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पंत या कार्तिक : एकादश में किसे मिलेगी जगह?

एशिया कप 2022 में भारत को ऐसी कई समस्याओं का समाधान खोजना होगा

खिलाड़ी भले वहीं है, टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के खेलने के अंदाज़ में बदलाव आया है  BCCI

एक साल पहले पाकिस्तान ने दुबई में भारत को टी20 विश्व कप में 10 विकेटों से हराया था। इस हार ने भारत के टूर्नामेंट से बाहर होने के सिलसिले की शुरुआत की थी। साथ ही इसके चलते टीम को टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अपने रवैये को बदलने पर मजबूर होना पड़ा था।

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रविवार को एक अलग कोचिंग स्टाफ़ और नए कप्तान के नेतृत्व में भारतीय टीम फिर एक बार दुबई में पाकिस्तान के सामने होगी। पिछले साल की तुलना में टीम में अधिक बदलाव नहीं हुए हैं लेकिन खेलने का अंदाज़ पूरी तरह बदल गया है।

चाहे वह पहले बल्लेबाज़ी करना हो या पारी के हर भाग में स्ट्राइक रेट - यह साफ़ है कि अब भारतीय टीम काफ़ी तेज़ गति से रन बना रही है।

यह नया रवैया अब तक अच्छा परिणाम साथ लेकर आया है। भारत रवि शास्त्री और विराट कोहली के कार्यकाल के दौरान भी लक्ष्य का पीछा करने में एक सफल टीम थी और यह आंकड़ा पिछले साल के टी20 विश्व कप के बाद से बरक़रार रहा है।

हालांकि पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के नतीजों में भारी अंतर आया है। 2020 की शुरुआत से 2021 के टी20 विश्व कप तक भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 15 मैचों में सात जीत दर्ज की थी। अब रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में भारत ने स्कोर खड़ा करते हुए 12 मैच जीते और केवल तीन मैच गंवाए हैं।

परिणाम उत्साहजनक रहे हैं लेकिन एशिया कप इस नए रवैये के लिए कड़ी परीक्षा पेश करेगा। भारत अक्तूबर-नवंबर में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले अपने टीम संयोजन को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगा। अब तक यह रवैया प्रभावी रहा है, कुछ समस्याएं अभी भी दूर की जानी हैं।

राहुल और कोहली क्या भूमिका निभाएंगे?
रोहित, केएल राहुल और कोहली पिछले साल के विश्व कप में भारत के शीर्ष क्रम का हिस्सा थे। इस बात की पूरी संभावना है कि यह तीनों ऑस्ट्रेलिया में भी टॉप तीन में खेलेंगे। हालांकि हालिया महीनों में उन्होंने साथ में ज़्यादातर मैच नहीं खेले हैं। 2021 के टूर्नामेंट के बाद से भारत के 24 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में एक बार भी यह तिकड़ी एक साथ नहीं खेली हैं।

राहुल और कोहली दोनों एशिया कप में भारतीय टीम का हिस्सा है और अतीत में टी20 क्रिकेट में धीमी शुरुआत के कारण उनकी आलोचना हुई है। रोहित ने पिछले कुछ महीनों में दिखाया है कि उनके पास आक्रामक रूप धारण करने का कौशल और जिज्ञासा है। क्या राहुल और कोहली ऐसा कर सकते हैं, यह आने वाला समय बताएगा।

केएल राहुल और विराट कोहली धीमी शुरुआत करने के लिए जाने जाते हैं  Getty Images

कोहली ने जुलाई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ में दर्शाया कि वह तेज़ गेंदबाज़ों को आगे निकलकर शुरुआत से बड़े शॉट लगा सकते हैं। उन्होंने ज़्यादा रन नहीं बनाए थे और उन्हें यह दिखाना होगा कि वह इस मानसिकता के साथ बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। उन्हें यह दीपक हुड्डा जैसे ऑलराउंडर या ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक से आगे चुने जाने के फ़ैसले को सही साबित करना होगा।

वहीं दूसरी तरफ़ राहुल एशिया कप में भारतीय टीम के उपकप्तान चुने गए हैं और इसके चलते एकादश में उनका स्थान लगभग तय है। हालांकि उनपर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होगा। उनकी अनुपस्थिति में भारत ने पंत या सूर्यकुमार यादव के साथ पारी की शुरुआत की है। बाएं हाथ के बल्लेबाज़ पंत या स्पिन के विरुद्ध सूर्यकुमार की ताक़त को देखते हुए विपक्षी टीमें पावरप्ले में बाएं हाथ के किफ़ायती स्पिनरों का इस्तेमाल करने से कतराती हैं। उदाहरण के तौर पर इमाद वसीम और मिचेल सैंटनर ने 2021 विश्व कप में भारत की हार में अहम भूमिका निभाई थी।

इन सबके चलते यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राहुल अपने खेल को बदल पाएंगा या पहले की तरह शुरुआत से ही अपने हाथ खोलेंगे।

पंत या कार्तिक? क्या एकादश में दोनों को स्थान मिल सकता है?
अगर रोहित, राहुल और कोहली टॉप तीन में होंगे और अगर सूर्यकुमार, हार्दिक पंड्या और रवींद्र जाडेजा मध्य क्रम में लगभग तय नाम हैं तो बल्लेबाज़ी में केवल एक स्थान खाली बचता है।

आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम में वापसी करने वाले कार्तिक ने साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध दिखाया था कि क्यों वह वर्तमान में टी20 क्रिकेट के सबसे ख़तरनाक फ़िनिशरों में से एक हैं। 17 से 20 ओवर के बीच उन्होंने दो बार आउट होते हुए 36 गेंदों पर 71 रन बनाए थे।

तब से उनकी फ़ॉर्म थोड़ी डगमगाई है और भारत को उनके कौशल के कारण एकादश में बदलाव भी करने पड़े हैं। कार्तिक अंतिम पांच ओवरों में हावी हो सकते हैं और तेज़ गेंदबाज़ी उन्हें रास आती है, स्पिन के ख़िलाफ़ वह संघर्ष करते हैं। यही कारण है कि भारत ने कई मौक़ों पर जाडेजा और अक्षर पटेल को उनसे आगे भेजा हैं।

पंत और कार्तिक में से कोई एक ही संभवतः भारतीय एकादश में जगह बना सकता है  PTI

विश्व कप में संभवतः भारत की पहली पसंद के स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर होने वाले जाडेजा की भी हालिया वर्षों में ठीक यही समस्या रही है। पिछले तीन आईपीएल सीज़न में जाडेजा ने तेज़ गेंदबाज़ों के विरुद्ध 45 की औसत और 175.53 के स्ट्राइक रेट से 495 रन बनाए हैं। हालांकि स्पिन के विरुद्ध यह आंकड़ा 26.66 की औसत और 74.76 के स्ट्राइक रेट के साथ 80 रन है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी तेज़ गेंदबाज़ी के विरुद्ध उनका स्ट्राइक रेट 160 का है जबकि स्पिन के विरुद्ध केवल 96.42 का।

नतीजतन यह संभव है कि कार्तिक भारतीय एकादश से बाहर हो सकते हैं। साउथ अफ़्रीका सीरीज़ के बाद पंत अच्छी लय में नज़र आए हैं। इसके अलावा वह बाएं हाथ की बल्लेबाज़ी अपने साथ लेकर आते हैं। साथ ही वह मध्य ओवरों में खेलने के अलावा पारी की शुरुआत भी कर सकते हैं।

एशिया कप में भारत के टीम संयोजन और बल्लेबाज़ों के प्रदर्शन के आधार पर इसमें बदलाव हो सकता है।

आठवें नंबर पर कौन खेलेगा?
2016 के टी20 विश्व कप फ़ाइनल में जगह बनाते हुए वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड ने भविष्य में टी20 टीमों के लिए खेलने का नया अंदाज़ पेश किया था - पहली गेंद से आक्रामक बनो और बल्लेबाज़ी में मौजूद गहराई का लाभ उठाओ। उस मैच में बेन स्टोक्स, मोईन अली, क्रिस जॉर्डन, डेविड विली, ड्वेन ब्रावो, आंद्रे रसल, डैरेन सैमी और कार्लोस ब्रैथवेट जैसे ऑलराउंडर शामिल थे।

राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद से भारत ने आठवें नंबर पर हर्षल पटेल का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया है  Getty Images

हालांकि बाक़ी टीमों के लिए इस अंदाज़ को अपनाना आसान नहीं रहा है क्योंकि उनके पास गुणवत्ता वाले ऑलराउंडरों की कमी रही है। कई सालों तक भारत ने अतिआक्रामक रवैया नहीं अपनाया था क्योंकि उसके पास बल्लेबाज़ी करने की क्षमता रखने वाले गेंदबाज़ों की कमी थी। जहां भारत ने अब अपने रवैये में बदलाव किया है, उनकी बल्लेबाज़ी में गहराई की कमी अब भी है। द्रविड़ के कोच बनने के बाद से टीम ने हर्षल पटेल (आठ पारियों में 130 के स्ट्राइक रेट से 52 रन) का आठवें नंबर पर सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया है।

पसली की चोट के कारण हर्षल एशिया कप में हिस्सा नहीं ले रहे हैं जिसके चलते भारत रविचंद्रन अश्विन को आठवें नंबर पर आज़मा सकता है। अश्विन ने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए सभी को अपनी बल्लेबाज़ी की क्षमता का परिचय दिया था। वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध भी छोटी पारियां खेलकर उन्होंने दिखाया कि वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसा कर सकते हैं। वह जॉर्डन, सैंटनर या रोमारियो शेफ़र्ड की तरह पावर-हिटर नहीं है लेकिन भारत को उनसे ही संतुष्ट करना होगा।

इसका अर्थ यह होगा कि भारत शुरुआत में विकेट गंवाने के बाद हार्दिक को एंकर की भूमिका दे सकता है। हार्दिक ने गुजरात टाइटंस के सफल आईपीएल सीज़न में कई मौक़ों पर यह भूमिका निभाई थी। हार्दिक की गेंदबाज़ी भी टीम को एक विकल्प प्रदान करेगी। भारत हार्दिक के चार ओवरों पर विश्वास जताते हुए उन्हें चौथे गेंदबाज़ के रूप में खिला सकता है। अगर ऐसा हुआ तो हुड्डा की जगह बन जाएगी और उनकी ऑफ़ स्पिन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध काम आएगी।

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कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।