IPL 2025 इस समय एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां पर प्लेऑफ़ में पहुंची टीमों को एक मैच हारना भी भारी पड़ सकता है, इससे उनकी लीग तालिका में शीर्ष दो में पहुंचने की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। ऐसे में जब शुक्रवार को
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB)
सनराइज़र्स हैदराबाद (SRH) से एक अहम मुक़ाबले में
42 रनों से हारी तो मैच के बाद उनके स्टैंड इन कप्तान
जितेश शर्मा ने कहा "कई बार मैच हारना अच्छा संकेत होता है", उनका यह बयान अब चर्चा का विषय बना हुआ है।
मैच हारने के बाद पुरस्कार समारोह में जितेश ने कहा, "मुझे लगता है कि 20-30 रन अधिक बन गए थे। उन्होंने बहुत अच्छा खेला। मेरे पास उनके आक्रमण का कोई जवाब नहीं था। हम जंग खा चुके थे, शुरू में इतनी तीव्रता नहीं दिखाई। डेथ ओवरों में हमने सही जगह पर गेंदबाज़ी की। अभी के लिए मैं डेविड से नहीं मिला हूं क्योंकि मैं निराश था कि आउट हो गया। कई बार हारना एक अच्छा संकेत होता है क्योंकि आप जांच सकते हैं, एनालिस कर सकते हैं। पॉज़िटिव चीज़ यही है कि सभी योगदान दे रहे हैं। इस हार के बाद हम दोबारा से चीज़ों को देखेंगे और आगे बढ़ेंगे।"
ESPNcricinfo के टाइम आउट शो में अनिल कुंबले को जितेश का यह बयान पसंद नहीं आया। 27 मई को लीग चरण के अंत में RCB का लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) से मुक़ाबला होना है, कुंबले को उम्मीद नहीं है कि उनकी पुरानी टीम शीर्ष दो में जगह बनाएगी।
उन्होंने कहा, "आपको यह चीज़ें कहने की ज़रूरत है। आपको इस स्तर पर हारना नहीं चाहिए। आपको यहां जीतने की ज़रूरत थी जिससे आप आसानी से शीर्ष दो में पहुंचते। हम सभी शीर्ष दो में समाप्त करने की अहमियत जानते हैं। यह अभी भी हो सकता है। गणितानुआसा कुछ भी तालिका में हो सकता है। लेकिन दबाव RCB पर होगा। RCB के लिए अच्छी बात यह है कि वे अपना आखिरी लीग मैच खेलेंगे और उनको पता होगा कि वे कहां खड़े हैं और उनको क्या करने की ज़रूरत है।"
इसी शो पर टॉम मूडी ने कहा, "मुझे लगता है कि आपको बहुत तेज़ी से आगे बढ़ना होगा। मुझे लगता है कि आपको अपने घावों पर पट्टी बांधनी होगी और वहां कुछ निशान भी हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि आप इस पर बहुत अधिक ध्यान देंगे। क्योंकि उन्होंने इस सीज़न बहुत सी अच्छी चीज़ की हैं और यही फ़ोकस होना चाहिए, इस मैच से कुछ पॉज़िटिव लेकर जाइए, जैसे 80 रनों की ओपनिंग साझेदारी, सॉल्ट का टीम में वापस आना और फ़ॉर्म का दिखाना। तो जितना पॉज़िटिव हो उतना रहने की कोशिश करनीहोगी, क्योंकि अब वह समय नहीं है कि खिलाड़ियों के मन में दूसरा विचार आए कि वे क्या कर रहे हैं या उनका टीम में क्या रोल है।"