क्या T20I में होगी शुभमन गिल की वापसी?
एशिया कप में गिल को मौक़ा दिया जा सकता है लेकिन चयनकर्ताओं के पास सैमसन और अभिषेक की जोड़ी को बदलने के लिए कोई ठोस कारण चाहिए
शशांक किशोर
13-Aug-2025 • 8 hrs ago
क्या Shubman Gill की स्थिर आक्रमकता को टीम मैनेजमेंट तवज्जो देगी ? • PA Images via Getty Images
इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर रोहित शर्मा वनडे फ़ॉर्मैट से संन्यास लेते हैं तो शुभमन गिल को इस फ़ॉर्मैट का भी कप्तान बनाया जा सकता है। गिल एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो वनडे और टेस्ट में भारतीय टीम के चयन का अभिन्न हिस्सा हैं और यहां उनके चयन पर कोई सवाल ही नहीं उठता। टेस्ट कप्तान के तौर पर अपने पहली सीरीज़ में उन्होंने इंग्लैंड में 2-2 की बराबरी दिलाई। साथ ही बतौर बल्लेबाज़ उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े। इसके अलावा उन्होंने भारतीय टीम को 2023 वनडे विश्व कप फ़ाइनल तक पहुंचाने तथा 2025 चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीतने में अहम भूमिका निभाई।
अब भारतीय टीम का अगला लक्ष्य एशिया कप जीतना है, जो इस सितंबर में खेला जाएगा। यह टूर्नामेंट 2026 में होने वाले T20 विश्व कप की तैयारियों की दृष्टिकोण से काफ़ी महत्वपूर्ण है, जहां भारतीय टीम चयन से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने का प्रयास करेगी। लेकिन फ़िलहाल के लिए सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि क्या सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाले भारतीय T20 टीम में शुभमन गिल की जगह बनेगी?
IPL 2025 में गिल ने कमाल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने उस दौरान 156 के स्ट्राइक रेट से कुल 650 रन बनाए थे। अगर अभी के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो वह साफ़ दर्शाते हैं कि गिल आने वाले 10 सालों में भारतीय टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक होंगे।
लेकिन क्या T20 में गिल के चयन के लिए यह आंकड़ा और अगले 10 साल की थ्योरी काम करेगी ? क्या यह एक आसान फ़ैसला होगा ?
भारत ने आख़िरी बार 2024 के T20 विश्व कप में अपने सबसे मज़बूत दल का चयन किया था, जिसमें वह 2007 के बाद पहली बार जीत हासिल करने में सफल रहे थे। हालांकि उस दौरान गिल ट्रेवलिंग रिज़र्व का हिस्सा थे और टीम के प्रमुख 15 खिलाड़ियों में उनकी जगह नहीं बनी थी। उसके बाद से भारतीय टीम का चयन चोट और उपबल्धता जैसी समस्याओं के ईर्द-गिर्द घूमता रहा।
विश्व कप के जीतने के तुरंत बाद भारतीय टीम ने T20I सीरीज़ के लिए ज़िम्बाब्वे का दौरा किया। यह भारत की दूसरे दर्जे वाली टीम थी और गिल इसके कप्तान थे। इसके बाद उसी साल जुलाई में श्रीलंका के ख़िलाफ़ भारतीय टीम ने एक मज़बूत दल के साथ श्रीलंका के साथ एक T20I सीरीज़ खेला और गिल उस टीम के उपकप्तान थे।
हालांकि बाद एक और ट्विस्ट आ गया। टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देते हुए गिल को बांग्लादेश, साउथ अफ़्रीका और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेली गई T20I सीरीज़ का हिस्सा नहीं बनाया गया। इसमें से एक सीरीज़ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी के बाद थी और एक चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले खेला गया था। उनकी अनुपस्थिति में अक्षर पटेल को उपकप्तान बनने का मौक़ा दिया गया।
