कोहली और रोहित: हम दोनों एक-दूसरे के खेल को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सिडनी वनडे में रिकॉर्ड साझेदारी बनाने के बाद दोनों ने दिल खोलकर बात की
सिद्धार्थ मोंगा
25-Oct-2025 • 7 hrs ago
विराट कोहली और रोहित शर्मा ने जनवरी 2020 के बाद सभी प्रारूपों में अपनी पहली शतकीय साझेदारी की • AFP/Getty Images
ऑस्ट्रेलिया में शायद आख़िरी बार खेल रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली ने समय को पीछे ले जाकर 168 रन की साझेदारी की और भारत को सिडनी (SCG) वनडे में नौ विकेट की जीत दिलाई। इस प्रारूप के सबसे ज़्यादा और तीसरे सबसे ज़्यादा शतक लगाने वाले दोनों बल्लेबाज़ों ने भावुक शब्दों में अपनी बात कही।
2008 में CB सीरीज़ के पहले फ़ाइनल में SCG पर रोहित ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना नाम बनाया था, जब उन्होंने अर्धशतक लगाते हुए सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर 240 रनों के लक्ष्य का पीछा किया था। उसी मैदान पर रोहित ने अपना 33वां वनडे शतक लगाया और प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द सीरीज़ बने।
ब्रॉडकास्टर्स से बात करते हुए रोहित ने कहा, "मुझे यहां आना हमेशा पसंद है। मुझे ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट खेलना पसंद है। 2008 की यादें मेरे लिए बहुत प्यारी हैं और इस तरह से यहां पर अंत करके भी अच्छा लग रहा है। मुझे नहीं पता कि हम फिर कभी ऑस्ट्रेलिया आएंगे या नहीं, लेकिन इन सभी सालों में यहां खेलना बहुत मज़ेदार रहा है। बहुत सी अच्छी और कुछ बुरी यादें भी हैं, लेकिन कुल मिलाकर, मुझे यहां जो क्रिकेट खेलने का मौक़ा मिला, वही सबसे अहम है।"
अब रोहित और कोहली तीनों प्रारूपों में से सिर्फ़ एक प्रारूप खेलते हैं, जिससे उन्हें ज़्यादा मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिलता। लेकिन रोहित ने दोनों की तरफ़ से कहा कि वे जो कर रहे हैं, उसका आनंद ले रहे हैं।
रोहित से जब पूछा गया कि क्या "दो बूढ़े शेरों के पास अभी भी दहाड़ बाक़ी है?" तो उन्होंने कहा, "हमें अपना क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है और सबसे ज़्यादा यही मायने रखता है। हमने बहुत उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन यह ज़रूरी है कि जब भी खेलने का मौक़ा मिले, आपको नए सिरे से शुरुआत करनी चाहिए और हमने यही किया। जब हम पर्थ पहुंचे, तो पिछले 15-17 सालों में जो हुआ, उसे भूलकर नए सिरे से शुरू करना चाहा। मैं हर मैच को इसी नज़रिए से देखता हूं। मुझे यक़ीन है कि विराट के लिए भी यही होगा, लेकिन इन तीन मैचों को खेलकर बहुत आनंद आया।"
कोहली के लिए यह सीरीज़ आसान नहीं रही, क्योंकि वह अपने वनडे करियर में पहली बार लगातार दो बार शून्य पर आउट हुए। लेकिन उन्होंने शानदार अर्धशतक लगाकर वापसी की और अपने पुराने साथी के साथ मिलकर जीत दिलाई।
कोहली ने दर्शकों के ज़ोरदार उत्साह के बीच कहा, "सच कहूं तो इस मुश्किल दौर से बाहर आकर अच्छा लग रहा है। आपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतने रन बनाए हैं, लेकिन फिर भी यह खेल आपको सब कुछ दिखा देता है। 37 साल के पार होकर भी कभी-कभी ऐसा लगता है कि मुझे रन बनाना आता ही नहीं। यह खेल वाक़ई अद्भुत है।"
"यही वजह है कि हमें बल्लेबाज़ी पसंद है, हमें बल्लेबाज़ी की कला से प्यार है। जब चीज़ें आपके पक्ष में नहीं होतीं, तब लय वापस पाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। मैदान पर जाकर, जब खेलने के लिए कोई परिस्थिति होती है, तो वह हमेशा मुझे मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए प्रेरित करती है। और जब रोहित पहले से बल्लेबाज़ी कर रहे होते हैं, तो स्ट्राइक बदलना आसान हो जाता है। हम एक-दूसरे के खेल को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। तो हां, एक बार फिर बड़ी साझेदारी करना और मैच ख़त्म करना बहुत अच्छा लगा।"
इस जीत के दौरान दोनों ने मिलकर 5483 साझेदारी रन पूरे किए और कुमार संगकारा व तिलकरत्ने दिलशान को पीछे छोड़ते हुए वनडे में तीसरी सबसे सफल जोड़ी बन गए। वे सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली से लगभग 3000 रन पीछे हैं, जिन्हें लगातार ओपनिंग करने का फ़ायदा मिला है। लेकिन वे कुमार संगाकारा और महेला जयवर्दना (5992 रन) को पीछे छोड़ सकते हैं।
कोहली ने कहा, "हम दोनों खेल को अच्छी तरह समझते हैं, यही वजह है कि हम इतने सालों तक साथ खेल पाए। जब आप परिस्थितियों को समझते हैं, अपने खेल को जानते हैं और अलग-अलग मौक़ों पर उसे लागू करना जानते हैं, तो आप आगे बढ़ सकते हैं। हम हमेशा इस बात पर गर्व करते रहे हैं।
"मुझे लगता है कि यह सब 2013 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ से शुरू हुआ था, जब हमने बड़ी साझेदारियां बनाना शुरू किया। तब से यह साफ़ था और विपक्षी टीम भी यह जानती थी कि अगर ये दोनों 20 ओवर साथ रहें, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। मुझे रोहित के साथ बल्लेबाज़ी करना हमेशा पसंद है और यह सोचकर अच्छा लगता है कि हमने साथ मिलकर इतने रन बनाए हैं।"
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में सीनियर राइटर हैं
