मध्य प्रदेश 368 पर 3 (शुभम 116, यश 133, पाटीदार 64) मुंबई 374 (सरफ़राज़ 134, जायसवाल 7, गौरव 4-106) से 6 रन पीछे
मुंबई की टीम को उस दवाई का स्वाद मिला है, जिसे वह सबको खिला रही थी, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी।
यश दुबे और
शुभम शर्मा ने लगभग दो सत्रों तक बल्लेबाज़ी की। इस दौरान उन्होंने रक्षात्मक बल्लेबाज़ी करते हुए, पिच पर ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताने का प्रयास किया। इसी रणनीति के साथ मुंबई कई टीमों के ख़िलाफ़ सफलता हासिल कर चुकी है। इस बार यह रणनीति मध्य प्रदेश के बल्लेबाज़ों ने मुंबई के ख़िलाफ़ ही प्रयोग में लाई। यश और शुभम के बीच 222 रनों की साझेदारी हुई। इस साझेदारी की मदद से उनकी टीम रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल के तीसरे दिन बढ़िया स्थिति में थी।
साल 1998-99 के
रणजी फ़ाइनल में मध्य प्रदेश की टीम में पहली पारी में बढ़त ले ली थी। इसके बावजूद उनकी टीम उस मैच में कमज़ोर पड़ गई थी। हालांकि मौजूदा मैच में मध्य प्रदेश बढ़िया स्थिति में है। उन्होंने बस तीन विकेट गंवाए हैं और अभी भी कई बढ़िया बल्लेबाज़ों का पिच पर आना बाक़ी है। वहीं मुंबई को अगर इस मैच में वापसी करनी है तो उन्हें काफ़ी मशक़्क़त करनी होगी।
पिच जिस तरीक़े से बल्लेबाज़ों की मदद कर रही है और मुंबई की गेंदबाज़ी को देखते हुए ये ज़रूर कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों को अपने कोच के एक साधारण से संदेश का अनुसरण करना चाहिए - 'मैच अभी ख़त्म नहीं हुआ है।'
मध्य प्रदेश की तरफ़ से फ़िलहाल
रजत पाटीदार और कप्तान
आदित्य श्रीवास्तव बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। तीसरे दिन की शुरुआत मध्य प्रदेश ने 251 के स्कोर से की। मध्य प्रदेश के दोनों सलामी बल्लेबाज़ों ने शानदार शतक लगाते हुए टीम को एक मज़बूत स्थिति तक पहुंचाने का काम किया। दूसरे विकेट के पतन के बाद पाटीदार बल्लेबाज़ी करने आए। बेंगलुरु की जनता उनका इंतज़ार सबसे ज़्यादा कर रही थी।
पाटीदार जैसे ही चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आए हैं तो चिन्नास्वामी में मौजूद सभी दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। यह स्वागत कुछ उसी तरीक़े की थी जिस तरीक़े से एबी डीविलियर्स या फिर विराट कोहली का किया जाता है। साथ ही मैदान पर आरसीबी-आरसीबी की गूंज साफ़ सुनाई दे रही थी।
शुरुआती कुछ समय में उन्होंने तेज़ गति से अपनी पारी को आगे बढ़ाया और शम्स मुलानी की एक गेंद पर वह आउट भी हो गए थे लेकिन उस गेंद को नो बॉल करार दे दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपनी पारी को सूझबूझ के साथ आगे बढ़ाया और दिन का खेल ख़त्म होने तक वह 67 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे।
मुंबई का मुसीबतों का सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं हुआ। उनके प्रमुख गेंदबाज़ धवल कुलकर्णी चाय से पहले चोट के कारण पवेलियन चले गए और दिन का खेल ख़त्म होने तक वह मैदान पर वापस नहीं लौटे। इसके कारण मुंबई के पास एक गेंदबाज़ की कमी साफ़ झलक रही थी। जब शतक बनाने वाले दोनों खिलाड़ी आउट हुए तब मुंबई को ख़ुशी से ज़्यादा राहत महसूस हुई। आज मुंबई के फ़ील्डर मध्य प्रदेश के बल्लेबाज़ों पर लगातार छींटाकशी कर रहे थे लेकिन जब यश आउट हुए तब मुंबई के सभी खिलाड़ियों ने उन्हें काफ़ी सराहा भी।
पाटीदार लगभग 349 मिनट तक पैड पहनकर पवेलियन में बैठे हुए थे। इसके लिए सबसे बड़ा श्रेय शुभम और यश के पार्टनरशिप हो जाता है। शुभम ने कुल 124 रनों की पारी खेली। इस सीज़न में यह उनका तीसरा शतक था। पहले उन्होंने धैर्य के साथ अपनी बल्लेबाज़ी को आगे बढ़ाया और एक बार जब वह पिच पर सेट हो गए तो उन्होंने रन बटोरना शुरू किया। हालांकि अंत में वह मोहित अवस्थी की गुड लेंथ गेंद को पुश करने की फ़िराक़ में कीपर को कैच दे बैठे।
मुंबई के गेंदबाज़ आज के खेल के दौरान ज़्यादातर समय प्रभावहीन दिखाई दिए। मुलानी विशेष रूप से निराशाजनक थे। वह इस सीज़न सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं लेकिन आज उनकी गेंदबाज़ी में निरंतरता की कमी साफ़ झलक रही थी। ऑफ़ स्पिनर तनुश कोटियन से भी काफ़ी कम गेंदबाज़ी कराई गई। उन्होंने लंच से कुछ समय पहले जैसे ही तीन एलबीडब्ल्यू के मौक़े बनाए थे।
कुल मिलाकर मुंबई को कल अगर मैच में वापसी करनी है तो उन्हें खेल के हर हिस्से में मज़बूती से वापसी करनी होगी।
शशांक किशोर ESPNcricinfo सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।