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हर्ष दुबे : मैं बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी में किसी एक को नहीं चुन सकता

दुबे ने रणजी ट्रॉफ़ी के अपने बेहतरीन प्रदर्शन की झलक दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में भी दिखाई जहां उन्होंने सेंट्रल ज़ोन की ओर से तीन विकेट चटकाने के साथ अर्धशतकीय पारी भी खेली

ESPNcricinfo स्टाफ़
06-Sep-2025 • 9 hrs ago
Harsh Dubey scored 75 on day three, Central Zone vs West Zone, Duleep Trophy semi-final, 3rd day, Bengaluru, September 6, 2025

Harsh Dubey ने तीसरे दिन 75 रनों की पारी खेली  •  PTI

विदर्भ के युवा ऑलराउंडर हर्ष दुबे ने दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल के तीसरे दिन के खेल की समाप्ति के बाद कहा कि वह बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी में से किसी एक को नहीं चुन सकते।
वेस्ट ज़ोन के ख़िलाफ़ खेलते हुए दुबे ने पहले तीन अहम विकेट चटकाते हुए विपक्षी टीम को 438 के स्कोर पर रोकने और फिर 75 रनों की पारी खेलकर सेंट्रल ज़ोन को तीसरे दिन बढ़त दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। दुबे का ऑलराउंड प्रदर्शन रणजी ट्रॉफ़ी 2024-25 में भी देखने को मिला था जब उन्होंने 19 पारियों में सर्वाधिक 69 विकेट चटकाए थे। इसके साथ ही उनके बल्ले से पांच अर्धशतकों की बदौलत 476 रन भी आए थे। लेकिन दुबे अपने आप को एक गेंदबाज़ी ऑलराउंडर मानते हैं या बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर?
दुबे ने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा, "476 रन (रणजी ट्रॉफ़ी) थे मेरे (हंसते हुए)। मेरे साथ यही स्थिति है कि जो टॉस करने पर पहले आ जाए वही चुन लूंगा। लेकिन मैंने बतौर बल्लेबाज़ क्रिकेट खेलना शुरू किया था। इसके बाद लेफ़्ट आर्म स्पिन डालते-डालते मेरा बल्लेबाज़ी क्रम नीचे हुआ। लेकिन फिर भी मैं किसी एक को अधिक तरजीह नहीं दे सकता इसलिए टॉस पर जो पहले आएगा मैं उसे चुनूंगा।"
दुबे ने दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में अपनी रणनीति पर कहा कि उनकी रणनीति यही थी कि गेंदबाज़ क सेटल नहीं होना देना है। दुबे ने कहा कि वह हमेशा सकारात्मक बने रहने का प्रयास करते हैं।
दुबे ने कहा, "मैं जब बल्लेबाज़ी करता हूं तो मेरा ध्यान इसी पर होता है कि कैसे अपना लक्ष्य हासिल करूं। मेरी यही योजना थी कि गेंदबाज़ को सेटल नहीं होने देना है। जितना हो सके गेंदबाज़ों को सही एरिया में गेंद ना डालने दूं क्योंकि पहली पारी में उन्होंने यही चीज़ हमारे साथ की थी। मैं हमेशा से सकारात्मक मानसिकता बना कर रखता हूं तो मेरा ध्यान इसी पर था कि कैसे गैप निकालूं और ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाऊं।"
दुबे अपने बेहतर प्रदर्शन का श्रेय अपने भीतर आई स्पष्टता और उन्हें सही समय पर मिले मौक़ों को देते हैं। दुबे ने कहा कि बचपन से उन्होंने लाल गेंद के साथ गेंदबाज़ी का अभ्यास किया है और उन्हें अब उसी का फल मिल रहा है।
दुबे ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो पिछले सीज़न की तुलना में इस सीज़न मुझे और बेहतर अवसर मिले हैं और मैं अपने रोल को लेकर अधिक स्पष्ट हूं। मुझे लगता है सोच में स्पष्टता और सही समय पर सही मौक़ा इस सीज़न मेरे प्रदर्शन का कारण रहा है।
"मैं कुछ अलग नहीं कर रहा लेकिन विदर्भ में हम लोगों के यहां गेंदबाज़ी का कल्चर काफ़ी अच्छा है। बचपन से हमने काफ़ी रेड बॉल खेला है। मुझे लगता है कि बचपन से मेरा बेस काफ़ी अच्छा बना है और अब उसी का परिणाम मेरी गेंदबाज़ी में दिखाई दे रहा है। मैं क्लासिकल लेफ़्ट आर्म डालने में ज़्यादा विश्वास करता हूं इसलिए मैं यही कोशिश करता हूं कैसे गति में मिश्रण करूं और बल्लेबाज़ को गति और टर्न पर बीट करूं। क्योंकि अगर विकेट अच्छी रहती है तो बल्लेबाज़ को एक ही पेस पर गेंदबाज़ी नहीं कर सकते।"
रणजी ट्रॉफ़ी में दुबे के प्रदर्शन का फल उन्हें IPL में भी मिला जब आर स्मरण के चोटिल होने के बाद IPL सीज़न के अंतिम चरण में सनराइज़र्स हैदराबाद ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया। दुबे ने SRH के लिए तीन मैच खेलते हुए कुल पांच विकेट हासिल किए, जिसमें कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ 34 रन देकर तीन विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।हालांकि दुबे ने कहा कि उस समय उन्हें बिल्कुल भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि उन्हें IPL में मौक़ा मिलेगा।
दुबे ने कहा, "मैं उस समय घर पर था इसलिए मैं बिल्कुल भी उम्मीद नहीं कर रहा था क्योंकि IPL लगभग समाप्त हो चुका था। मेरे लिए तो यही लकी रहा लेकिन किसी और के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण हुआ क्योंकि वह चोटिल हो गया। लेकिन यह था कि टीम में कई ऐसे खिलाड़ी थे जो एज ग्रुप में मेरे साथ खेले थे, जैसे नीतीश (कुमार रेड्डी) हो गया और अभिषेक के साथ। चूंकि मैं उन लोगों के साथ खेल चुका था इसलिए मुझे अधिक अलग नहीं लगा लेकिन दर्शकों का दबाव यह सारी चीज़ें तो हैं लेकिन मैं बल्लेबाज़ को देखकर गेंद नहीं डालता। मैं यही सोचता हूं कि कैसे अपना प्लान अमल में लाऊं।"