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गौती भइया का मैसेज और शुभमन की कप्तानी: नायर की इंग्लैंड सीरीज़ की सीख

इंग्लैंड से लौटने के बाद करुण नायर ने ESPNcricinfo से ख़ास बातचीत में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ पर खुलकर बात की

Karun Nair added five to his overnight score, England vs India, 5th Test, 2nd day, The Oval, August 1, 2025

Karun Nair ने अपने इंग्लैंड दौरे के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताईं  •  AFP/Getty Images

हेडिंग्ली में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी के पहले दिन राष्ट्रगान के दौरान करुण नायर की बाज़ुओं और उनके अंतर्मन में रोमांच की लहर दौड़ रही थी। तीन साल पहले तक वे इस पल की कल्पना भी नहीं कर सकते थे, लेकिन उसे फिर से जी पाना उनके लिए भारत के लिए पहली बार खेलने के जैसा अनुभव था।
नायर ने ESPNcricinfo से कहा, "उस मौक़ को पाना मेरी ज़िंदगी के सबसे बेहतरीन दिनों में से एक था। आख़िरकार मैं फिर से वहां पहुंच गया था और वह एहसास सबसे ख़ास था।"
इंग्लैंड में भारत की शानदार टेस्ट सीरीज को ख़त्म हुए मुश्किल से एक हफ़्ता ही हुआ है, जिसका परिणाम 2-2 था। लेकिन नायर फिर से मैदान पर लौट चुके हैं। उनके दाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर सूजन है, जो द ओवल में दूसरी पारी में गस एटकिंसन की तेज़ बाउंसर से लगी थी। लेकिन उनका ध्यान अब महाराजा ट्रॉफ़ी T20 पर है, जहां वे मैसूर वॉरियर्स के ख़िताब बचाव में अहम भूमिका निभाएंगे।
वो अभी नेट्स में लौटे नहीं हैं। उन्होंने मैदान पर अपनी वापसी के बारे में कहा , "शायद एक हफ़्ते में, या जब सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस से हरी झंडी मिलेगी, तब मैं फिर से मैदान पर रहूंगा।" लेकिन उन्होंने ट्रेनिंग पर नज़र रखना शुरू कर दिया है। उनकी आवाज़ भारी है, लगभग फुसफुसाहट जैसी, और जब उनसे पूछा गया कि क्या ये सीरीज़ के बाद जश्न का नतीजा है, तो वे हंस पड़े।
वह हंसते हुए कहते हैं, "दरअसल, ऐसा नहीं है। हमने ज़्यादा सेलीब्रेट नहीं किया।"
हमारा सेलीब्रेशन "उतना बड़ा नहीं था जितना लोग सोच रहे हैं। लेकिन आपसी सम्मान बहुत गहरा था। मैच के बाद की जश्न मनाने के बाद, भारतीय खिलाड़ी इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में गए। यह एक ऐसा क़दम था जिसने उस भावना को रेखांकित किया जिसके साथ यह सीरीज़ खेली गई थी।
ऋषभ को टूटी उंगली के साथ बल्लेबाज़ी करने आते देखना, इस सीरीज़ के सबसे अच्छे पलों में से एक था। यह सभी के लिए हैरान कर देने वाला पल था। इससे पता चलता है कि वो कितना महान खिलाड़ी है और उससे भी बढ़कर, कैसा इंसान है। इसने हमारी टीम की फिलॉसफ़ी को परिभाषित कर दिया - टीम को सबसे ऊपर रखना और व्यक्तिगत चीज़ों को पीछे छोड़ देना है
करुण नायर
नायर ने कहा, "हमारी अच्छी बातचीत हुई, दोनों टीमों ने इस बात का सम्मान किया कि यह एक शानदार सीरीज़ थी। ब्रेंडन मक्कलम ने कहा कि यह हाल के दिनों में खेली गई सबसे बेहतरीन टेस्ट सीरीज़ थी। एक खिलाड़ी के तौर पर, हमें मैचों के दौरान इसका महत्व महसूस नहीं हुआ, लेकिन जिस तरह से वो पल गुज़रे, पीछे मुड़कर देखने पर, एक समूह के रूप में, हमें लगता है कि हमने कुछ ख़ास हासिल किया है।"
