ओवल में रोमांच अपने चरम पर - सिराज और प्रसिद्ध ने मैच में फूंकी ज़ान
अंतिम दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए, जबकि भारत को चार विकेट लेने हैं
ESPNcricinfo स्टाफ़
03-Aug-2025 • 4 hrs ago
ओवल में खेली जा रही यह असाधारण सीरीज़ अब अपने 25वें दिन में प्रवेश कर चुकी है, जिसका नतीजा अभी भी अनिश्चित है। एक समय हैरी ब्रूक और जो रूट के शानदार शतकों की बदौलत इंग्लैंड 374 रनों के लक्ष्य की तरफ़ बिना पसीना बहाए बढ़ रहा था। लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा ने नौ गेंदों के भीतर दो विकेट लेकर भारत की उम्मीदें ज़िंदा कर दीं। इसके बाद ख़राब रोशनी और भारी बारिश ने मैच को पांचवें और निर्णायक दिन के लिए टाल दिया, क्योंकि अभी भी मेज़बान टीम को जीत के लिए 35 रन की ज़रूरत है।
मैच का समीकरण बेहद रोमांचक है। इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ़ 35 रनों की ज़रूरत है, जबकि उसके हाथ में चार विकेट हैं। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि 3.4 ओवर बाद नई गेंद उपलब्ध होगी और उनके तेज़ गेंदबाज़ रविवार को थकाने वाले वर्कलोड के बाद अब सोमवार की सुबह तरोताज़ा होकर वापसी करेंगे।
यह एक ऐसी सीरीज़ का बेहद रोमांचक अंत होगा, जिसने खिलाड़ियों के शारीरिक और मानसिक लचीलेपन की कड़ी परीक्षा ली है। इंग्लैंड की 2-1 की बढ़त का आधार लीड्स में 371 रनों का सफल चेज़ और लॉर्ड्स में 193 रनों का बचाव रहा है। भारतीय टीम ने उन्हें लगातार दबाव में रखा है, लेकिन सोमवार की सुबह उन्हें अपनी आख़िरी ताक़त झोंकनी होगी ताकि वे इस सीरीज़ को ड्रॉ करा सकें।
रविवार को भारतीय टीम एक अलग ही जोश में मैदान पर उतरी थी। उनके क्लोज़ फ़ील्डर्स मैच में पहले से ज़्यादा मुखर थे और अपने गेंदबाज़ों का हौसला बढ़ा रहे थे। मोहम्मद सिराज ने तीसरे दिन की शाम को ज़ैक क्रॉली को यॉर्कर पर बोल्ड किया था, और चौथे दिन प्रसिद्ध कृष्णा ने बेन डकेट को स्लिप में कैच करवाकर भारत को पहली सफलता दिलाई। डकेट ने 54 रनों की एक शानदार पारी खेली थी।
लंच से पहले, सिराज़ ने एक बार फिर कमाल दिखाया और ओली पोप को एक निप-बैकर पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया, जिससे इंग्लैंड 106 रन पर 3 विकेट खोकर मुश्किल में आ गया। पोप का 27 रनों का स्कोर इस सीरीज़ में उनका दूसरा सबसे बड़ा स्कोर था।
लेकिन इसके बाद ब्रूक ने अपने आक्रामक अंदाज़ में एक बार फिर हमला किया। 19 रन के स्कोर पर, उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर एक पुल शॉट खेला और सिराज ने लॉन्ग लेग बाउंड्री पर कैच भी लपक लिया, लेकिन उनका पैर विज्ञापन बोर्ड पर जा लगा। यह ब्रूक के लिए एक जीवनदान था, जिसके बाद उन्होंने और भी आक्रामक रुख़ अपनाया और दो और चौके लगाकर उस ओवर से 16 रन बटोर लिए। लंच तक उन्होंने रूट के साथ मिलकर 10.3 ओवरों में 58 रन जोड़े और अपनी इस शानदार फ़ॉर्म को जारी रखा।
जब भारत ने रनों की गति को रोकने के लिए फ़ील्ड को फैलाया, तो ब्रूक और रूट ने आसानी से स्ट्राइक रोटेट करना शुरू कर दिया। उन्होंने स्पिनरों पर हमला किया, जिससे शुभमन गिल को अपने तेज़ गेंदबाज़ों को वापस लाना पड़ा। भारतीय टीम के लिए यह सत्र निराशाजनक रहा, जिसकी पहचान थके हुए आकाश दीप से हुई, जिन्होंने एक बाउंड्री रोकने की कोशिश की, लेकिन गेंद को बाउंड्री लाइन के पार धकेल दिया।
ब्रूक ने सिर्फ़ 91 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। यह उनकी चौथी पारी का पहला शतक था और 50 टेस्ट पारियों में कुल मिलाकर 10वां शतक। उन्होंने अपने करियर की कई शानदार पारियां खेली हैं, लेकिन यह सबसे ख़ास थी। शतक के बाद भी वह रुके नहीं, और लगातार तीसरा चौका लगाने की कोशिश में उनका बल्ला हाथ से छूट गया और वह मिडऑफ़ पर कैच दे बैठे।
लेकिन रूट दूसरे छोर पर अपनी पारी में लगे रहे, 88 रन पर एक एलबीडब्ल्यू रिव्यू से बचने के बाद उन्होंने अपने करियर का 39वां शतक बनाया और अपने मेंटर ग्राहम थॉर्प को एक भावनात्मक श्रद्धांजलि दी। उन्होंने थॉर्प के जीवन के सम्मान में बेची जा रही हेडबैंड में से एक पहना और आसमान की ओर इशारा किया।
लेकिन मैच में एक और बड़ा ट्विस्ट आना बाक़ी था। प्रसिद्ध कृष्णा ने वापसी करते हुए पहले जेकब बेथेल को आउट किया और इसके दो ओवर बाद, पुरानी गेंद से रूट को फ़िडल कर पीछे कैच करवा दिया, जिससे भारतीय फ़ैंस में उम्मीद की लहर दौड़ गई। स्कोरिंग पूरी तरह से थम गई, और जेमी स्मिथ और जेमी ओवरटन ने 20 गेंदों में सिर्फ़ दो रन जोड़े। तभी ख़राब रोशनी के कारण खेल रोक दिया गया, और बारिश के बाद दिन का खेल समाप्त कर दिया गया। अब दोनों टीमों को जीत के लिए अपनी अंतिम ताक़त दिखानी होगी।