भारत 191 (ठाकुर 57, कोहली 50, वोक्स 4-55) और 466 (रोहित 127, पुजारा 61, ठाकुर 60, पंत 50, वोक्स 3-83) ने इंग्लैंड को 290 (पोप 81, वोक्स 50, उमेश 3-76) और 210 (हमीद 63, बर्न्स 50, उमेश 3-60) 157 रन से हराया।
रिवर्स स्विंग गेंदों से लबरेज
जसप्रीत बुमराह और रफ़ पर लगातार गेंद फेंक रहे
रवींद्र जाडेजा के एक स्पेल ने कुछ अहम खिलाड़ियों को आउट करके मैच के पूरे रूख़ को भारत की तरफ मोड़ दिया। इसके बाद
उमेश यादव और
शार्दुल ठाकुर ने कुछ अहम मौकों पर भारत को विकेट दिलाकर मैच में इंग्लैंड को वापसी करने मौका नहीं दिया। भारतीय गेंदबाज़ों के इस बेहतरीन प्रदर्शनों से भारत ने इंग्लैंड को इस मैच में 157 रनों से हराकर सीरीज़ में 2-1 की बढ़त बना ली। खास बात यह है कि यह भारतीय टीम की ओवल के मैदान पर 50 साल बाद दूसरी जीत थी। पहली जीत उन्होंने 1971 में दर्ज की थी, जो इंग्लैंड की सरजमीं पर भी उनकी पहली जीत थी।
पहले दिन दोपहर के समय भारत का स्कोर सात विकेट के नुकसान पर 127 रन था और उसके बाद शार्दुल ठाकुर ने टीम को 191 रनों के स्कोर पर पहुंचाने के लिए एक शानदार पारी खेली। इसके बाद जब मेज़बान बल्लेबाज़ी करने आए तो उन्होंने 290 रन बनाए और उनके पास 99 रनों की अहम बढ़त थी।
वहीं अगर पांचवें दिन की बात की जाए तो इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ो ने 100 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की लेकिन एक बात तो तय थी कि
रोहित शर्मा, ठाकुर और ऋषभ पंत की पारियों की बदौलत भारत ने जो पहाड़ जैसा लक्ष्य दिया था, उसका भारत को लाभ मिला। पांचवे दिन दोपहर को इंग्लैंड की टीम ने 22.4 ओवरों में छह विकेट गंवाए और मैच पूरी तरह से भारतीय टीम के शिकंजे में चला गया।
अंतिम दिन भारत को 90 ओवर में 10 विकेट लेने थे। उन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ स्पिनर आर अश्विन को टीम से बाहर रखने का विकल्प चुना था। पिच में दूसरी पारी के दौरान इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ों के लिए कोई भी मदद नहीं थी, लेकिन भारतीय गेंदबाज़ वहां सफल हुए जहां इंग्लैंड के गेंदबाज़ और उनका टीम प्लान विफल रहा था। विराट ने काफी सही तरीके से अपने गेंदबाज़ों का चयन किया। पुरानी गेंद के साथ रफ़ पर गेंदबाज़ी करने के लिए जाडेजा का उपयोग किया, और अपने तेज गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग के साथ इंग्लैंड के मध्य क्रम को धराशायी करने का मौका दिया।
लंच के बाद बुमराह का हाई-क्लास स्पैल, जिसमे उन्होंने छह ओवर में छह रन देकर दो विकेट चटकाए, वह विशेष रूप से महत्वपूर्ण था। उस दौरान इंग्लैंड ने छह रनों के दरमियान चार विकेट गंवाए थे। उमेश ने चाय के बाद अंतिम दो विकेट लेकर मैच को समाप्त कर दिया।
इससे पहले, इंग्लैंड ने पिछले दो सालों में
ऑस्ट्रेलिया और
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चौथी पारी में बड़े लक्ष्यों का सफलता के साथ पीछा किया था। उन्होंने इस टेस्ट में भी कुछ उसी तरीके के सकारात्मकता के साथ पांचवें दिन की शुरुआत की। चौथे दिन शाम में हसीब हमीद और रोरी बर्न्स ने बढ़िया बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया था। हालांकि पाचवें दिन 100 रनों की साझेदारी करने के बाद बर्न्स, शार्दुल की गेंद का शिकार हो गए।
