तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान में क्रिकेट की वापसी से प्रशंसकों में ख़ुशी की लहर
एसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने देश में खेल के लिए सकारात्मक तस्वीर पेश की, महिला क्रिकेट अभी 'ख़तरे में'

"यह खेल देश में शांति, समृद्धि और ख़ुशी ला सकता है"
हज़ारों दर्शक और जयकारे - अफ़ग़ानिस्तान में हालिया दिनों में इसका अलग मतलब हो सकता है। लेकिन यह सभी लोग अपने चहेते खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलते हुए देखने के लिए काबुल अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम पहुंचे थे। स्टेडियम शहर के हवाई अड्डे से ज़्यादा दूर नहीं है जहां पिछले हफ़्ते एक आत्मघाती बम विस्फोट में देश छोड़ने की कोशिश कर रहे सौ से अधिक लोग मारे गए। क्रिकेट का यह मैच तालिबान द्वारा देश की राजनीतिक बागडोर संभालने के बाद स्थानीय लोगों के लिए लाइव एक्शन की पहली खुराक थी।
जब शुक्रवार को गुलबदीन नईब, रहमत शाह, हशमतुल्लाह शाहिदी जैसे अंतर्राष्ट्रीय सितारे इंडिपेंडेंस ट्रॉफ़ी खेलने स्टेडियम आए तब स्टैंड में अफ़ग़ानिस्तान और तालिबान दोनों के झंडे फहराए गए। टी20 विश्व कप से पहले खिलाड़ियों की तैयारी के अलावा इस मैच की मेज़बानी अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के लिए भी की गई थी जिनके लिए पिछले कुछ हफ़्ते अनिश्चितता से भरे हुए थे।
इस समय अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के अनुसार कम से कम लोगों में आशा की किरण जगाने और शांती बहाल करने का दारोमदार क्रिकेट पर है। सीमा रेखा के बाहर तालिबानी सेना अपनी राइफ़लों के साथ लोगों पर नज़र रखे हुए थे। मैदान में टी20 मैच में पीस डिफ़ेंडर्स ने पीस हीरोज़ का सामना किया।
एसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "टीमों के नाम से संकेत मिलता है कि यह खेल शांति का निर्माण और उसकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह लोगों की मांग है कि वह सामान्य जीवन जीने और ऐसे अवसरों का आनंद लेने के लिए देश में शांति चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यह खेल देश में शांति, समृद्धि और खुशी ला सकता है। यह देश की अर्थव्यवस्था और घरेलू अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे सकता है। तो, आप खेल में निवेश क्यों नहीं करेंगे? हमारे पास युवाओं का एक बड़ा जनसमूह है। युवाओं में निवेश का मतलब भविष्य में निवेश करना है।"
एएफ़पी की एक रिपोर्ट के अनुसार उस दिन स्टैंड में कोई महिला मौजूद नहीं थी। शिनवारी के अनुसार उस दिन महिलाओं के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। हालांकि महिला क्रिकेट के संबंध में उन्होंने स्वीकार किया कि टीम और सहयोगी स्टाफ़ असमंजस में है क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि तालिबान इस विषय से कैसे निपटता है।
फ़िलहाल खिलाड़ी (इस मामले में पुरुष टीम के) चाहते हैं कि तालिबान क्रिकेट का समर्थन करे। शिनवारी ने कहा, "नई सरकार से हमारी उम्मीद है कि वह सभी संगठनों और राष्ट्रीय कार्यालयों में बदलाव लाएंगे। अफ़ग़ानिस्तान सरकार से हमारा अनुरोध है कि वह एसीबी में योग्य लोगों को लाएगी और निर्धारित गतिविधियों के साथ आगे बढ़ने में मदद करेगी।"
अपनी बात का अंत करते हुए शिनवारी ने कहा, "लोग क्रिकेट चाहते हैं। वे चाहते हैं कि एसीबी और सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट का समर्थन करें। इसलिए यह बहुत बड़ा प्रोत्साहन है कि लोग देश में क्रिकेट और क्रिकेट के समुदाय को बढ़ावा देने की राह में हमारे साथ हैं।"
श्रुति रविंद्रनाथ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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