मुंबई 374 और 113 पर 2 (अरमान 30*, सुवेद 9*) मध्य प्रदेश 536 (यश 133, पाटीदार 122, शुभम 116, मुलानी 5-173) से 49 रन पीछे
मध्य प्रदेश अपनी मंज़िल के बहुत क़रीब है लेकिन उनके ख़ेमे में कोई भी जश्न नहीं मना रहा है। वह इसलिए क्योंकि अभी
रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पूरा एक दिन और 95 ओवर बाक़ी है। मुंबई 49 रन पीछे है और उनके आठ विकेट शेष है। हालांकि उन्हें न केवल पहले मध्य प्रदेश की बढ़त को ख़त्म करना होगा लेकिन लक्ष्य खड़ा करते हुए 10 विकेट भी लेने होंगे।
यह बहुत कठिन है लेकिन इस समय मुंबई के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है और वह इसी निडरता के साथ रविवार को मैदान में उतरना चाहेगी। दूसरी पारी में
पृथ्वी शॉ के 44 रनों से उन्होंने केवल पूछ पकड़ी है और पूरे हाथी को पकड़ना अभी बाक़ी है।
वह इसलिए क्योंकि
रजत पाटीदार समेत मध्य प्रदेश के निचले क्रम ने मुंबई को 177.2 ओवरों के लिए फ़ील्ड पर रखा और 536 रन बनाए। ऐसा करते हुए उन्होंने पहली पारी में 162 रनों की बढ़त अर्जित की। पाटीदार इस पारी में यश दुबे और शुभम शर्मा के बाद तीसरे शतकवीर बने। अनुशासन, क्लास और भाग्य का सहारा लेते हुए उन्होंने एक बेहतरीन पारी खेली।
52 रन के निजी स्कोर पर नो बॉल पर कैच आउट होने के बाद पाटीदार ने शुक्रवार को स्टंप्स तक रक्षात्मक रुख़ अपनाया। शनिवार को वह अपने स्वाभाविक अंदाज़ में लौट आए और उन्होंने आसानी से रन बटोरते हुए स्टैंड्स में मौजूद लगभग 1500 लोगों का मनोरंजन किया। ख़राब गेंदों का फ़ायदा उठाते हुए पाटीदार ने अच्छी गेंदों को सम्मान दिया। इस दौरान उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सुबह दो विकेट लेने के बावजूद मुंबई को मैच में वापसी करने का मौक़ा न मिले।
डेब्यू कर रहे पार्थ साहनी को जीवनदान मिला जब पृथ्वी ने स्लिप पर एक मुश्किल कैच को टपकाया लेकिन वह जल्द ही बाएं हाथ के स्पिनर
शम्स मुलानी की गेंद पर पगबाधा हुए। इसके बाद सारी ज़िम्मेदारी पाटीदार के कंधों पर थी।
साहनी के आउट होते समय मध्य प्रदेश की बढ़त केवल 56 रनों की थी लेकिन पाटीदार को ऑलराउंडर
सारांश जैन के रूप में एक अच्छा जोड़ीदार मिला। पाटीदार के आउट होने से पहले तक सारांश ने उनका साथ दिया और इसके बाद अपने शॉट्स का पिटारा खोलते हुए अपना पहला प्रथम श्रेणी अर्धशतक पूरा किया। अंतिम चार विकेटों ने मिलकर 106 रन बनाए। पांच विकेट लेकर मुलानी सबसे सफल गेंदबाज़ साबित हुए लेकिन इसके लिए उन्हें 63.2 ओवर फेंकने पड़े।
मुंबई को आक्रामक शुरुआत की ज़रूरत थी और उन्होंने ठीक वैसा ही किया। मध्य प्रदेश ने रक्षात्मक होकर उनका काम आसान कर दिया। टखने की चोट के कारण पूरे दिन मैदान से बाहर रहने वाले
यशस्वी जायसवाल की अनुपस्थिति में मुंबई ने विकेटकीपर
हार्दिक तामोरे के साथ ओपन किया जिन्होंने तेज़ी से रन बनाए।
पृथ्वी ने कुछ शानदार शॉट खेले लेकिन उन्हें भाग्य का साथ मिला जब
गौरव यादव पुल शॉट पर लगे ऊपरी किनारे पर फ़ाइन लेग पर आ रही गेंद को लपक नहीं पाए। उन्होंने
अरमान जाफ़र को भी जीवनदान दिया। हालांकि छूटे कैच की भरपाई करते हुए उन्होंने पृथ्वी को शॉर्ट कवर पर कैच आउट करवाया।
दिन के अंत में मध्य प्रदेश ने रक्षात्मक गेंदबाज़ी की। स्पिनर लेग स्टंप के बाहर जबकि तेज़ गेंदबाज़ ऑफ़ स्टंप के बाहर गेंदबाज़ी करते रहे। इतिहास रचने की कगार पर होने के बावजूद मध्य प्रदेश ने जोखिम नहीं लिया और उनकी यह रणनीति बिल्कुल जायज़ हैं। मुंबई ने इसका सामना करते हुए 113 रन बनाए और अब उनके पास मैच में कुछ कर दिखाने का अच्छा मौक़ा है।
अब यह तो वक़्त ही बताएगा कि यह मैच किस करवट बैठेगा। हालांकि इस मैच में पांच दिवसीय क्रिकेट का जादू देखने को मिला। शायद यह अधिकारियों के लिए संदेश था कि रणजी ट्रॉफ़ी को चार नहीं बल्कि पांच दिवसीय टूर्नामेंट बनाया जाना चाहिए।
यह किसी और दिन के लिए रहने देते हैं। फ़िलहाल एक टीम मैच के पासे को पलटने तो वहीं दूसरी अपने पहले ख़िताब को हासिल करने का प्रयास कर रही है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।