फ़ीचर्स

गुवाहाटी का ग़म और उम्मीद: ज़ुबीन की यादों के साए में महिला विश्व कप का आग़ाज़

आमतौर पर बड़े टूर्नामेंट जश्न से शुरू होते हैं, लेकिन इस बार आग़ाज़ श्रद्धांजलि के साथ होगा लेकिन असम क्रिकेट एसोशिएसन इस आयोजन के ज़रिए महिला क्रिकेट को एक अलग स्तर तक लेकर जाना चाहता है

राजन राज
29-Sep-2025 • 5 hrs ago
The Women's World Cup trophy in display at the Barsapara Cricket Stadium, Guwahati, September 10, 2025

भारत-श्रीलंका मैच से पहले दिवंगत गायक ज़ुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि दी जाएगी  •  ICC

गुवाहाटी गहरे सन्नाटे और शोक में डूबा है। स्टेशन से स्टेडियम तक जाने वाली सड़कें वीरान हैं। लोग अपने ज़ुबीन (गर्ग) दा की यादों में खोए हैं, और उनकी याद में लगाए गए पोस्टर और बिलबोर्ड महिला विश्व कप के बड़े इश्तिहारों के बीच खामोश खड़े हैं। ज़ुबीन गुवाहाटी और असम की उम्मीद थे। ऐसे मुश्किल समय में जब पूरा शहर उनके पुराने गीतों में नई उम्मीद और प्रेम तलाश रहा है, तभी इसी शहर से महिला वनडे विश्व कप का आग़ाज़ हो रहा है।
साल के इसी महीने में गुवाहाटी आमतौर पर दुर्गा पूजा की रौनक में डूबा होता है, लेकिन इस बार माहौल बदला हुआ है। पूजा के पंडालों से लेकर गली-कूचों तक, हर जगह ज़ुबीन के गीत गूंज रहे हैं। स्टेशन से होटल की ओर बढ़ते हुए कानों तक एक गीत की आवाज़ पहुंची, जिसके बोल थे -
""जीवनते पथ सहज नॉय, अन्धकाबब माजेते आलोक बिचबा लागे स्वनन देखि आगुआई जाऊं.."
(ज़िंदगी का रास्ता कभी आसान नहीं होता। अंधकार के बीच भी रोशनी खोजनी पड़ती है। सपने देख कर आगे बढ़ना पड़ता है।)
शायद महिला विश्व कप की शुरुआत इस शहर को वही रोशनी दे, और उमा छेत्री जैसी असम की बेटियों के ज़रिए उम्मीद भारतीय टीम तक पहुंचे।
ACA स्टेडियम के ठीक सामने सोमवार को दर्शकों की भीड़ जुटी थी, जिसमें युवा लड़कियों की संख्या काफ़ी ज़्यादा थी। भारतीय और श्रीलंका टीम अभ्यास के लिए आने वाली थीं, और दर्शक अपनी प्रिय खिलाड़ियों की एक झलक पाने को बेसब्र खड़े थे। महिला क्रिकेट के लिए यह निश्चित रूप से एक अच्छा संकेत है। भारत 2019 की इंग्लैंड सीरीज़ के बाद पहली बार यहां T20I खेलने जा रहा है, और इसके लिए लोग थोड़े उत्साहित भी हैं।
उसी भीड़ में पल्लवी भी थीं, जो अपने पिता के साथ मुख्य गेट के पास खड़ी थीं। पल्लवी गुवाहाटी की ही हैं और छेत्री की तरह भारतीय टीम तक पहुंचने का सपना देखती हैं। उन्हें नहीं पता था कि टीम स्टेडियम में कब आएगी, लेकिन अपनी प्रिय खिलाड़ियों की झलक पाने के लिए वह बेहद उत्साहित थीं।
जब मैंने उनसे पूछा कि गुवाहाटी में भारतीय टीम का पहला मैच होना उन्हें कैसा लग रहा है, तो वह मुस्कराकर बोलीं, "मैं तो सारे मैच देखूंगी। मुझे तो कल के मैच का पास भी मिल गया। आप देखना, इस बार हरमन दी (हरमनप्रीत कौर) भारत को पक्का विश्व कप जिताएंगी। कल तो ज़ुबीन दा के लिए एक कार्यक्रम भी है।"
ज़ुबीन को श्रद्धांजलि के कार्यक्रम का ज़िक्र मेरे कैब ड्राइवर ने भी सुबह किया था। उन्होंने कहा कि वह भी अपने पूरे परिवार के साथ भारत-श्रीलंका का मैच देखने आएंगे।
