हर्षल पटेल और भुवनेश्वर कुमार ने अंतिम तीन ओवरों में 36 रनों का बचाव कर भारत को वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ में 2-0 की अजेय बढ़त दिला दी। वेस्टइंडीज़ ने 187 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए एक धीमी शुरुआत की। अंतिम नौ ओवरों में उन्हें 12 रन प्रति ओवर की गति से रन बनाने थे। निकोलस पूरन और रोवमन पॉवेल ने कोशिश तो की, लेकिन वे इसे मंज़िल तक नहीं पहुंच पाए।
18वें ओवर में हर्षल ने सिर्फ़ आठ रन दिए, जबकि भुवनेश्वर ने 19वें ओवर में सिर्फ़ चार रन ही दिए। इसके बाद हर्षल ने अंतिम ओवर में ठंडे दिमाग़ से गेंदबाज़ी की और भारत को जीत तक पहुंचा दिया।
इससे पहले भारत ने ऋषभ पंत (52) और वेंकटेश अय्यर (33) के अंतिम सात ओवरों में बनाए गए 88 रन की मदद से 186 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया था। पूर्व कप्तान विराट कोहली ने भी 52 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली और रॉस्टन चेज़ द्वारा लिए गए तीन विकेट के प्रभाव को कम करने की कोशिश की।
भारत के 108 रन की तुलना में वेस्टइंडीज़ ने बाउंड्री से सिर्फ़ 96 रन बनाए। शीर्ष तीन बल्लेबाज़ इशान किशन, रोहित शर्मा और कोहली हमेशा बाउंड्री के लिए गए। हालांकि शेल्डन कॉट्रेल ने अपनी स्विंग होती गेंदों से किशन को परेशान किया। उनकी 10 गेंदों पर इशान ने सिर्फ़ दो रन बनाए। रोहित भी 18 गेंद में 19 रन की पारी के दौरान थोड़ा धीमा दिखे। लेकिन कोहली ने पहले 18 गेंदों में 29 रन बनाए और पावरप्ले तक भारत का स्कोर एक विकेट पर 49 रन था।
जेसन होल्डर के अनुपलब्ध होने की वजह से ही चेज़ पिछला मैच खेल सके थे, लेकिन उन्होंने अपने 4-0-14-2 के आंकड़ों से सबको प्रभावित किया और होल्डर के टीम में आने के बाद भी वह टीम में बने रहे। उन्होंने इस मैच में भी प्रभावित किया और तीन विकेट लेकर भारत के मध्यक्रम को झकझोर दिया। उन्होंने अच्छे फ़ॉर्म में दिख रहे कोहली को चलता किया। इसके पहले वह रोहित और सूर्यकुमार यादव को भी अपना शिकार बना चुके थे।
अंत में भारतीय पारी को दो खब्बू बल्लेबाज़ों ऋषभ पंत और वेंकटेश अय्यर ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कायरन पोलार्ड के एक ओवर में 14 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने होल्डर और कॉट्रेल पर भी क्रमशः 15 और 13 रन जड़े।
हालांकि इसके बाद रोमारियो शेफ़र्ड ने इस नुक़सान को थोड़ा सा संभालने की कोशिश की। अपने पहले ओवर में 15 रन दे चुके शेफ़र्ड ने वाइड यॉर्कर और धीमी गेंदों से प्रभावित किया। उन्होंने अपने अंतिम ओवर में एक भी चौका नहीं दिया।
वेस्टइंडीज़ ने एक बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए एक धीमी शुरुआत की। भुवनेश्वर और दीपक चाहर ने अपनी स्विंग होती गेंदों से बल्लेबाज़ों को परेशान किया। युज़वेंद्र चहल ने पावरप्ले में दो ओवर किए और रवि बिश्नोई को ओस से भीगी गेंद से गेंदबाज़ी करनी पड़ी।
वेस्टइंडीज़ के सलामी बल्लेबाज़ काइल मेयर्स ने नौ गेंदों पर 10 रन बनाए, वहीं उनके साथी ब्रैंडन किंग ने 30 गेंदों पर 22 रन बनाए। चहल और बिश्नोई ने उन्हें क्रमशः आउट किया।
पंत और अय्यर की तरह पॉवेल और पूरन ने भी वेस्टइंडीज़ की पारी को संभाला। दोनों ने कुछ लंबे-लंबे छक्के जड़े और अंत तक वेस्टइंडीज़ को मैच में बनाए रखा। हालांकि हर्षल और भुवनेश्वर ने इन दोनों के इरादों को नाक़ामयाब कर दिया।
हर्षल ने 18वें ओवर में लगातार वाइड यॉर्कर और धीमी गेंद कर के सिर्फ़ एक चौका दिया। भुवनेश्वर ने इसमें एक कदम और सुधार करते हुए 19वें ओवर में एक भी बाउंड्री नहीं दी। हर्षल को अब अंतिम ओवर में 24 रन बचाने थे। पहली दो गेंदों पर केवल सिंगल ही मिल पाया।
इसके बाद पॉवेल ने दो गेंदों को मैदान से बाहर भेज दिया। ये दोनों गेंदें हर्षल ने स्टंप की लाइन में और तेज़ गति से फेंकी थी। लेकिन इसके बाद उन्होंने पुरानी योजना पर वापसी करते हुए पांचवीं गेंद ऑफ़ स्टंप से बाहर और धीमी गति से फेंकी। इस गेंद का पॉवेल के पास कोई जवाब नहीं था और भारत के हाथ में अब जीत थी।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में सहायक संपादक हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के दया सागर ने किया है