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क्या 2025 महिला विश्व कप 2017 के जादू को आगे बढ़ाएगा?

एक यादगार टूर्नामेंट के आठ साल बाद महिला क्रिकेट अगली बड़ी छलांग के लिए तैयार है

Vishal Dikshit
विशाल दीक्षित
13-Aug-2025 • 2 hrs ago
लाजवाब प्रसारण कवरेज, रिकॉर्ड तोड़ वैश्विक पहुंच, पुरस्कार राशि में दस गुना वृद्धि। DRS का पहला इस्तेमाल। लॉर्ड्स पर पहली बार स्पाइडरकैम और ड्रोन का मंडराता दृश्य। और एक लाजवाब फ़ाइनल जिसमें इंग्लैंड और भारत के बीच सिर्फ़ नौ रनों का अंतर था।
हम अब तक बात कर रहे थे 2017 महिला विश्व कप की। दरअसल, सोमवार को जब 2025 संस्करण के लिए 50 दिनों की उल्टी गिनती शुरू हुई तो 2017 विश्व कप की यादें भी तरोताज़ा हो गईं।
कई भारतीय प्रशंसकों के लिए 2017 विश्व कप की बात आते ही हरमनप्रीत कौर की ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में खेली गई ज़बरदस्त पारी याद आ जाती है। लेकिन साथ ही साथ ट्रॉफ़ी के बेहद क़रीब आकर उसे न उठाने की टीस भी ज़िंदा हो जाती है।
आठ टीमें एक आम विश्व कप की तरह लड़ रही थीं, लेकिन शायद अनजाने में ही जैसे वे एक बहुत बड़े आंदोलन का हिस्सा बन गईं। हर एक व्यक्तिगत प्रयास का मतलब कहीं ज़्यादा हो गया।
हरमनप्रीत ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपनी 171* रनों की पारी को याद करते हुए कहा, "वह पारी मेरे और महिला क्रिकेट के लिए वाक़ई ख़ास थी। उस पारी के बाद मेरे जीवन में, ख़ासकर महिला क्रिकेट में, बहुत कुछ बदल गया, क्योंकि उस समय मुझे ठीक से पता ही नहीं था कि क्या हुआ था। मैं उस समय सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर थी, लेकिन जब हम भारत वापस आए, और भले ही हम विश्व कप [फ़ाइनल] हार गए थे, फिर भी जितने लोग हमारा इंतज़ार कर रहे थे, हमारा उत्साह बढ़ा रहे थे, मुझे लगता है कि वह बहुत ख़ास था। आज भी, जब मैं उस पारी को याद करती हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मुझे लगता है कि वह एक बहुत ही ख़ास पारी थी और मुझे बहुत ख़ुशी है कि मैंने वह पारी खेली"
जिस तरह हरमनप्रीत ने विश्व चैंपियन को हराया और जिस तरह इंग्लैंड और भारत के बीच तीन दिन बाद हुए रोमांचक फ़ाइनल में मुक़ाबला हुआ, उसने एक ऐसे विश्व कप को जन्म दिया जिसने भारत में महिला क्रिकेट दर्शकों के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। कुल मिलाकर, भारत में देखने के घंटों में 500% की वृद्धि हुई और अकेले फ़ाइनल को देश से 12.6 करोड़ दर्शकों ने देखा। फ़ाइनल हारने के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों का स्वदेश में जिस तरह स्वागत हुआ, वह उनके प्रशंसकों की संख्या में हुई ज़बरदस्त इज़ाफ़े का एक और उदाहरण था।
जेमिमाह रॉड्रिग्स, जो कुछ ही दिन बाद अपना पहला विश्व कप खेलेंगी, वह उस समय भारतीय टीम की स्वागत में एयरपोर्ट पर थीं।
रॉड्रिग्स ने उस लम्हें को याद करते हुए कहा, "जब उन्होंने लॉर्ड्स में फ़ाइनल खेला, उस समय मैं साढ़े सोलह साल की थी, और मुझे याद है कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने वहां के सभी सदस्यों - अंडर-19 लड़कियों - से कहा था कि वे हवाई अड्डे पर जाकर हमारी लड़कियों का सम्मान करें और उनका स्वागत करें क्योंकि उन्हें किसी के आने की उम्मीद नहीं थी, उन्हें लगा कि महिला टीम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है कि [उनका स्वागत करना] हमारी ज़िम्मेदारी है।मुझे याद है कि सुबह 5.30 बजे हम मुंबई हवाई अड्डे पर थे; मैं अपनी टीम के स्वागत के लिए भारत का झंडा तैयार कर रही थी। और मुझे अभी भी याद है कि ये सभी खिलाड़ी बहुत थकी हुई थीं और साथ ही निराश भी थीं क्योंकि वे जीत के इतवे क़रीब थीं। वे यह सोचकर हवाई अड्डे से बाहर निकलीं कि वहां कोई नहीं होगा। लेकिन सुबह 5.30 बजे पूरा हवाई अड्डा मीडिया और भीड़ से खचाखच भरा हुआ था। लोग सोचेंगे कि आजकल यह सामान्य बात है, लेकिन उस समय महिला खेलों के लिए यह सामान्य बात नहीं थी।"
2017 विश्व कप समाप्त होते ही, यह स्पष्ट हो गया कि यह टूर्नामेंट सिर्फ़ हरमनप्रीत की पारी या सारा टेलर की लेग साइड में बिजली की तरह स्टंपिंग या नैटमेग की पहली बड़ी उपस्थिति या मिताली राज द्वारा बल्लेबाज़ी के लिए जाने से पहले रूमी पढ़ते हुए वायरल हुए दृश्यों तक सीमित नहीं थी। यह सिर्फ़ दिशा बदलने या एक क़दम आगे बढ़ने जैसा नहीं था। यह एक बड़ा परिवर्तन था। एक लंबी छलांग थी।
मिताली राज ने उस पल को याद करते हुए कहा, "2017 विश्व कप ने महिला क्रिकेट को न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बदल दिया। चूंकि सोशल मीडिया अपेक्षाकृत नया था, ICC ने बड़े पैमाने पर प्रचार और प्रसार में अपनी भूमिका निभाई। मुझे याद है कि मैं विश्व कप के लिए सामान पैक कर रही थी और पुरुषों की चैंपियंस ट्रॉफ़ी खेली जा रही थी - भारत बनाम पाकिस्तान - मैंने टीवी चालू किया, और सामान पैक करते हुए कॉमेंट्री सुन रही थी। मैंने कॉमेंटेटरों को कहते सुना, 'अगला बड़ा आयोजन महिला वनडे विश्व कप है' और उन्होंने स्टेडियम में कप्तानों के होर्डिंग दिखाए।"
महिलाओं के खेल में चीज़ें इतनी तेज़ी से बदलीं कि खिलाड़ियों की बकेट-लिस्ट की कल्पनाएं एक-एक करके पूरी होने लगीं। उस विश्व कप के तुरंत बाद, मिग्नॉन डू प्रीज़ ने कहा था, "कल्पना कीजिए कि आप वांडरर्स या ईडन गार्डन्स में महिलाओं का मैच देखने जा रहे हों, जहां टिकट पूरी तरह से बिक चुके हों? और तीन साल के अंदर ही उनकी यह ख़्वाहिश हक़ीक़त में बदल गई। जब 2020 T20 विश्व कप के फ़ाइनल के लिए MCG में 86,174 दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी: किसी महिला क्रिकेट आयोजन में दर्शकों की संख्या का ये एक नया रिकॉर्ड था।
इन सबके बीज 2017 विश्व कप की योजना के दौरान ही बो दिए गए थे। उस टूर्नामेंट में महिला क्रिकेट में पहली बार DRS का इस्तेमाल हुआ, भले ही यह सभी मैचों के लिए उपलब्ध नहीं था। इसी टूर्नामेंट में ICC ने पुरस्कार राशि को दस गुना बढ़ाकर 20 लाख अमेरिकी डॉलर कर दिया, जो पुरुषों के बराबर लाने की दिशा में एक बड़ा क़दम था। विजेता इंग्लैंड को 660,000 अमेरिकी डॉलर की राशि मिली, जो पिछले संस्करण, 2013 की पूरी पुरस्कार राशि (200,000 अमेरिकी डॉलर) से तीन गुना से भी ज़्यादा थी।
आठ साल बाद, यह टूर्नामेंट भारत में आ रहा है, एक ऐसा देश जिसने 2017 में दर्शकों की संख्या बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी और 2023 पुरुष वनडे विश्व कप की मेज़बानी भी की थी। उस टूर्नामेंट का फ़ाइनल 90,000 से ज़्यादा दर्शकों के साथ समाप्त हुआ था। 2025 महिला विश्व कप में अब दर्शकों की संख्या क्या होगी?
ICC के नए CEO संजोग गुप्ता ने सोमवार को कहा, "आगामी विश्व कप महिला क्रिकेट के सफ़र के अगले चरण के लिए एक नया आधार है। हर लिहाज़ से, पिछले आठ सालों में महिला क्रिकेट के विकास ने हमें इस मुक़ाम पर पहुंचाया है जहां महिला क्रिकेट के लिए अगली छलांग लगाने का समय आ गया है। और यह विश्व कप उस अगली छलांग के लिए एक दरवाज़ा या आधार है।"

विशाल दीक्षित ESPNcricinfo में एसिस्टेंट एडिटर हैं।