इंग्लैंड 284 और 259 पर 3 (रूट 76*, बेयरस्टो 72*) को भारत 416 और 245 (पुजारा 66, पंत 57, स्टोक्स 4-33) को हराने के लिए 119 रनों की ज़रूरत
इन गर्मियों में चौथी पारी में इंग्लैंड का
चौथी पारी में सपनों जैसा लक्ष्य का पीछा करना जारी है। भारत के ख़िलाफ़ भी 378 रनों का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने पांचवें टेस्ट के चौथे दिन का खेल ख़त्म होने तक तीन विकेट पर 359 रन बना लिए हैं और वह एक रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करने के नज़दीक हैं।
एलेक्स लीस और
ज़ैक क्रॉली ने पहले तेज़ी से 100 रनों की शतकीय साझेदारी की और इसके बाद
जो रूट और
जॉनी बेयरस्टो ने दो गेंद के अंदर दो विकेट गिरने की भरपाई कर दी। हालांकि इसमें उनके गेंदबाज़ों का भी अहम रोल रहा, क्योंकि पिछले दिन 257 रनों की बढ़त बनाने के बाद भारत ने 120 के अंदर ही सात विकेट गंवा दिए।
इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को यहां पर असीमित उछाल मिलने लगा, जैक लीच ने ख़तरनाक
ऋषभ पंत को पवेलियन भेजा, जो विदेशी धरती पर एक ही टेस्ट में शतक और अर्धशतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने। भारत के लिए गेंद ने शुरुआत में कुछ नहीं किया, 21वें ओवर में गेंद बदली गई और भारत को तीन विकेट मिले। रूट और बेयरस्टो रिवर्स स्विंग होती गेंदों को ध्यान से खेलने लगे, लेकिन इसके बाद भी वे 4.56 रन प्रति ओवर से नाबाद 150 रन की साझेदारी करने में सफल रहे।
इंग्लैंड के लिए जेम्स एंडरसन और रूट ने दिन की शुरुआत की, लेकिन उनके लिए साधारण शुरुआत रही। पहले सात ओवरों तक भारत ने बिना जोख़िम लिए 27 रन जोड़ लिए, लेकिन स्टुअर्ट ब्रॉड का लक उनके काम आ गया। चेतेश्वर पुजारा ने ख़राब गेंद को कट किया लेकिन यह गेंद सीधा बैकवर्ड प्वाइंट पर खड़े खिलाड़ी के हाथों में चली गई। वह 66 रन बनाकर आउट हुए।
इंग्लैंड को विकेट मिला और यहां से उनके लिए दरवाज़े खुलने शुरू हो गए।
मैथ्यू पॉट्स ने श्रेयस अय्यर को शॉर्ट गेंद पर अच्छी तरह से परेशान किया और आख़िर में उनका विकेट लेकर ही माने। बेन स्टोक्स ने तुरंत ही जैक लीच को लगाया, जो पंत के लिए अच्छे शिकार रहे हैं। पंत ने पहली ही गेंद पर स्वीप करके चौका लगाया। जब लीच ने अपना अगला ओवर शुरू किया तब तक वह पंत के सामने 97 गेंद में 151 रन खा चुके थे। दूसरे ओवर की दूसरी गेंद पर पंत उन पर रिवर्स स्वीप करने गए लेकिन यह गेंद स्लिप पर खड़े खिलाड़ी के हाथ में पहुंच गई। पंत भी 57 रन बनाकर आउट हो गए।
अब तक भारत के पास 330 रनों की बढ़त थी और उनके पास चार विकेट शेष थे। पूरी सीरीज़ में भारत के निचले क्रम ने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों की परीक्ष ली लेकिन जब आख़िरी बार ऐसा करने की ज़रूरत थी तब वह ढह गया।
रवींद्र जाडेजा ने बिना रिस्क लिए पहली तीन गेंद खेली। यहां अभी भी भारत के पास मौक़ा था। हालांकि इससे इंग्लैंड को भी आक्रामक क्षेत्ररक्षण लगाने का मौक़ा मिल गया जब भी अन्य बल्लेबाज़ स्ट्राइक पर आएं। पॉट्स ने शार्दुल ठाकुर का लांग लेग पर कैच लपका, जो स्टोक्स की गेंद पर हुक करके जाडेजा को स्ट्राइक देना चाहते थे। स्टोक्स यहीं नहीं रूके, एक अंदर आती गेंद पर जाडेजा उन पर कट करने गए लेकिन बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर गेंद स्टंप्स पर जा लगी। इसके बाद बाउंसर पर उन्होंने बुमराह का भी विकेट लिया।
इंग्लैंड ने लक्ष्य का पीछा करते हुए अपने पिछले तीन टेस्ट में 279 पर 5, 299 पर 5 and 296 पर 3 का स्कोर किया और मैच जीता, लेकिन यह 378 रन थे। वह भी उस टीम के विरूद्ध जिसके पास अच्छा गेंदबाज़ी आक्रमण है। इंग्लैंड के ओपनर भी अभी तक कुछ ख़ास नहीं कर पाए थे और उन पर भी दबाव होना लाज़मी था।