आज के दौर में व्यस्त क्रिकेट शेड्यूल का दबाव लगभग हर उस खिलाड़ी को झेलना पड़ता है, जो तीनों फ़ॉर्मैट में अपनी टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक हो। उदाहरण के लिए, एशिया कप का फ़ाइनल 28 सितंबर को है और दो अक्तूबर से भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच घरेलू टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत होगी। हालांकि इस बार चयनकर्ता एशिया कप के लिए भारत की सबसे मज़बूत टीम चयनित करने का प्रयास करेंगे, ताकि अगले साल होने वाले T20 विश्व कप की तैयारियों को मज़बूत बनाया जा सके। क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मैट में भारत अभी बेहतरीन फ़ॉर्म में चल रहा है और उन्होंने विश्व कप के बाद से 20 में से 17 मैच जीते हैं।
गिल अगस्त 2024 से भारत की T20 टीम का हिस्सा नहीं हैं और ओपनर के तौर पर संजू सैसमन और अभिषेक शर्मा को लगातार मौक़ा दिया जा रहा है। फ़िलहाल के लिए दोनों खिलाड़ियों ने ऐसी कोई ग़लती नहीं की है, जिससे चयनकर्ताओं को इनके बारे में ज़्यादा कुछ सोचना पड़े। अभिषेक इस फ़ॉर्मैट में नंबर-1 बल्लेबाज़ हैं। उन्होंने जनवरी में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हालिया T20I सीरीज़ में लगभग 220 की धाकड़ स्ट्राइक रेट के साथ 279 रन बनाए थे। उस सीरीज़ के दौरान भले ही संजू सैसमन का बल्ला नहीं चला था लेकिन उसके पिछले पांच मैचों में सैमसन ने तीन शतक लगाए थे।
एकबार के लिए चयनकर्ताओं के मन में यह विचार आ ही सकता है कि क्या वह इनदोनों आक्रामक बल्लेबाज़ों के साथ आगे बढ़ें या फिर वह एक स्थिर लेकिन आक्रामक विकल्प के साथ आगे बढ़ें।
सलामी बल्लेबाज़ों के चयन की बात की जाए तो उसमें एक नाम यशस्वी जायसवाल का भी आता है, जिन्हों T20 विश्व कप के दौरान भारतीय टीम में शामिल किया गया था। वह एक बैकअप ओपनर के तौर पर चयनित हुए थे। उस टूर्नामेंट के दौरा रोहित शर्मा के साथ विराट कोहली ने सलामी बल्लेबाज़ी की थी, इसी कारण से जायसवाल को बैकअप ओपनर बनाया गया। अब दोनों खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं। इस तरह से जायसवाल भी सलामी बल्लेबाज़ी करने के लिए एक प्रमुख दावेदार बन गए हैं। उन्होंने जुलाई 2024 के बाद से एक भी T20I मैच नहीं खेला है। वह भी उन खिलाड़ियों में हैं, जिनके टेस्ट प्रदर्शन को ज़्यादा प्राथमिकता दी गई है। IPL 2024 में गिल का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं था लेकिन IPL 2025 में उनके और जायसवाल के आंकड़ों में बड़ा अंतर नहीं है।
अगर टीम प्रबंधन सैमसन और अभिषेक की जोड़ी से इस तरह कुछ और सोचने का प्रयास करे या फिर वह स्थिरता और आक्रमकता को ज़्यादा महत्ता दे तो गिल या जायसवाल को मौक़ा दिया जा सकता है। लेकिन अगर टीम प्रबंधन ऐसा नहीं चाहती तो शायद ही दोनों खिलाड़ियों को ऐसा कोई मौक़ा मिल सकता है।
साथ ही अगर एशिया कप के लिए भारत सिर्फ़ 15 खिलाड़ियों का दल चुनता है तो उसमें भी चार सलामी बल्लेबाज़ों को शामिल करना काफ़ी मुश्किल होगा। T20 विश्व कप में भी भारत को 15 ही खिलाड़ियों को अपने दल में रखना होगा। इसके अलावा सैमसन के पास विकेटकीपर होने का एक अतिरिक्त लाभ भी है।
ऐसे में अंतिम फ़ैसला गिल और जायसवाल के बीच हो सकता है।
Shashank Kishore is a senior correspondent at ESPNcricinfo