नायर के लिए यह सीरीज़ एक लंबी यात्रा का अंतिम पड़ाव थी, जहां चीज़ें वापस अपनी जगह पर आ गईं। 2021 में अपने करियर के सबसे निचले दौर में उन्होंने सोशल मीडिया पर भावनाओं के साथ एक और मौके की गुहार लगाई थी, और तब से आठ साल के इंतज़ार के बाद उन्हें यह मौक़ा मिला।
वापसी का सफ़र हिम्मत, रन और फिर इंग्लैंड के काउंटी सर्किट से होकर गुज़रा, जिसके बाद घरेलू क्रिकेट में रन बनाकर उन्होंने जगह पक्की की। कॉल आने पर वे ऐसे ड्रेसिंग रूम में पहुंचे, जो 'टीम-फर्स्ट' की विचारधारा पर ज़ोर देता था।
नायर ने कहा, "शुरुआत में ही गौति भइया ने कहा था कि इसे ट्रांज़िशन वाली टीम की तरह मत देखो। उन्होंने हमें वैसा महसूस ही नहीं करने दिया। पहला मैसेज था, 'ये युवा टीम नहीं है। ये गन टीम है। सबको अंदर से ये महसूस करना चाहिए।' और फिर यही मैसेज था कि हर कोई टीम के लिए खेले, एक-दूसरे का साथ दे। सिर्फ़ कोच या कप्तान का कह देना एक बात है, लेकिन उसे महसूस करना अलग ही था।"
नायर ने शुभमन गिल की कप्तानी और विराट कोहली के जाने के बाद नंबर 4 पर खुद को साबित करने की चुनौती दोनों की सराहना की।
नायर ने इस बारे में कहा, "शुभमन ने जिस तरह टीम को जोड़े रखा और सभी को प्रोत्साहन दिया, वो शानदार था। शुरू से ही उनकी कम्युनिकेशन बिल्कुल साफ़ थी। बतौर बल्लेबाज़ जो उन्होंने हासिल किया, और साथ ही टीम की अगुवाई में एक लीडर के रूप में उन्होंने वही टीम भावना दिखाई, जिसके बारे में गौति भइया और उन्होंने बात की थी।"
बल्लेबाज़ के तौर पर नायर की सीरीज़ उम्मीदों के मुताबिक नहीं रही। आठ पारियों में उनके सिर्फ़ 205 रन आए, जिसमें द ओवल पर एक अर्धशतक शामिल था। लगभग हर पारी में उन्हें शुरुआत मिली, लेकिन वे उस शुरुआत को बड़ी पारी में बदल नहीं सके।
वे कहते हैं, "मुझे अफ़सोस है कि मैं द ओवल पर मिली शुरुआत को शतक में नहीं बदल सका। लेकिन पीछे मुड़कर देखें, तो टीम मुश्किल में थी और उस दिन टिककर खेलना ज़रूरी था। मैंने वहां पहले भी अच्छा खेला था। नॉर्थैम्पटनशायर के लिए सरी के खिलाफ़ 150 बनाया था। नर्वसनेस थी, लेकिन मैं अच्छा महसूस कर रहा था। फिर भी मैं उसे बड़ी पारी में बदल नहीं पाया।
"सीरीज़ उस लिहाज़ से उतार-चढ़ाव वाली रही, और मैंने इस पर काफ़ी सोच-विचार किया। ऐसा रोज़ होता है, लेकिन ज़रूरी है कि जो हो चुका उसे छोड़कर अगले कुछ महीनों में क्या करना है, उस पर ध्यान दूं। फ़ोकस बनाए रखना है और सुनिश्चित करना है कि चाहे मैं किसी भी स्तर पर खेलूं, बड़ी पारियां खेलूं।"
नायर के लिए लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन भारत के निचले क्रम की वापसी ख़ास थी। उन्होंने कहा, "जिस स्थिति में हम थे, वहां से नीतीश और सिराज ने जाडेजा के साथ जो संघर्ष दिखाया, वो प्रेरणादायक था। वो कभी हार न मानने वाला रवैया दिखा। टेस्ट हारने का अफ़सोस था, लेकिन सभी प्रेरित हुए।
"और फिर ऋषभ को टूटी उंगली के साथ बल्लेबाज़ी करने आते देखना, इस सीरीज़ के सबसे अच्छे पलों में से एक था। यह सभी के लिए हैरान कर देने वाला पल था। इससे पता चलता है कि वो कितना महान खिलाड़ी है और उससे भी बढ़कर, कैसा इंसान है। इसने हमारी टीम की फिलॉसफ़ी को परिभाषित कर दिया - टीम को सबसे ऊपर रखना है और व्यक्तिगत चीज़ों को पीछे छोड़ देना है।"