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अभिषेक : अगर मैं जल्दी टीम में आ जाता तो कुछ चीज़ें सीख नहीं पाता

अभिषेक ने कहा कि जब से वह राष्ट्रीय टीम में आए हैं तो उन्हें एक भी मैच में ऐसा नहीं लगा कि इसमें किसी तरह का दबाव है

Abhishek Sharma celebrates his half-century, India vs Bangladesh, Super Fours, Asia Cup, Dubai, September 24, 2025

अभिषेक शर्मा को सात पारियों में 314 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया  •  AFP/Getty Images

भारत के सलामी बल्लेबाज़ अभिषेक शर्मा ख़ुश हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम तक पहुंचने के लिए लिफ़्ट नहीं बल्कि सीढ़ियां चढ़ीं, जबकि उनके 2018 अंडर-19 विश्व कप टीम के साथियों शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ ने भारतीय टीम तक जल्दी पहुंच बना ली थी। उन्होंने कहा कि अगर वे भी उसी तरह पहुंचे होते तो कुछ चीज़ें नहीं सीख पाते।
एशिया कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट बनने वाले अभिषेक ने के कहा, "इस सफ़र में उतार-चढ़ाव रहे हैं। कुछ खिलाड़ी आसानी से टीम में आ जाते हैं, जबकि कुछ को मुश्किलों के बाद मौक़ा मिलता है। लेकिन मुझे लगता है कि यह [घरेलू क्रिकेट की मेहनत] ज़रूरी थी। अगर मैं जल्दी [राष्ट्रीय टीम] में पहुंच जाता, तो कुछ चीज़ें नहीं सीख पाता।"
जहां शॉ ने 2018 में ही टेस्ट डेब्यू कर लिया था और गिल ने 2019 की शुरुआत में भारतीय टीम में जगह बना ली थी, वहीं अभिषेक के लिए असली मोड़ कोविड महामारी के बाद 2021 में आया, जब उन्होंने अपने खेल में निखार लाने की कोशिश की। युवराज सिंह के मार्गदर्शन में मिडिल-ऑर्डर फ़िनिशर और पार्ट-टाइम लेफ़्ट-आर्म स्पिनर से उन्होंने ख़ुद को एक ओपनर के रूप में बदला, जिनका पावर-हिटिंग गेम बेहतर हो चुका था।
अभिषेक ने एशिया कप में सबसे ज़्यादा सात पारियों में 314 रन बनाए, जिसमें फ़ाइनल से पहले लगाए गए लगातार तीन अर्धशतक शामिल थे। उनके बाद पतुम निसंका दूसरे नंबर पर थे, जिन्होंने 261 रन बनाए।
अभिषेक के दमदार पावरप्ले खेल और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ लगातार मैचों में शाहीन शाह अफ़रीदी पर अटैक ने उन्हें खूब तारीफ़ दिलाई। इसका श्रेय उन्होंने टीम प्रबंधन से मिली आज़ादी को दिया। इस प्रदर्शन से उन्होंने अगले साल T20 विश्व कप टीम में अपनी जगह भी लगभग पक्की कर ली, जब भारतीय टीम अपने घरेलू मैदान पर ख़िताब का बचाव करने उतरेगी।
उन्होंने कहा, "जब से मैं [राष्ट्रीय] टीम में हूं, ऐसा कभी नहीं लगा कि यह कोई प्रेशर मैच है। हमने हर मैच की तैयारी एक जैसी की। सूर्या भाई [सूर्यकुमार यादव] और जीजी [गौतम गंभीर] भाई ने मुझे आत्मविश्वास दिया। जब आप हाई-रिस्क गेम खेलते हैं, तो असफलताएं आती हैं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने मुझे संभाला, उसी वजह से मैं ऐसा खेल पा रहा हूं।"
अभिषेक ने ज़ोर दिया कि जिस आक्रामक बल्लेबाज़ी का टेम्पलेट उन्होंने अपनाया है, उसे पूरी टीम ने स्वीकार किया है और आगे भी इसी तरह खेलते रहेंगे।
"ऐसा सपोर्ट टीम से मिलना बहुत ज़रूरी है," उन्होंने कहा। "हम शुरुआत से ही इस ब्रांड का क्रिकेट इंटेंट के साथ खेलना चाहते थे। विपक्षी कोई भी हो, हम इसी तरह खेलते रहेंगे। मुझे कुछ चीज़ों पर काम करने के लिए ज़्यादा वक़्त मिला। मैंने उन पर काफ़ी मेहनत की है। मुझे लगता है कि यह टीम के लिए शुरुआत है। आगे और चमत्कार देखने को मिलेंगे।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo के वरिष्ठ संवाददाता हैं।