चोट से वापसी के बाद पड़िक्कल खोए हुए समय की भरपाई करने को तैयार
पड़िक्कल ने कहा कि उनकी महत्वकांक्षाएं काफ़ी ऊंची हैं, उन्हें उम्मीद है कि वह भविष्य में भारत के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन करेंगे
श्रीनिधि रामानुजम
08-Sep-2025 • 4 hrs ago
चोट के बाद देवदत्त पड़िक्कल ने एक बार फिर वापसी की राह पकड़ ली है • PTI
पिछले डेढ़ साल देवदत्त पड़िक्कल के लिए उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। पिछले साल मार्च में टेस्ट डेब्यू करने के बाद नवंबर में उन्होंने पर्थ में अपना दूसरा टेस्ट खेला। 2025 की शुरुआत उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में शतक लगाकर और 86 रनों की पारी खेलकर की। IPL में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए शानदार प्रदर्शन किया और राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ उन्होंने लगातार दो मैच जिताऊ अर्धशतक लगाए। लेकिन इसके बाद हैमस्ट्रिंग चोट के चलते उन्हें IPL से बाहर होने पर मजबूर होना पड़ा। चोट के चलते वह इंडिया ए के इंग्लैंड दौरे पर भी नहीं जा पाए।
एक हफ़्ते पहले ही पड़िक्कल ने लाल गेंद क्रिकेट में वापसी की है और दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में उन्होंने नॉर्थ ज़ोन के ख़िलाफ़ साउथ ज़ोन के लिए 57 रनों की पारी खेली। पड़िक्कल को ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़ 16 सितंबर से शुरू हो रहे चार दिवसीय दो अनौपचारिक टेस्ट के लिए इंडिया ए के दल में भी चुना गया है।
पड़िक्कल ने ESPNcricinfo से कहा, "यह बहुत अहम टूर्नामेंट है।मैंने पिछले कुछ समय से ज़्यादा लाल गेंद से क्रिकेट नहीं खेला है। इसलिए इस मैच में उतरते हुए, मुझे पता था कि मुझे अपनी लय में वापस आना होगा। मैं वाकई खुश हूं कि मैं मैदान पर कुछ समय बिता पाया और कुछ रन बना पाया।"
पड़िक्कल उस समय बल्लेबाज़ी के लिए उतरे जब पहले दिन के दूसरे सत्र में साउथ ज़ोन का स्कोर एक विकेट पर 103 रन था, और BCCI के बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) में तेज़ गेंदबाज़ों को अभी भी थोड़ी-बहुत मूवमेंट मिल रही थी। वह शुरू से ही आत्मविश्वास से भरे दिखे, उन्होंने कवर्स की ओर शानदार ड्राइव लगाई, स्क्वायर के पीछे कट लगाकर दो चौके लगाए। उन्होंने सिर्फ़ 64 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और सात चौके लगाए। हालांकि एक वाइड गेंद पर अंशुल कंबोज की गेंद पर विकेटकीपर के हाथों में कैच दे बैठे।
पड़िक्कल अपने आउट होने के बारे में कहते हैं, "यही बेहद निराशाजनक था। यह बस एकाग्रता में कमी का एक क्षण था, जो शायद इस वजह से है कि मैंने पिछले कुछ महीनों में लाल गेंद से बहुत कम क्रिकेट खेला है। इसलिए मुझे इस पर काम करने की ज़रूरत है। ज़ाहिर है, T20 क्रिकेट से सीधे यहां आने पर, मुझे लगा कि मैं कुछ ज़्यादा ही शॉट खेल रहा था, पहली पारी में भी। यह एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में मुझे थोड़ा सोचने की ज़रूरत है। और उम्मीद है कि ए सीरीज़ से पहले, मैं इस पर काम कर पाऊंगा।"
पड़िक्कल ने स्वीकार किया कि खेल से दूर रहने के कुछ महीने उनके लिए सबसे कठिन थे, खासकर एक स्थानीय लड़के के रूप में जब उन्होंने RCB को उनके बिना IPL ट्रॉफ़ी उठाते देखा।
पड़िक्कल ने कहा, "ज़ाहिर है, शुरुआती कुछ हफ़्ते सबसे मुश्किल थे। क्योंकि आपको इस बात को स्वीकार करना होगा कि आप एक या दो महीने तक ज़्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। और ख़ासकर घर से IPL देखना थोड़ा चुनौतीपूर्ण था। मुझे उस टीम का हिस्सा बनना और ट्रॉफ़ी जीतना बहुत अच्छा लगता।
"रिहैब के दौरान, आपको खुद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए काफ़ी समय मिलता है कि आपको किन चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत है। क्योंकि एक सीज़न के दौरान, ख़ुद को यह देखने के लिए समय देना बहुत मुश्किल होता है कि आपको किन ख़ास क्षेत्रों पर काम करने की ज़रूरत है। इसलिए अपने रिहैब के दौरान, मैं बस उन चीज़ों को ढूंढ़ रहा था जिनसे मुझे सीज़न के दौरान शारीरिक रूप से और अपनी तकनीक के मामले में परेशानी हुई थी, और यह देखने की कोशिश कर रहा था कि अगले सीज़न में मैं उस बदलाव को कैसे कर सकता हूं।"
अब इंडिया ए टीम में वापसी करते हुए पड़िक्कल न सिर्फ़ खोए हुए समय की भरपाई करना चाहते हैं, बल्कि अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं। दो घरेलू टेस्ट सीरीज़ आने वाली हैं - भारत अक्तूबर में वेस्टइंडीज़ और नवंबर में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ दो-दो टेस्ट खेलेगा - उन्हें पता है कि अगर वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे तो उन्हें मौक़ा मिल सकता है।
"भारत के लिए हर मैच खेलना महत्वपूर्ण होता है। आने वाले समय में हमारी कुछ घरेलू टेस्ट सीरीज़ हैं। मैं ए सीरीज़ में अपनी छाप छोड़ने और उस टीम के लिए भी दावा पेश करने के लिए उत्सुक हूं। लेकिन साथ ही, आपको बस मैदान पर जाकर बल्लेबाज़ी करनी होती है। मुझे यहां लाल गेंद वाले क्रिकेट में बल्लेबाज़ी करने में बहुत मज़ा आया। और लाल गेंद वाले क्रिकेट में खेलने के और मौक़े हमेशा स्वागत योग्य हैं।"
तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद पड़िक्कल की महत्वाकांक्षा बरक़रार है। टेस्ट कैप हासिल करने के बाद, पड़िक्कल लंबी दौड़ पर अपनी नज़रें गड़ाए हुए, उपलब्धियों पर ध्यान नहीं देना चाहते।
पड़िक्कल ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि [टेस्ट डेब्यू के बाद से] ज़िंदगी बदल गई है। ज़ाहिर है, भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना एक क्रिकेटर के तौर पर आपकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। लेकिन साथ ही, मेरी महत्वाकांक्षाएं भी ऊंची हैं। इसलिए सिर्फ़ खेलना या सिर्फ़ डेब्यू करना ही मेरा करियर नहीं है। उम्मीद है, मैं उच्चतम स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करता रहूंगा और उनके लिए मैच जीतता रहूंगा। यही हमेशा से मेरा लक्ष्य रहा है। उस दिन बहुत अच्छा एहसास हुआ था। लेकिन अगले दिन से, यह फिर से मैदान पर उतरने जैसा है।"
श्रीनिधि रामानुजम ESPNcricinfo की सब एडिटर हैं।