पांचवें दिन की पहली सफलता दिलाने वाले शार्दुल ने स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा था कि गेंद रिवर्स स्विंग हो सकती है और इस चीज को लेकर वह आशावान हैं। जाडेजा भी एक तरफ से रफ़ पर लगातार बोलिंग करते रहे और शार्दुल भी पुरानी गेंद को आउट स्विंग कराने में कामयाब रहे। बर्न्स भी एक ऐसी ही गेंद का शिकार बने।
मलान को कहीं ना कहीं रफ के कारण जाडेजा की गेंदों पर समस्या हो रही थी एक बार पगबाधा के लिए अपील भी की गई लेकिन अंपायर्स कॉल के कारण वो बच गए। हालांकि बाद में वह दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। उसके बाद कप्तान जो रूट बल्लेबाज़ी करने के लिए आए।
लंच के बाद जब रूट बल्लेबाज़ी करने आए तो उन्होंने पहले ही गेंद पर रिवर्स स्वीप लगा जाडेजा की गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचा दिया था। यह शायद उनके तरफ से जाडेजा को संदेश था कि अगर आप दाहिने हाथ के बल्लेबाज़ को रफ़ पर गेंदबाज़ी करते हैं तो उनके साथ ऐसी ही व्यवहार किया जाएगा लेकिन जाडेजा भी लगातार अटैक पर थे और रफ़ में गेंदबाज़ी कर रहे थे। हमीद तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ सहज नहीं दिख रहे थे और जाडेजा को काफ़ी आसानी से खेल रहे थे लेकिन अंत में जाडेजा ने अपनी शानदार बाहर निकलती गेंद पर उनको बोल्ड करने में कामयाब रहे। इस विकेट के बाद इंग्लैंड मैच में वापसी नहीं कर पाया।
बुमराह ने भी लंच के बाद एक आक्रामक रवैये के साथ गेंदबाज़ी की शुरुआत की। वो लगातार 140 किमी/प्रति घंटा के रफ़्तार से गेंदाबाज़ी कर रहे थे और गेंद को रिवर्स स्विंग कराने में भी उनको कामयाबी मिल रही थी। उनकी ज्यादातर गेंदें विकेट टू विकेट गिर रही थी। उनकी ऐसे ही एक फुलर लेंथ की गेंद पर ऑली पोप बोल्ड हो गए और यह उनका 100वां विकेट था। 24 मैचों में ऐसा करके उन्होंने कपिल देव के सबसे तेज़ 100 विकेट लेने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
रूट भी जाडेजा की एक गेंद पर पहले एक करीबी एलबीडब्ल्यू कॉल में आउट होने से बच गए लेकिन उस दौरान बुमराह अपनी गेंदों से आग बरपा रहे थे। उनकी एक यॉर्कर लेंथ गेंद पर वह लगभग बोल्ड हो गए थे। हालांकि इससे पहले वह एक ऐसी ही शानदार यॉर्कर गेंद पर बेयरस्टो को पवेलियन भेज चुके थे।
टॉस के दौरान ही कोहली ने कहा था कि जाडेजा बायें हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए काफ़ी कारगर साबित होंगे और अंत में उनकी बात लगभग सही हो गई। उन्होंने पहले ही गेंद पर मोईन अली को आउट कैच आउट करा दिया।
भारत ने नई गेंद थोड़ी देर से लेने का फ़ैसला किया। कोहली ने चाय से पहले शार्दुल को गेंद थमाई और उन्होंने अपने पहले ही गेंद पर रूट को आउट कर दिया। रूट ऑफ स्टंप की बाहर की एक गेंद को बल्ले का फेस खोलकर खेलना चाहते थे और गेंद बल्ले का अंदरूनी किनारा लेते हुए विकेटों पर लग गई।
इसके बाद पहली पारी में पचासा लगाने वाले वोक्स भी बुमराह के नए स्पेल में शॉर्ट मिडविकेट पर राहुल को कैच थमाकर पवेलियन की तरफ वापस लौट गए।
चाय के बाद के काम को यादव ने ओवरटर्न को बोल्ड और एंडरसन को कैच आउट करा कर पूरा कर दिया और भारत मैच जीत गई।