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टीम को मिली हार के लिए मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता: द्रविड़

"गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी में हमने पहली पारी में बढ़िया प्रदर्शन किया लेकिन दूसरी पारी में हम इस प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख सके"

एजबेस्टन टेस्ट में मिली हार के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अपनी टीम के गेंदबाज़ों से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। इंग्लैंड की टीम ने 378 रनों का का पीछा करते हुए एक रिकॉर्ड बनाया। अंत में यह देखा गया कि इंग्लैंड ने इस विशाल लक्ष्य का पीछा 4.93 के रन रेट से इस स्कोर का पीछा किया। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह सबसे बड़ा लक्ष्य था जिसका भारतीय गेंदबाज़ बचाव नहीं कर पाए।
इस हार के बाद भारतीय टीम इस टेस्ट सीरीज़ को जीतने में नाकाम रही। भारत ने इंग्लैंड की धरती पर अपनी पिछली टेस्ट सीरीज़ साल 2007 में जीती थी। इस मैच से पहले भी भारतीय टीम को साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी टेस्ट सीरीज़ में हार का सामना करना पड़ा था, जहां उसने विपक्षी टीम को दूसरे मैच में 212 और तीसरे मैच में 240 रनों का लक्ष्य दिया था।
किसी भी लक्ष्य का बचाव करते हुए भारतीय टीम का रिकॉर्ड काफ़ी अच्छा रहा था। उन्होंने 32 मैचों में 25 बार लक्ष्य का बचाव किया था। वहीं 300 से अधिक लक्ष्य का बचाव करते हुए भारतीय टीम ने 21 बार जीत हासिल की है और एक मैच ड्रॉ रहा है।
द्रविड़ ने कहा, 'यह हमारे लिए निराशाजनक रहा है। हमारे पास साउथ अफ़्रीका में भी और यहां भी कुछ अवसर थे लेकिन हम उसका सदुपयोग नहीं कर सके। मुझे लगता है कि यह एक ऐसी समस्या है जिस पर हमें गौर करने की ज़रूरत है।
"हम पिछले कुछ वर्षों में विकेट लेने और टेस्ट मैचों को जीतने के मामले में बहुत अच्छे रहे हैं, लेकिन हम पिछले कुछ महीनों में ऐसा नहीं कर पाए हैं। हो सकता है कि हमें उस तीव्रता को बनाए रखने की ज़रूरत है। फ़िटनेस के मामले में भी हमें काम करना होगा।"
भारतीय टीम की हार के लिए चौथी पारी में की गई गेंदबाज़ी को सिर्फ़ दोषी नहीं ठहराया जा सकता। तीसरी पारी में भारतीय टीम ने 92 रनों के अंतराल में सात विकेट गंवा दिए। इस कारण से भारत 450 से ज़्यादा रनों का लक्ष्य नहीं दे पाया।
द्रविड़ ने कहा, 'दूसरी पारी में हमने अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। तीसरी पारी में हमारी बल्लेबाज़ी का स्तर कुछ ख़ास नहीं था। अगर देखा जाए तो गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दोनों चीज़ों में हमने पहली पारी में बढ़िया प्रदर्शन किया लेकिन दूसरी पारी में हम इस प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख सके।"
द्रविड़ का मानना है कि किसी भी मैच के परिणाम के बाद कई चर्चाएं होंगी। आर अश्विन को टीम में शामिल नहीं किए जाने पर उन्होंने कहा कि अश्विन ने पिछले साल इसी सीरीज़ में खेली गई चार टेस्ट मैचों में से एक मैच भी नहीं खेला था। इसके अलावा भी द्रविड़ को ऐसा लगता है कि पिच के अनुसार टीम में दो स्पिनरों को शामिल करना सही नहीं था।
"मैच के बाद आप हमेशा टीम के संयोजन या कई चीज़ों पर चर्चा कर सकते हैं। शार्दुल ने इस सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन किया है। टेस्ट मैच में अश्विन जैसे खिलाड़ी को टीम से बाहर रखना आसान नहीं होता। लेकिन जब हमने पहले दिन विकेट की ओर देखा तो उसमें घास की परत भी काफ़ी अच्छी थी। हमें लगा कि इसमें तेज़ गेंदबाज़ों के लिए काफ़ी मदद है। अगर देखा जाए तो चौथे या पांचवें दिन भी जाडेजा या ज़ैक लीच के गेंदों पर स्पिन नहीं मिली।"
इस सीरीज़ का आख़िरी मैच लगभग एक साल बाद खेला गया। इतने बड़े गैप का भी इस मैच पर काफ़ी प्रभाव पड़ सकता है। इस गैप के दौरान दोनों टीमों में कई बदलाव हुए।
द्रविड़ ने कहा, "मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता। मैं पिछले साल टीम का हिस्सा नहीं था। उस समय इंग्लैंड शायद कुछ अलग स्थिति में था। लेकिन वे न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ लगातार तीन जीत के साथ यहां आए हैं। हम लंबे समय के बाद टेस्ट खेल रहे थे लेकिन हम इस हार के लिए किसी तरह का बहाना नहीं बनाना चाहते।"
"इंग्लैंड ने पांच दिनों में अच्छा खेल दिखाया। हमारे पास मौक़े थे, हमने पहले तीन दिनों में अच्छा खेला। हम इसे बरकरार नहीं रख सके। इसलिए टेस्ट क्रिकेट कठिन है। और यही कारण है कि टेस्ट क्रिकेट का मतलब है कि आपको अपने अच्छे प्रदर्शनों को पांच दिनों तक बरकरार रखने में सक्षम होना होगा।"

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo के सीनियर एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।