ज़िम्बाब्वे ने एक रोमांचक मुक़ाबले में भारत को 13 रनों से हरा दिया है। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ज़िम्बाब्वे की टीम ने सिर्फ़ 115 रन बनाए थे, लेकिन भारत की पूरी टीम सिर्फ़ 102 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। ज़िम्बाब्वे की इस जीत में सिंकदर रज़ा (तीन विकेट) और टेंडई चतारा (तीन विकेट) ने अहम भूमिका निभाई। वहीं पहली पारी में भारत की तरफ़ से रवि बिश्नोई ने भी कमाल की गेंदबाज़ी की थी। उन्होंने अपने चार ओवर के स्पेल में दो मेडेन ओवर के साथ सिर्फ़ 14 रन देकर चार विकेट लिए। हालांकि उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन को भारतीय बल्लेबाज़ नहीं भुना पाए और निरंतर अंतराल पर गिरते विकेटों ने भारत को हार तक पहुंचा दिया।
सिंकदर रज़ा रहे मैच के हीरो
जब स्कोरबोर्ड पर आपकी टीम ने सिर्फ़ 115 रन जोड़े हों तो पूरा मामला गेंदबाज़ों और कप्तान के साहसी फ़ैसलों पर टिक जाता है। सिकंदर रज़ा ने आज के मैच में कप्तानी और गेंदबाज़ी, दोनों में अपना जौहर दिखाया। उन्होंने अपने गेंदबाज़ों को काफ़ी अच्छा रोटेट किया और मैच के दौरान यह हिदायत देते रहे कि लगातार हार्ड लेंथ पर गेंदबाज़ी की जाए, जो काफ़ी कारगर रणनीति भी रही।
साथ ही गेंदबाज़ी के दौरान उन्होंने शुभमन गिल का विकेट उस वक़्त निकाला जब ऐसा लग रहा था कि आज गिल एक बड़ी पारी खेलने के मूड में हैं। उन्होंने अपने चार ओवर के स्पेल में सिर्फ़ 25 रन ख़र्च करते हुए तीन महत्वपूर्ण विकेट निकाले। रज़ा के अलावा टेंडई चतारा ने भी कमाल की गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 16 रन देकर तीन विकेट लिए।
क्या रहा मैच का टर्निंग प्वाइंट
दूसरी पारी के पहले पांच ओवर इस मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुए। ज़िम्बाब्वे के गेंदबाज़ों ने इस दौरान सिर्फ़ 22 रन देकर चार विकेट निकाले। इन चार विकेटों में ऋतुराज गायकवाड़, अभिषेक शर्मा, रियान पराग और रिंकू सिंह का विकेट शामिल था। इन विकेटों से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण यह था कि ज़िम्बाब्वे को इन ओवरों में मोमेंटम मिल चुका था और भारतीय बल्लेबाज़ों पूरी तरह से बैकफ़ुट पर थी। इसी मोमेंटम को आगे बढ़ाते हुए ज़िम्बाब्वे के गेंदबाज़ों ने कमाल का प्रदर्शन किया।
इस मैच का तात्पर्य क्या है?
भारतीय युवा खिलाड़ियों के लिए यह सीरीज़ काफ़ी अहम है। उनके पास यह मौक़ा है कि वह ख़ुद को साबित करते हुए आगे भी मुख्य भारतीय दल में अपनी जगह बनाए। आज के मैच में यह साफ़ दिखा कि उनमें अनुभव की काफ़ी कमी है और वह परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाज़ी करने में सफल नहीं हो पाए। साथ ही फ़ील्डिंग के दौरान भी उनसे कई ग़लतिया हुईं। भारतीय टीम मैनेजमेंट यह उम्मीद करेगी कि अगले मैच में सभी युवा खिलाड़ी पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान पर उतरे।
वहीं यह जीत ज़िम्बाब्वे की टीम के लिए बड़ी सफलता है। बड़े मंच पर ज़िम्बाब्वे ने ख़ुद को साबित करने का अच्छा प्रयास किया है। उनकी टीम चाहेगी कि वह अपनी इस जीत की लय को अगले मैच में भी बरकरार रखे, जो कि एक दिन बाद रविवार को ही खेला जाएगा।