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अब अजीबोगरीब शॉट खेलने में डर नहीं लगता: रूट

बैज़बॉल का पूरा लुत्फ़ उठा रहे हैं पूर्व इंग्लैंड कप्तान

Joe Root and Jonny Bairstow are all smiles after their match-winning partnership, England vs India, 5th Test, Birmingham, 5th day, July 5, 2022

मैच जिताऊ साझेदारी के बाद जो रूट और जॉनी बेयरस्टो  •  Getty Images

"यह अपने बचपन को फिर से जीने की तरह है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं पहली बार क्रिकेट खेल रहा हूं।" प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह पहला जबाव देकर जो रूट ने साफ़ कर दिया कि वह और इंग्लैंड का पूरा ड्रेसिंग रूम कैसा महसूस कर रहा है।
माइक और कैमेरा के सामने बैठने के एक घंटे पहले नाबाद 142 रन बनाकर रूट ने 114 रन बनाकर उनका साथ दे रहे जॉनी बेयरस्टो के साथ 378 रनों के रिकॉर्ड लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया।
अंतिम दिन पर 119 रन महज़ 19.5 ओवरों में बना लिए गए। इस दौरान रूट और बेयरस्टो ने इस साल क्रमशः अपना पांचवां और छठा टेस्ट शतक पूरा किया। शुरू से ही कोई ख़तरा नहीं था और ना कोई चिंता थी। इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में शांति थी क्योंकि वह इससे पहले तीन मैचों में 250 से अधिक का लक्ष्य हासिल कर चुके थे।
पिछले साल चार बार लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने पर रूट ने कहा, "मुझे लगता है कि जब आप एक बार ऐसा कर लेते हो, आपको पता चल जाता है और फिर आप ख़ुद को साबित करने के लिए उसे दोहराना चाहते हो। इससे वह चीज़ आसान लगने लगती है और यह उसे थोड़ा और विश्वनीय बनाता है।"
रूट ने आगे कहा, "मेरा मानना है कि विश्व भर की टीमें हमारे खेलने के अंदाज़ को देखकर डर महसूस कर रहे हैं। आप अन्य टीमों के नज़रिए और खेलने के अंदाज़ के बारे में ज़्यादा सोच-विचार नहीं करना चाहते हैं। हालांकि यह आपके अंदर आत्मविश्वास पैदा करता है और आपको लगता है कि अन्य टीमें आपसे सावधान होने लगी हैं।"
यहां अंतर यह था कि लक्ष्य कितना ही विशाल क्यों ना हो, इंग्लैंड ने उसका मानसिक दबाव नहीं लिया। ज़ैक क्रॉली और ऐलेक्स लीस की इंग्लैंड की ओर से पहले विकेट के लिए बनाई गई सबसे तेज़ शतकीय साझेदारी के बाद तीन ओवरों के भीतर तीन विकेट गंवाने के बाद स्थिति बिगड़ सकती थी। टी के बाद रूट और बेयरस्टो ने पहले पारी को संभाला और फिर जोखिम लिए बिना तेज़ी से रन बटोरे। जीत के क़रीब पहुंचने और अपना शतक पूरा करने के बाद ही रूट ने रचनात्मक शॉट लगाए। पहले शार्दुल ठाकुर की गेंद पर क़दमों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सामने की तरफ़ चौका लगाया और उसके बाद रिवर्स स्कूप करते हुए उन्हें छक्का जड़ा।
इंग्लैंड टीम के समर्थकों को अब भी रूट के रिवर्स स्कूप या रैंप के आदि होने में समय लग रहा है। यह वही रूट हैं जिन्हें टी20 और यहां तक की आक्रामक अंदाज़ से खेलने वाली वनडे टीम के लिए धीमा समझा जा रहा था।
वह कहते हैं कि अभी भी वह दो अलग-अलग विचारधारा के बीच फंसे हुए हैं। एक अंदाज़ ब्रेंडन मक्कलम और बेन स्टोक्स के नेतृत्व में आने से पहले का है जिसने उन्हें 2021 में छह शतक और 1708 रन बनाकर दिए। वहीं दूसरा अंदाज़ किसी भी चीज़ की परवाह किए बिना खुलकर खेलने का है।
हंसते हुए रूट ने कहा, "मेरे अंदर का यॉर्कशायर मुझसे क्रीज़ में पैर जमाकर, गेंद की लाइन के पाछे आकर सीधे बल्ले से खेलने को कह रहा है। फिर मेरे कंधे पर खड़ा मेरा कप्तान मुझसे रॉकस्टार बनकर खेलने को कहता है। इस वजह से कभी-कभी मैं इन दोनों की बीच पिसता रहता हूं।"
यह बात साफ़ है कि रूट को इस नई विचारधारा में आनंद आ रहा है। खिलाड़ियों को जीत की बड़ी मंज़िल पर नज़र बनाते हुए मज़े के लिए खेलने को कहा जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें ख़राब फ़ॉर्म और टेस्ट क्रिकेट की परंपरा के दबाव को ख़ुद से दूर रखने का प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
रूट ने आगे कहा, "यह लिखा हुआ है कि आपको टेस्ट क्रिकेट कैसे खेलना है। हालांकि आपके अप्रत्याशित होने पर गेंदबाज़ों के लिए काम कठिन हो जाता है। गैप बड़े लगने लगते हैं और आपको पता होता है कि गेंद किस दिशा में जाएगा। मैं बस लंबे समय तक सही निर्णय लेने पर ध्यान देता हूं। इस साल मैंने कई अजीबोगरीब शॉट लगाए हैं लेकिन मुझे उनमें सबसे कम जोखिम नज़र आया।"
बेयरस्टो के बेहतरीन फ़ॉर्म के बावजूद रूट इस नए वातावर्ण में अपनी कला का संपूर्ण इस्तेमाल करने वाले बेस्ट उदाहरण हैं। बचपन से उन्हें इंग्लैंड क्रिकेटर के रूप में देखा जा रहा था और अपने खेल से उन्होंने भविष्य के इंग्लैंड कप्तान बनने की झलकियां भी दिखाई थी। हालांकि अब यह कहा जा सकता है कि वह अपने जीवन की सबसे आनंददायक क्रिकेट खेल रहे हैं और अच्छी बात यह है कि ऐसा सबसे बड़े स्तर पर हो रहा है।
उन्होंने कहा, "ऐसा ही होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि हम इस अंदाज़ से खेलते हुए कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देंगे ताकि वह हमारी तरह टेस्ट क्रिकेट का पूरा आनंद ले सकें।"
रूट को इस नए आक्रामक अंदाज़ को 'बैज़बॉल' और कई अन्य नाम दिए जाने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, "आप इसे जो मर्ज़ी कह लीजिए लेकिन इसमें खेलने और इसका हिस्सा बनकर हमें बहुत मज़ा आ रहा है।"

विदूशन अहंतराजा ESPNcricinfo में स्पोट्स लेखक हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।