उन्होंने बताया, "ज़ुबीन दा के बिना शहर बहुत दुखी है। कल वर्ल्ड कप का पहला मैच है। पपोन दा भी उन्हें याद करते हुए प्रोग्राम करेंगे, तो मैं उसे मिस नहीं कर सकता। यहां काफ़ी दिनों बाद लेडीज़ मैच हो रहा है। पता नहीं यहां ज़्यादा मैच क्यों नहीं होते। हम तो पुरुष और महिला, दोनों ही मैच देखते हैं।"
अक्सर किसी भी टूर्नामेंट की शुरुआत जश्न से होती है, लेकिन शायद यह पहला स्टेडियम होगा जहां श्रद्धांजलि के साथ इतने बड़े टूर्नामेंट का आग़ाज़ होगा।
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि पूरे राज्य के भावनात्मक माहौल को देखते हुए बदलाव ज़रूरी था। उन्होंने PTI से कहा, "यह मैच बेहद कठिन समय पर हो रहा है। चुनौतियां हैं, लेकिन क्रिकेट को आगे बढ़ना ही होगा। पहला, पूरे राज्य में ज़ुबीन गर्ग के निधन के बाद गहरा शोक है। दूसरा, यहां दुर्गा पूजा का चरम समय है, जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पर्व है। मैच इन दोनों घटनाओं के बीच हो रहा है। हमें किसी तरह इसे आगे ले जाना है।"
सैकिया ने आगे कहा, "हमने पूरे उद्घाटन समारोह को नया रूप दिया है। पहले यह विश्व कप की शुरुआत का जश्न होता। अब यह पूरी तरह असम की मिट्टी के बेटे ज़ुबीन गर्ग को समर्पित होगा। उद्घाटन समारोह में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।"
ACA ने ज़ुबीन गर्ग फ़ैन क्लब के सदस्यों के लिए विशेष तौर पर 5000 टिकट सुरक्षित रखे हैं। इसके अलावा, 10,000 पास कॉम्प्लिमेंट्री तौर पर दिए गए हैं।
बुक माय शो के सुपरवाइज़र अनुराग पांडे ने PTI से कहा, "फ़ैंस ज़ुबीन के लिए आ रहे हैं। 38,000 क्षमता वाले स्टेडियम में अब तक सिर्फ़ 12,000 टिकट बिके हैं, और यह सब टिकट ज़ुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि देने के लिए ही ख़रीदे गए। स्टेडियम उनके मशहूर गीत 'मायाबिनी रातिर बुकुत' से गूंजेगा, जिसे ज़ुबीन ने चाहा था कि लोग उनके जाने के बाद गाएं।"
एक शोक में डूबे और शांत शहर के लिए यह विश्व कप वह बदलाव हो सकता है जो लोगों को थोड़ी सहजता दे। यह असम की बेटियों को आगे बढ़ने की उम्मीद देगा। कौन जानता है, देश के इसी कोने से ज़ुबीन की तरह कोई बेटी उभरे और क्रिकेट के मैदान पर अपनी चमक से पूरे असम को फिर से रोशन कर दे।
ACA भी इसी आस में है। उनके अध्यक्ष तरंगा गोगोई ने कहा, "इतने बड़े टूर्नामेंट का आयोजन हमारे राज्य और पूरे नॉर्थ ईस्ट की लिए बहुत ही सकारात्मक चीज़ है। हम लगातार इस प्रयास में हैं कि असम और पास के राज्यों की महिला खिलाड़ी बड़े स्तर पर जाकर सफलता हासिल करें।
ज़ुबीन दा के निधन के बाद इस आयोजन को करना काफ़ी मुश्किल है। ऐसा महसूस होता है कि हमारे ही घर का कोई सदस्य अब हमारे साथ नहीं हैं। ऐसे में लोगों के लिए या यहां कि लड़कियों को मैच देखने के लिए स्टेडियम तक आना काफ़ी मुश्किल है। लेकिन हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा दर्शक इस आयोजन के से लिए स्टेडियम तक पहुंचें और हमने उसके लिए विशेष प्रयास भी किए हैं।"
"इस आयोजन के साथ हम यह भी संदेश देना चाहते हैं कि हमारे राज्य से कोई भी बच्ची अगर क्रिकेट में आना चाहती है तो हम उसका पूरा समर्थन करेंगे। अभी हम अंडर 15 की लड़कियों को हर महीने कुछ पैसे देते हैं, ताकि वह अपने खेल को आगे बढ़ाएं, आगे हम इन प्रयासों में और भी वृद्धि करेंगे।"

राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं