इंदौर में महिला विश्व कप और पुराने नेहरू स्टेडियम की यादें
इस स्टेडियम में 1997 महिला विश्व कप का एक ऐतिहासिक टाई मैच भी हुआ था
विशाल दीक्षित
30-Sep-2025 • 1 hr ago
इंदौर के नेहरू स्टेडियम में क्रिकेट खेलती लड़कियां • ESPNcricinfo Ltd
इंदौर में बादलों से घिरे आसमान के नीचे किशोरावस्था के आख़िर के सालों में पहुंच चुकी एक लंबी सी लड़की, नेहरू स्टेडियम की जर्जर बाउंड्री के बाहर बने सीमेंट के फु़टपाथ पर अपने बल्ले के हैंडल पर बैटिंग ग्लव्स कस रही है। वह अंडर-आर्म हाफ़ वॉली सीधे मेरी तरफ़ मारती है और तुरंत ही जीभ निकालकर शरारती मुस्कान देती है, मानो कहना चाहती हो कि यह जानबूझकर नहीं किया गया।
1964 में इंदौर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अधीन बना यह मशहूर स्टेडियम अब जर्जर हो चुका है। इसने नौ पुरुषों के वनडे और दो महिलाओं के वनडे आयोजित किए थे, लेकिन 2001 के बाद से यहां कोई प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं हुआ है। अब यह एक मल्टी-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बदल चुका है, जहां ज़्यादातर मैदान पर घास उग आई है और कोनों में युवा खिलाड़ी फु़टबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल की प्रैक्टिस करते हैं।
भारत की पूर्व सलामी बल्लेबाज़ संध्या अग्रवाल जब किशोरावस्था में थीं, तो पतंगबाज़ी, कंचों का खेल और बाद में लड़कों के साथ गली-गली में क्रिकेट खेला करती थीं। वह इसी नेहरू स्टेडियम के बाहर बड़ी हुईं, जहां उन्होंने सुनील गावस्कर, जीआर विश्वनाथ, दिलीप वेंगसरकर, एस वेंकटराघवन और अन्य खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफ़ी और अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलते देखा। मैदान के आसपास का माहौल ही उन्हें भारत का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने की प्रेरणा देता था। 1995 में रिटायर होने के बावजूद, वह आज भी महिलाओं के टेस्ट क्रिकेट में भारत की सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं। उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 1986 में 190 रन बनाए थे, जो उस समय का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर था।
2001 में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 139 रन की पारी के दौरान 10,000 वनडे रन इसी नेहरू स्टेडियम में पूरे किए थे। लेकिन यह 1997 में भारत और श्रीलंका के बीच मैच रद्द होने की घटना के लिए भी कुख़्यात है, जब सूखी और टूटी पिच को खिलाड़ियों के लिए ख़तरनाक मानते हुए खेल रोक दिया गया। यहीं से इस मैदान के पतन का सिलसिला शुरू हुआ।
इंदौर में सचिन तेंदुलकर ने पूरा किया था अपना 10,000 वनडे रन•ALLSPORT
यहां 1997 में एक और मैच हुआ था, जिसे शायद ही किसी ने नोटिस किया हो। यह महिला विश्व कप मैच था, जो भारत (जो तब BCCI के अधीन नहीं था) और न्यूजीलैंड के बीच हुआ था। उस टूर्नामेंट में ICC की भी कोई भूमिका नहीं थी।
तब तक अग्रवाल संन्यास ले चुकी थीं और दूरदर्शन पर कॉमेंट्री कर रही थीं। वह याद करती हैं कि मैदान पर बहुत साधारण सुविधाएं थीं। न्यूज़ीलैंड ने नौ विकेट पर 176 रन बनाए थे और भारत को जीत के लिए आख़िरी 15 गेंदों पर 6 रन चाहिए थे और उनका सिर्फ़ एक विकेट बचा था।
अग्रवाल ने ESPNcricinfo को बताया, ""तब तक ऐसा लग रहा था कि भारत आसानी से जीत जाएगा। मैं और सुशील भाई (सुशील दोशी, इंदौर के पत्रकार और कॉमेंटेटर) दोनों ने एक-दूसरे से कहा था, 'ये जीत की ख़ुशबू अब हमारे कमेंटेटर बॉक्स तक आने लगी है।' मुझे आज भी याद है।"
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वह मानती हैं कि उस समय दर्शकों की संख्या हज़ार से कम थी, लेकिन वे खिलाड़ियों का ज़ोरदार समर्थन कर रहे थे।
न्यूजीलैंड की सलामी बल्लेबाज़ एमिली ड्रम्म ने इस मैच में 69 रन बनाए। यह उपमहाद्वीप का उनका पहला दौरा था। वह "औसत दर्जे" के होटल और सुविधाओं के साथ एडज़स्ट कर रही थीं, जबकि भीड़ पूरी तरह से भारत की समर्थक थी।
ड्रम्म याद करते हुए कहती हैं, ""वह मैच काफ़ी तनावपूर्ण था। कभी हम आगे, कभी भारत। शोरगुल वाला लेकिन अच्छा माहौल। हमें पता था कि हमने पर्याप्त रन नहीं बनाए थे, इसलिए यह कड़ा मुक़ाबला होगा। विकेट सही समय पर गिरते रहे, भारत साझेदारी बनाता और हम तोड़ देते। खिलाड़ियों के बीच थोड़ी बहस भी हुई। यह एक मज़ेदार मैच था। सच कहूं तो हम वहां से बचकर निकले।"
नेहरू स्टेडियम, जो कभी एक्सक्लूसिव क्रिकेट ग्राउंड था, अब मल्टी-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन चुका है•ESPNcricinfo Ltd
आखिरी ओवर में भारत की नीता डेविड बोल्ड हो गईं और स्कोर बराबर रह गया। न्यूज़ीलैंड अंक तालिका में भारत से आगे निकल गया और आख़िरकार फ़ाइनल तक पहुंचा, जहां वे कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया से हार गए। तीन साल बाद 2000 के फ़ाइनल में ड्रम्म कप्तान बनीं और न्यूज़ीलैंड ने पहली बार विश्व कप जीता।
अब 25 साल बाद न्यूज़ीलैंड फिर से इंदौर लौट रहा है, जहां वे 2025 विश्व कप अभियान की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ करेंगे। इस दौरान खेल प्रोफ़ेशनल हो चुका है और इंदौर के पास भी नया होल्कर स्टेडियम है, जो 2006 से अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित करता है। हालांकि इस मैदान पर अभी तक किसी महिला अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी नहीं हुई है। इस विश्व कप में यहां पांच मैच होंगे, जिसमें 19 अक्टूबर को भारत-इंग्लैंड मुकाबला (2017 फ़ाइनल का रीमैच) भी शामिल है।
इस विश्व कप के लिए चुने गए चार भारतीय शहरों में इंदौर की तेज़ी से हुई तरक्की महिला क्रिकेट के विकास को भी अच्छे तरीके से दर्शाती है। शहर को स्थानीय लोग गर्व से "मिनी-मुंबई" कहते हैं। ठीक वैसे ही महिला क्रिकेट की भी तेज़ तरक्की हुई है। इसका सबूत इस बार की 13.88 मिलियन डॉलर की प्राइज मनी है, जो ऑस्ट्रेलियाई पुरुष टीम को 2023 विश्व कप जीतने पर मिले $10 मिलियन से भी ज़्यादा है।
आने वाले हफ्तों में महिला क्रिकेट के बदलाव में अहम भूमिका निभाने वाली कई बड़े खिलाड़ी इंदौर में खेलेंगी। अगर युवा लड़कियां प्रेरणा पाना चाहती हैं, तो यह उनके लिए सुनहरा मौक़ा है कि वे उन्हें मैदान पर खेलते हुए देखें और खुद में वही जज़्बा जगाएं।
विशाल दीक्षित ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं