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ठाकुर : खिलाड़ियों का कार्यभार हल्के में लिया जाता है

ठाकुर ने कहा कि आधुनिक युग के खिलाड़ियों के लिए पूरे साल एक ही स्तर की फ़िटनेस को बरक़रार रखना काफ़ी चुनौतीपूर्ण है

आशीष पंत
07-Sep-2025 • 17 hrs ago
Shardul Thakur ended Tom Haines' stay, England Lions vs India A, 1st unofficial Test, Canterbury, 3rd day, June 1, 2025

Shardul Thakur ने कहा कि वह मुंबई की कप्तानी करने के लिए तैयार हैं  •  PA Photos/Getty Images

तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर का मानना है कि खिलाड़ियों के कार्यभार को हल्के में लिया जाता है और आधुनिक युग में खिलाड़ियों के लिए पूरे साल एक ही स्तर की फ़िटनेस को बरक़रार रखना काफ़ी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि आज के समय में काफ़ी क्रिकेट खेली जाती है।
बेंगलुरु में दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल के अंतिम दिन के खेल के बाद ठाकुर ने ESPNcricinfo से कहा, "कई बार हमें हल्के में लिया जाता है और प्रबंधन उच्चतम स्तर का नहीं होता।"
"इतने महीनों तक खेलने के बाद कोई भी हमसे आकर यह नहीं पूछता कि हमारा शरीर कैसा महसूस कर रहा है। लेकिन हां, मैं फ़ीज़ियो, एस एंड सी [स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच] के साथ अपने शरीर का प्रबंधन कर रहा हूं, और लगातार काम कर रहा हूं।और यह क्रिकेट खेलने के लिए है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप ख़ुद को खेल से दूर रखें। लेकिन बीच-बीच में ब्रेक लेना शरीर के लिए अच्छा होता है।"
ठाकुर लगातार 11 महीने से ज़्यादा समय से क्रिकेट खेल रहे हैं। इसकी शुरुआत पिछले साल अक्तूबर में ईरानी ट्रॉफ़ी से हुई थी। इसके बाद उन्होंने 2024-25 रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न, विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी खेली। शुरुआत में उन्हें किसी ने नहीं ख़रीदा था, लेकिन बाद में वे IPL 2025 में रिप्लेसमेंट खिलाड़ी के रूप में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ इंडिया ए के लिए दो अभ्यास मैच खेले और एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी का भी हिस्सा रहे।
पिछले कुछ वर्षों में खिलाड़ियों के कार्यभार प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हाल ही में, जसप्रीत बुमराह ने अपने कार्यभार को प्रबंधित करने के लिए इंग्लैंड दौरे पर पांच में से केवल तीन टेस्ट मैच खेले। ठाकुर का मानना है कि यह खिलाड़ियों पर निर्भर होना चाहिए कि वे अपनी फ़िटनेस और कार्यभार का प्रबंधन कैसे करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि खेल के दौरान यह उनके दिमाग़ में नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "एक बार जब आप खेल में उतर जाते हैं, तो आप कार्यभार प्रबंधन की बात नहीं कर सकते क्योंकि तब खेल की परिस्थितियां भी हावी हो जाती हैं। जब आप खेल में उतरते हैं, तो आपसे अपना सर्वश्रेष्ठ देने की उम्मीद की जाती है। आपके पास जो कुछ भी है, आपको उसे पूरी तरह से खेल में उतारना होगा।"
"और मेरा मानना है कि आपको खेल में आकर ज़ोरदार प्रदर्शन करने से नहीं कतराना चाहिए, अपनी कोशिशें जारी रखनी चाहिए। हां, जब आप मैदान से बाहर जाते हैं और घर पर आराम करते हैं या खेल के बीच में ब्रेक लेते हैं, तो आपको अपने शरीर और अपने भार को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए।"

शार्दुल ठाकुर मुंबई की कप्तानी के लिए तैयार

ठाकुर ने 2025-26 के घरेलू सत्र की शुरुआत दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में वेस्ट ज़ोन के कप्तान के रूप में की, यह पहली बार था जब वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में किसी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। यह एक कठिन शुरुआत थी क्योंकि वेस्ट ज़ोन फ़ाइनल में जगह बनाने में असफल रहा, जबकि सेंट्रल ज़ोन पहली पारी में बढ़त के चलते फ़ाइनल में पहुंच गया।
लेकिन यशस्वी जायसवाल, श्रेयस अय्यर और ऋतुराज गायकवाड़ जैसे खिलाड़ियों की कप्तानी करने के अनुभव ने उन्हें एक कप्तान बनने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास दिया है, खासकर इस साल की शुरुआत में अजिंक्य रहाणे के कप्तानी से हटने के बाद मुंबई की कप्तानी के लिए तैयार होने के बाद।
ठाकुर ने कहा, "हां, मैं [मुंबई] की कप्तानी के लिए तैयार हूं। और निश्चित रूप से, यह उन चरणों में से एक था जहां मुझे कप्तानी का अनुभव मिला। यह मेरा पहला मैच था और इसमें बहुत कुछ सीखने को मिला। मैं यह नहीं कहूंगा कि कप्तानी करना मुश्किल है, लेकिन बहुत सी चीज़ें ऐसी होती हैं जो आप तभी सीखते हैं जब आप कप्तान की भूमिका निभाते हैं।"
15 अक्तूबर से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न को देखते हुए, ठाकुर ने सेमीफ़ाइनल वाली पिच के इतर क्यूरेटरों से "खेल के अनुकूल पिचें" बनाने का आग्रह किया है, जहां तेज़ गेंदबाज़ भी खेल में आ सकें। ठाकुर ने सेंट्रल ज़ोन की पारी में 164.3 ओवरों में से सिर्फ़ 11 ही फेंके। अरज़ान नागवासवाला ने 14.3 और तुषार देशपांडे ने 17 ओवर फेंके। बाकी 122 ओवर स्पिनरों ने डाले।
ठाकुर ने कहा, "स्पिनर हर समय खेल में थे। [पिच में] तेज़ गेंदबाज़ों के लिए ज़्यादा कुछ नहीं था। और जब हम देश भर में घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, तो यह हमेशा एक तरह की शिकायत रहेगी कि हमें पर्याप्त पिचें नहीं मिलतीं जहां तेज़ गेंदबाज़ आकर एक मैच में 40 ओवर फेंक सकें। एक तेज़ गेंदबाज़ होने के नाते, मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसी और पिचें होनी चाहिए जहां खेल तेज़ गेंदबाज़ों, बल्लेबाज़ों और स्पिनरों के लिए समान हो।"

आशीष पंत ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं।