भारत 277/7 (चाहर 69*, सूर्यकुमार 53, हसरंगा 3-37) ने श्रीलंका 275/9 (असलंका 65, फ़र्नांडो 50, चहल 3-50) को 3 विकेट से हराया
276 रनों का पीछा करते हुए भारतीय टीम एक समय पर 5 विकेट पर 116 रन पर थी और श्रीलंका इस मैच में बहुत आगे था। जब नंबर 9 भुवनेश्वर कुमार क्रीज़ पर नंबर 8 दीपक चाहर का साथ देने आए, तब भी उनको 89 गेंदों पर 83 रन की जरूरत थी। लेकिन इसके बाद इन दोनों ने जिस तरह से बल्लेबाज़ी की, उन्होंने मैच को भारत के नाम कर दिया।
इस पारी से पहले चाहर के नाम सिर्फ एक लिस्ट ए अर्धशतक था, लेकिन उन्होंने बहुत ही चतुरता से बल्लेबाज़ी करते हुए 69 रनों की नाबाद पारी खेली और श्रीलंका की मुट्ठी से खेल को छीन लिया।
वहीं तीन लिस्ट ए अर्धशतक वाले भुवनेश्वर कुमार ने भारी दबाव वाले ओवरों के बीच उनका पूरा साथ दिया और 28 गेंदों की 19 रन की पारी के दौरान केवल दो चौके लगाए। इन दोनों की पारियों की बदौलत भारत ने पांच गेंद शेष रहते आराम से लक्ष्य हासिल कर लिया।
चाहर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं यह पता था, लेकिन इस पारी में वह जो संतुलन लेकर आए, वह चौंका देने वाला था। उन्होंने लगातार स्ट्राइक बदले। उन्होंने अपनी पहली 45 गेंदों में केवल एक चौका लगाया। लेकिन एक बार जब भारत लक्ष्य के नजदीक पहुंच गया, तब उन्होंने प्वाइंट, मिडविकेट के माध्यम से ब्लडगिनिंग, स्क्वेयर लेग, वाइड लांग ऑन सब ओर बॉउंड्री लगाया।
श्रीलंका को पहले एकदिवसीय मैच में भी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस मैच की हार और भी अधिक निराशाजनक थी। चाहर और भुवनेश्वर ने इससे पहले गेंद से भी शानदार प्रदर्शन किया। भुवनेश्वर ने तीन विकेट लिए, जिनमें से दो पारी के अंत में आए थे।
वहीं चाहर ने बीच के ओवरों में दो शानदार धीमी गेंदों पर स्ट्राइक किया। युज़वेंद्र चहल भारत की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज़ रहें, जिन्होंने 50 रन देकर 3 विकेट लिए। श्रीलंका ने 9 विकेट पर 275 रन बनाए, जो कि भारतीय टीम के लिए आसान लक्ष्य लग रहा था।
भारत ने शुरुआती ओवरों में तेज़ी से रन बनाए। पृथ्वी शॉ ने पहले ओवर में लगातार तीन चौके लगाकर शॉ शो की शुरुआत की। लेकिन इसके बाद श्रीलंका लगातार विकेट रहा। पावरप्ले में गेंदबाज़ी करने आए हसरंगा ने तीसरे ओवर में एक गुगली की, जिसको शॉ पढ़ने में असफल रहे और क्लीन बोल्ड हो गए।
इसके बाद ईशान किशन ने कसुन रजिता के पांचवीं स्टंप की गेंद को अपने स्टंप पर खेल दिया। जब हसरंगा ने शिखर धवन को पगबाधा आउट किया, तब श्रीलंका मैच जीतने के बारे में सोचने लगी थी। इसके कुछ ओवर बाद मनीष पांडे और हार्दिक पंड्या भी 18 वें ओवर में आउट हो गए और श्रीलंकाई टीम इस मैच में आगे हो गई। हालांकि इसके बाद उन्होंने सूर्यकुमार और क्रुणाल पंड्या को खेल में वापस आने का मौका दिया और फिर बाद में अंतिम वार करने में भी असफल रहें।
पहले वनडे की तरह श्रीलंका की बल्लेबाज़ी काफी बेतरतीब रही। बल्लेबाज़ों ने अच्छी शुरूआत की, साझेदारियां की लेकिन बड़े स्कोर करा करने में असफल रहें। अविष्का फ़र्नांडो ने शीर्ष क्रम में 50 रन बनाए। उन्होंने मिनोद भानुका के साथ 77 रन की तेज़ साझेदारी की। बाद में असलांका ने श्रीलंका को बीच के ओवरों में आगे बढ़ाया और 65 रन बनाए, जबकि टीम के दूसरे साथी दूसरे छोर पर नियमित अंतराल पर अपने विकेट खोते रहें।
चहल अपने दस ओवरों के दौरान श्रीलंका के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित हुए। उन्होंने 14वें ओवर में लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लिए और शुरुआती साझेदारी को तोड़ा। इसके बाद बॉउंड्रीज़ का सूखा शुरू हुआ और बीच में 97 गेंदों तक कोई चौका नहीं लगा। इस दौरान कुलदीप यादव ने उनका भरपूर साथ दिया। चहल का तीसरा विकेट दसुन शनाका रहें, जिन्हें उन्होंने एक तेज़ स्लाइडर गेंद पर बोल्ड किया।
इसके बाद दीपक चाहर ने हसरंगा को नकल बॉल से आउट किया। इस समय तक श्रीलंका की स्थिति खराब हो चुकी थी। लेकिन करुणारत्ने ने एक और साहसिक व चतुर पारी खेलते हुए नाबाद 44 रन बनाए और अपनी टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
ऐंड्रयू फ़िडेल फ़र्नांडो ESPNcricinfo के श्रीलंका कॉरेस्पॉन्डेंट हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है।