हालांकि ओपनरों ने सकारात्मक इरादा दिखाया। लीस ने मोहम्मद शमी पर दूसरी ही गेंद को मिडविकेट बाउंड्री की ओर भेजकर आक्रमण की शुरुआत की। जब भारत ने जाडेजा को ज़ल्दी बुलाया तो उन्होंने रिवर्स स्वीप पर चौक लगाया, साइट स्क्रीन पर गेंद को बाउंड्री की ओर भेजा। इसके बाद अगले ओवर की पहली गेंद पर स्लॉग स्वीप किया। क्रॉली संयम से बल्लेबाज़ी करते दिखे और उन्होंने चौथे स्टंप को अच्छे से पहचाना और गेंदबाजों को स्टंप्स पर गेंदबाज़ी के लिए विवश किया।
वे 25 और 27 का औसत रखने वाले बल्लेबाज़ों की तरह बल्लेबाज़ी नहीं कर रहे थे ना ही लग रहा था कि वह 378 रनों का पीछा करने की सोच रहे हैं। ख़राब शॉट रूक चुके थे, लगातार स्ट्राइक को बदला जा रहा था। क्रॉली ने भी गेंदों को ड्राइव करके अपना स्ट्राइक रेट सुधारना शुरू कर दिया। जब भारतीय कोच राहुल द्रविड़ रेफ़री डेविड बून से पूछ रहे थे कि गेंद को क्यों नहीं बदला जा रहा है तभी क्रॉली ने ठाकुर पर ड्राइव लगाया और 17वें ओवर तक इंग्लैंड को बिना कोई नुकसान 80 रनों तक पहुंचा दिया।
21वें ओवर में आख़िरकार भारत को गेंद बदलने का मौक़ा मिला, लेकिन तब तक लीच अर्धशतक लगा चुके थे। वह 2011 से गेंद दर रन बनाकर अर्धशतक लगाने वाले पहले इंग्लैंड के ओपनर रहे। दोनों ने 106 रन जोड़ लिए थे। गेंद बदलते हुए बुमराह गेंदबाज़ी करने आए और उन्हें तुरंत परिणाम दिलाया। क्रॉली चौथे स्टंप की गेंदों को लगातार छोड़ रहे थे लेकिन यह गेंद तेज़ी से अंदर की ओर आई और उनके स्टंप्स उड़ा ले गई।
ऑली पोप ने टी के बाद बुमराह की पहली ही गेंद खेली थी कि वह विकेटकीपर को कैच थमा बैठे। यह गेंद शॉर्ट लेंथ थी और ऑफ़ स्टंप के नज़दीक, डिफेंस करने के चक्कर में वह फंस गए। अगले ओवर की पहली गेंद पर लीस का भी विकेट मिल गया। जाडेजा की पांचवें स्टंप की फुलर गेंद पर वह ड्राइव लगाने गए लेकिन गेंद अंदरूनी किनारा लेकर शॉर्ट फ़ाइन लेग पर पहुंची, लेकिन तब तक नॉन स्ट्राइकर एंड पर रूट बहुत आगे निकल चुके थे। लीस को भागना ही पड़ा लेकिन तब तक शमी, जाडेजा को गेंद थ्रो कर चुके थे और लीस रन आउट हो गए।
रूट और बेयरस्टो ऐसा पहले भी कर चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सकारात्मकता के साथ ऐसा किया। रिवर्स स्विंग होने की वजह से बेयरस्टो के लिए पहली गेंद खेलना मुश्किल था। अंदर आती गेंदों की अपनी कमजोरी को जानते हुए उनके लिए शुरुआत में विचलित होना मुमकिन था। गेदबाज़ों ने जैसे ही गेंद की चमक में बदलाव किया अंतर दिखने लगा। वह 14 रन पर थे, गेंद एक आउट स्विंगर निकली और वह ड्राइव के लिए गए लेकिन गेंद ने बल्ले का बाहरी किनारा लिया और दूसरी स्लिप में खड़े हनुमा विहारी की ओर आई लेकिन उन्होंने कैच टपका दिया। दूसरी स्लिप में अमूमन शुभमन गिल या श्रेयस खड़े रहते हैं। इसके बाद बेयरस्टो तब 39 रन पर थे जब उन्होंने ग्लांस किया और पंत ने बायीं ओर डाइव लगाई लेकिन गेंद उनके दस्तानों में फंसने से रह गई।
इन दो मौक़ों को छोड़कर रूट और बेयरस्टो ने बिना किसी परेशानी के बल्लेबाज़ी की। रूट ने जाडेजा पर कई बार रिवर्स स्वीप का प्रयास किया, जो लगभग पूरे दिन ओवर द विकेट गेंदबाज़ी करते दिखे। हालांकि, रूट को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ा, वह जब चाहे स्वीप खेलकर, कट लगाकर जाडेजा पर चौके निकाल रहे थे। बेयरस्टो भी मैदानी शॉट के सहारे स्कोर को चला रहे थे, उनका एकमात्र हवाई शॉट सिराज पर फ्लैट छक्का था।
यह पारी पूरी तरह से तीन हिस्सों में रही : 20.5 ओवर में 106 रन और कोई विकेट नहीं, अगले 15.1 ओवरों में जब गेंद घूम रही थी भारत ने 35 रन के अंदर तीन विकेट लिए और अगले 21 ओवर में 118 रन, जब गेंद मुलायम हो गई थी। भारत ने 134 रन बाउंड्री पर खाए, जो चौथी पारी में पहले 57 ओवर में दूसरे सबसे ज़्यादा रहे।
पांचवें दिन की शुरुआत इंग्लैंड के लिए यादगार लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत से होने की उम्मीद है, लेकिन इसका अंत भारत की विदेशी धरती पर अच्छा लक्ष्य देने के बावजूद हार के साथ ख़त्म भी होगी।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।