मुंबई क्रिकेट के उज्जवल भविष्य को लेकर उत्साहित हैं मुज़ुमदार
प्रमुख कोच ने कहा कि उनका लक्ष्य हमेशा से लाल गेंद की क्रिकेट में टीम को सही रास्ते पर लाने का था
शशांक किशोर
26-Jun-2022
मुंबई की रणजी ट्रॉफ़ी जीतने की खोज अब सातवें साल भी जारी रहेगी लेकिन इस बीच उज्जवल भविष्य की नींव रखी जा चुकी है। यह कहना था प्रमुख कोच अमोल मुज़ुमदार का जब वह बतौर कोच अपने पहले सीज़न की समीक्षा करने बैठे।
सीमित ओवर की क्रिकेट में मुंबई का सीज़न निराशाजनक रहा और टीम दोनों टूर्नामेंट के नॉकआउट से पहले ही बाहर हो गई। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी (वनडे) में मुंबई केवल एक जीत के साथ अपने ग्रुप में अंतिम पायदान पर थी। सैयद मुश्ताक़ अली (टी20 ट्रॉफ़ी) में टीम ने तीन मैच जीते लेकिन ग्रुप स्टेज को पार नहीं कर पाई। इस प्रतियोगिता में आते-आते टीम पर कुछ कर दिखाने का दबाव था।
भले ही टीम अपना 42वां ख़िताब नहीं जीत पाई, मुज़ुमदार को लगा कि इस टूर्नामेंट में उन्हें भविष्य की झलकियां नज़र आई। उन्होंने कहा, "पिछले साल जून में कोच का पद संभालने के बाद से सब उत्साहजनक रहा है। मुझे इन युवा लड़कों पर गर्व है। हम मुंबई क्रिकेट की अगली पीढ़ी को देख रहे हैं और इसकी छोटी झलक हमें इस सीज़न में देखने को मिली। भविष्य उज्जवल है और मैं इसको लेकर उत्साहित हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "जब मैंने जून 2021 में पदभार संभाला, मेरा लक्ष्य लाल गेंद की क्रिकेट में टीम को बेहतर बनाने और वापस सही रास्ते पर लेकर आने पर था। पिछले साल जुलाई-अगस्त में इसी लक्ष्य के आधार पर हमने तैयारी शुरू की थी।"
"हम 2016-17 के बाद से रणजी के फ़ाइनल में नहीं पहुंचे थे तो हमें एमसीए और मुंबई क्रिकेट के बाक़ी लोगों ने यह बात बताई थी। अगर हम जीतते तो वह सच हो जाता लेकिन एक युवा टीम के साथ अब हम सही रास्ते पर हैं। यह अगली पीढ़ी है और इनके पास अद्भुत कौशल है। हमें बस उन्हें सही दिशा दिखानी है।"
फ़ाइनल में आते हुए कई चीज़ें मुंबई के पक्ष में जा रही थी। सरफ़राज़ ख़ान 800 से अधिक रन बनाकर अच्छी लय में नज़र आ रहे थे। यशस्वी जायसवाल ने क्वार्टर फ़ाइनल और सेमीफ़ाइनल में लगातार शतक जड़े थे। बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी ने 37 विकेट अपने नाम किए थे। इसके बाद उनके पास धवल कुलकर्णी का अनुभव मौजूद था। संक्षेप में मुज़ुमदार ने कहा, "सारे पक्ष तैयार थे" और बात बस एक दृढ़ टीम के हाथों महत्वपूर्ण क्षणों पर मात खाने की थी।
मुज़ुमदार ने कहा, "फ़ाइनल में आते हुए हमारे सारे पक्ष तैयार थे। गेंदबाज़ी में हमारे पास धवल का अनुभव और तुषार की गति थी। मोहित युवा खिलाड़ी है और फिर हमारे पास एक बाएं हाथ का स्पिनर अच्छी लय में था। हमारे पास तनुष कोटियान के रूप में एक प्रतिभाशाली ऑफ़ स्पिनर था। मुझे लगता है कि बस एक दिन (तीसरा दिन) हमारे पक्ष में नहीं गया। ऐसा नहीं हुआ था कि हमें लंबे समय तक विकेट लेने के लिए संघर्ष करना पड़ा था। फ़ाइनल तक हमारा प्रदर्शन शानदार था।"
प्रमुख कोच इस सीज़न में कठिन परिस्थितियों से मुंबई टीम की वापसी से बहुत प्रसन्न थे। अपने पहले मैच में सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ एक अंतिम विकेट नहीं लेना उन पर भारी पड़ सकता था। दूसरे मैच में उन्होंने पहली पारी में 163 पर सिमटने के बाद वापसी की और गोवा को 119 रनों से हराया। अंतिम मैच में ओडिशा के ख़िलाफ़ उन्हें जीत की आवश्यकता थी क्योंकि सौराष्ट्र भी नॉकआउट में जाने का प्रयास कर रहा था। मुज़ुमदार ने इस परिणामों पर रोशनी डाली और बताया कि कैसे मुक़ाबली कठिन हो गया है।
उन्होंने कहा, "अब कोई छोटी टीमें नहीं रही। अब कर्नाटका, मुंबई और दिल्ली जैसी बड़ी टीमों पर इससे बेहतर करने का दबाव होता है। लीग चरण में मुक़ाबला कठिन था। (रणजी ट्रॉफ़ी का आयोजन) होना अच्छी बात थी क्योंकि एक समय पर मुझे ऐसा लग रहा था कि हम एक और साल गंवा देते।"
"हम लीग चरण के लिए तीन जनवरी को कोलकाता गए थे और फिर पांच जनवरी को कोरोना की तीसरी लहर आ गई। हमें मुंबई वापस भेज दिया गया। बीसीसीआई को आईपीएल से पहले लीग चरण और फिर बेंगलुरु में, जहां जून में बारिश पड़ने का कम ख़तरा होता है, नॉकआउट आयोजित करने के लिए दाद दी जानी चाहिए। भारत ने इतने युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौक़े देने के लिए मैं उनका आभारी हूं। रणजी ट्रॉफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट की जान है।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।