सिराज और बुमराह ने भारत को रिकॉर्ड समय में दिलाई जीत
सिराज और बुमराह की जोड़ी ने धारदार गेंदबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के लिए जीत की नींव रखी
हेमंत बराड़
04-Jan-2024
भारत की जीत में बुमराह का अहम योगदान रहा • Gallo Images/Getty Images
भारत 153 (कोहली 46, रोहित 39, एनगिडी 3-30, रबाडा 3-38, बर्गर 3-42) और 80 पर 3 (जायसवाल 28, यानसन 1-15) ने साउथ अफ़्रीका 55 (वेरेन 15, सिराज 6-15) और 176 (मारक्रम 106, बुमराह 6-61) को सात विकेट से हराया
पहली पारी में सिराज की धारदार गेंदबाज़ी के बाद साउथ अफ़्रीका की दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 61 रन देकर छह विकेट हासिल किए। बुमराह की इस बेहतरीन गेंदबाज़ी का परिणाम यह था कि भारत के सामने सिर्फ़ 79 रनों का लक्ष्य था, जिसे भारत ने सात विकेट शेष रहते हासिल कर लिया और दो मैचों की सीरीज़ में 1-1 की बराबरी कर ली।
इस टेस्ट में केवल 107 ओवर हुए जिसका मतलब है कि यह टेस्ट इतिहास का परिणाम देने वाला सबसे छोटा टेस्ट रहा। इसके अलावा केपटाउन में साउथ अफ़्रीका को हराने के मामले में भारत पहली एशियाई टीम भी बनी। इससे पहले भारत इस मैदान में छह टेस्ट खेला था लेकिन उन्हें कभी भी जीत नहीं मिली थी।
इससे पहले एडन मारक्रम ने 103 गेंद में 106 रनों की बेहतरीन पारी खेली। यह टेस्ट इतिहास में पहली बार हुआ जहां पर एक बल्लेबाज़ ने तब शतक लगाया जब उनके साथी खिलाड़ी दोनों ही पारियों में 20 रन तक भी नहीं पहुंच सके। काइल वेरेन ने पहली पारी में 15 रन बनाए थे जो साउथ अफ़्रीका की ओर से दोनों पारी में दूसरी सर्वश्रेष्ठ पारी थी।
साउथ अफ़्रीका के लिए दिन की शुरुआत ख़राब रही। उन्होंने दिन की शुरुआत तीन विकेट पर 62 रनों से की, जहां उन्होंने पहला विकेट पहले ही ओवर में गंवा दिया। डेविड बेडिंघम बुमराह की गेंद पर ड्राइव लगाने गए और गेंद विकेटकीपर के दस्तानों में चली गई।
इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए वेरेन भी लंबे समय तक नहीं टिक सके। वह एक गुड लेंथ गेंद पर पुल लगाने चले गए और मिडऑन पर लपके गए। अपना पांचवां विकेट लेने के लिए बुमराह ने केशव महाराज को ड्राइव के लिए ललचाते हुए उन्हें स्लिप में कैच आउट कराया।
हालांकि दूसरी तरफ़ मारक्रम दूसरे ही ज़ोन में बल्लेबाज़ी कर रहे थे। यह एक ऐसी पिच थी,जहां बल्लेबाज़ों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन मारक्रम खुल कर अपना शॉट खेल रहे थे। अपने 106 रनों में से 47 रन उन्होंने बैकवर्ड प्वाइंट और एक्स्ट्रा कवर के बीच से बनाए। जब भी भारतीय गेंदबाज़ थोड़ी फुलर गेंद करते थे वह कवर ड्राइव लगा देते थे। जब गेंद छोटी होती थी तो वह कवर प्वाइंट की दिशा में पंच खेल देते थे। यही वजह थी कि भारतीय टीम को डीप कवर लगाने पर मजबूर होना पड़ा।
मारक्रम ने 68 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया और उसके बाद अगले पचास रन बनाने के लिए उन्होंने सिर्फ़ 31 गेंद लिए और अपना सातवां टेस्ट शतक पूरा किया। प्रसिद्ध कृष्णा के ख़िलाफ़ उन्होंने एक ही ओवर में दो छक्के और दो चौके लगाए। इसके साथ ही कगिसो रबाडा के साथ मिलकर आठवें विकेट के लिए 51 रन की साझेदारी की, जिसमें रबाडा का योगदान केवल दो रन का था।
हालांकि उनके इस शतकीय पारी में एक बार जीवनदान भी मिला। जब वह 73 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे, तो के एल राहुल ने बुमराह की गेंद पर उनका कैच टपका दिया था।
रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल जानते थे कि उन्हें आक्रामक होकर खेलना होगा क्योंकि टिककर खेलने से विकेट गिर सकता है। इसी कारण से दोनों बल्लेबाज़ों ने काफ़ी आक्रामक तरीक़े से बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 5.4 ओवरों में 44 रन जोड़ने में क़ामयाब रहे। हालांकि इसी तरह की बल्लेबाज़ी के प्रयास में यशस्वी नांद्रे बर्गर की गेंद पर आउट भी हो गए लेकिन तब तक भारत लक्ष्य के काफ़ी क़रीब पहुंच चुका था।
इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए शुभमन गिल रबाडा की गेंद पर और विराट कोहली पुल लगाने के प्रयास में यानसन की गेंद पर आउट हो गए लेकिन अंत में श्रेयन ने चौका लगा कर भारतीय टीम को जीत दिला दी।
हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।