंच पर बैठे थे और सैमसन तो टीम का हिस्सा तक नहीं थे। यह तब था जब भारत ने अपने कई नियमित खिलाड़ियों को आराम दिया था। हुड्डा को इस सीरीज़ में मौक़ा मिला क्योंकि ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर उपलब्ध नहीं थे और सैमसन इस मैच के लिए एकादश में आए क्योंकि ऋतुराज गायकवाड़ चोटिल थे।
हालांकि इस मैच में इनमें से कोई भी एक साधारण खिलाड़ी नहीं नज़र आया जब इन्होंने महज़ 87 गेंदों पर 176 रन जोड़े। यह टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में दूसरे विकेट के लिए सर्वाधिक तथा किसी भारतीय जोड़ी के लिए किसी भी विकेट के लिए निभाई गई सबसे बड़ी साझेदारी है। यह भारतीय क्रिकेट में मौजूद गहराई का सबसे बड़ा उदाहरण था।
सैमसन से अधिक रन बनाने तथा उनसे आकर्षक शॉट कोई विशेष खिलाड़ी ही कर सकता है और हुड्डा ने ठीक ऐसा ही किया। क़दमों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने अपने लंबे हाथों का उपयोग किया और सामने की तरफ़ बड़े शॉट लगाए। इसके अलावा थोड़ी सी भी छोटी गेंद को उन्होंने पुल और हुक किया। 27 गेंदों पर उन्होंने टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहला अर्धशतक लगाया और टी20 क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ने में उन्हें 55 गेंदें लगी।
इस साझेदारी में सैमसन ने भी अपनी ख़ूबसूरत टाइमिंग का प्रदर्शन किया। अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद पांच गेंदों के भीतर उन्होंने तीन छक्के लगाए और फिर वह ऐडेर की यॉर्कर गेंद पर बोल्ड हो गए। 90 पर पहुंचने के बाद हुड्डा की गाड़ी धीमी हो गई और 91 से 100 तक जाने में उन्हें 10 गेंदें लगी।
हुड्डा-सैमसन की जोड़ी को तोड़ने के बाद आयरलैंड ने वापसी की। क्रेग यंग और ऐडेर ने अंतिम दो ओवरों में तीन विकेट लेते हुए केवल 13 रन दिए। अंत में यह छोटी सी वापसी और हुड्डा का धीमा होना भारत पर भारी पड़ सकता था।
आयरलैंड का पलटवार
टॉप आठ टीमों के ख़िलाफ़ पॉल स्टर्लिंग 17 टी20 अंतर्राष्ट्रीय पारियों में केवल एक बार 20 का आंकड़ा पार कर पाए थे। शायद यही एक कारण है कि उन्हें आईपीएल में नहीं चुना जाता है। जब वह चलते हैं तो उन्हें रोकना कठिन हो जाता है। भुवनेश्वर कुमार को यह पता चला जब पहले ओवर में लगातार चार बाउंड्री लगाते हुए स्टर्लिंग ने आयरलैंड को अच्छी शुरुआत दिलाई।
हालांकि दूसरे छोर पर बैलबर्नी हर गेंद को मैदान के बाहर भेजने की कोशिश में नाकाम हो रहे थे। अपनी आठवीं गेंद पर स्वीप के सहारे भुवनेश्वर को छक्का लगाकर उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत की। स्टर्लिंग और बैलबर्नी की साझेदारी के चलते पावरप्ले में मेज़बान टीम ने 73 रन जोड़े। इस दौरान उन्होंने स्टर्लिंग का विकेट गंवाया जब वह रवि बिश्नोई की गुगली पर बोल्ड हो गए।
आधी पारी की समाप्ति पर 107 पर दो के स्कोर पर आयरलैंड मैच में बना हुआ था। बैलबर्नी ने चौके और छक्के के साथ दूसरे भाग की शुरुआत की लेकिन वह हर्षल पटेल का शिकार बने। हर्षल का दिन कठिन था जहां उनकी धीमी गेंद हाथ से फिसलकर फ़ुल टॉस हो रही थी। अगली ही गेंद पर स्वीपर कवर को कैच थमाकर बैलबर्नी चलते बने।
अगली नौ गेंदों पर कोई बाउंड्री नहीं लगी और अब आयरलैंड को जीत के लिए 48 गेंदों पर 102 रन चाहिए थे। पहले टी20 में अर्धशतक बनाने वाले टेक्टर क्रीज़ पर थे लेकिन क्या उनके अन्य बल्लेबाज़ पारी को तेज़ गति से आगे बढ़ाएंगे?
जी हां, डॉकरेल ने अपनी पहली गेंद को कवर के ऊपर से भेज दिया छह रनों के लिए और यहां से ऐसा समय आया जहां आयरलैंड ने 16 गेंदों के भीतर तीन छक्के और चार चौके लगाए जिससे अब ज़रूरत 18 गेंदों पर 38 रनों की थी। भुवनेश्वर ने 18वें ओवर में टेक्टर को आउट किया लेकिन आयरलैंड की गाड़ी रुकी नहीं।
अंत में सब कुछ एक गेंद और एक शॉट पर आ गया। किसी और दिन ऐडेर बड़ा शॉट लगा देते लेकिन इस बार उमरान और भारत की विजय हुई।