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दो टेस्ट मैचों की छोटी टेस्ट सीरीज़ के लिए एबी डीविलियर्स ने टी20 क्रिकेट को दोष दिया

पूर्व साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता है

Virat Kohli congratulates Dean Elgar after his final Test innings, South Africa vs India, 2nd Test, Cape Town, 1st day, January 3, 2024

साउथ अफ़्रीका और भारत के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज़ सिर्फ़ दो मैचों का था  •  AFP/Getty Images

साउथ अफ़्रीका के पूर्व कप्तान एबी डीविलियर्स इस बात से नाराज़ हैं कि भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच केवल दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला हुई। इस स्थिति के लिए उन्होंने टी20 लीग की संख्या में हुई वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया है।
दोनों देशों के बीच हुई टेस्ट सीरीज़ का पहला मैच साउथ अफ़्रीका ने पारी और 32 रन से जीता था। वहीं दूसरा टेस्ट भारतीय टीम के नाम रहा था, जहां उन्होंने मेज़बान टीम को सात विकेट से हराया था। इस तरह से दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ बराबरी पर समाप्त हुई थी।
डीविलियर्स ने लंबी टेस्ट श्रृंखला की वक़ालत करते हुए कहा है कि अगर हमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम की पहचान करनी है तो काफ़ी "कुछ बदलना होगा"।
उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "मैं इस बात से ख़ुश नहीं था कि इस सीरीज़ में सिर्फ़ दो ही टेस्ट मैच खेले गए। आपको इसके लिए दुनिया भर में चल रही टी20 लीग को दोष देना होगा। मैं नहीं जानता कि विशेष रूप से किसे दोष दूं, लेकिन मुझे लगता है कि कुछ गड़बड़ है। अगर आप सभी टीमों को उचित प्रतिस्पर्धा करते हुए देखना चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम कौन है, तो कुछ अहम बदलाव करना होगा।"
भारत के ख़िलाफ़ खेली गई सीरीज़ के बाद साउथ अफ़्रीका की टीम फ़रवरी में टेस्ट सीरीज़ के लिए न्यूज़ीलैंड का दौरा करेगी। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि यह सीरीज़ भी दो टेस्ट मैचों का होगा और इसमें साउथ अफ़्रीका ने अपने कई प्रमुख खिलाड़ियों को आराम देते हुए दूसरे दर्जे की टीम को चयनित किया है। इस सीरीज़ में साउथ अफ़्रीका के चयनकर्ताओं ने कुल सात अनकैप्ड खिलाड़ियों को मौक़ा दिया है। इस तरह की टीम चुनने का संभावित कारण यह है कि उस समय साउथ अफ़्रीका की घरेलू टी20 लीग SA20 खेला जाएगा। तब उनके सभी सीनियर खिलाड़ी उसी टूर्नामेंट में व्यस्त होंगे। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ होने वाली स्टेट सीरीज़ में नील ब्रांड को कप्तान बनाया गया है, जिनका अब तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टेस्ट डेब्यू भी नहीं हुआ है।
डीविलियर्स का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट दबाव में है और उन्होंने स्वीकार किया कि खिलाड़ी और कोच पांच दिवसीय प्रारूप खेलने की बजाय उन प्रतियोगिताओं को चुनना पसंद करेंगे, जिनमें मोटी रक़म मिलती है।
उन्होंने कहा, ''इस चयन प्रकिया ने (न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ होने वाली टेस्ट सीरीज़ के लिए) क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि टेस्ट क्रिकेट दबाव में है। यहां तक कि वनडे क्रिकेट भी दबाव में है और पूरे क्रिकेट जगत में टी20 क्रिकेट में बदलाव ला रही है।''
"खिलाड़ी, बोर्ड और कोच तो उसी ओर रुख़ करेंगे जहां अधिक पैसा होगा। आप उन्हें अपने परिवार और अपने भविष्य के बारे में सोचने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकते।"
केपटाउन की पिच पर डिविलियर्स की टिप्पणी
साउथ अफ़्रीका और भारत के बीच खेले गए टेस्ट सीरीज़ का दूसरा मैच कैपटाउन में खेला गया था। उस मैच की पिच की काफ़ी आलोचना हुई थी क्योंकि वह मैच सिर्फ़ दो ही दिनों में ख़त्म हो गया था। क्रिकेट इतिहास का यह सबसे छोटा टेस्ट था, जिसका परिणाम सिर्फ़ 107 ओवरों में ही निकल गया था। डिविलियर्स ने इस पिच के बारे में टिप्पणी करते हुए इसे काफ़ी साधारण बताया था।
उन्होंने कहा, "मेरी राय में यह काफ़ी साधारण स्तर का था। मुझे याद है कि मैं पहले दिन पिच के आस-पास घूम रहा था और मैंने कहा था कि अगर आप इस पिच पर पहले सत्र को आराम से खेल लेंगे तो यह बल्लेबाज़ी के लिए आसान हो जाएगा। मुझे याद है कि बेन स्टोक्स ने वहां दोहरा शतक बनाया था। मैंने भी वहां कुछ शतक बनाए हैं। आप इस पिच पर गेंदबाज़ों को ऑफ़ स्टंप पर लगातार गेंदबाज़ी करने की आज़ादी नहीं दे सकते।"