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चैपल : अगर बेन स्टोक्स कप्तान नहीं बनना चाहते तो इंग्लैंड क्रिकेट के लिए बड़ी मुसीबत है

ईसीबी को एक क़ाबिल कप्तान की नियुक्ति के अलावा एक अच्छी टीम के गठन में अधिक समय नहीं लगानी चाहिए

Joe Root, Ben Stokes and Mark Wood arrive at the Gabba, Australia vs England, The Ashes, 1st Test, Day 1, The Gabba, Brisbane, December 8, 2021

रूट के कार्यकाल में इंग्लैंड विश्व क्रिकेट में पिछड़ने लगा था और रॉबर्ट के लिए इस प्रक्रिया को रोकना ही सबसे बड़ा काम होगा: चैपल  •  Getty Images

जो रूट जब यॉर्कशायर की कप्तानी करते थे तब समर्थकों ने उनकी कप्तानी की आधार पर उन्हें एक अपमानजनक उपनाम दिया था। शायद इंग्लैंड के क्रिकेट अधिकारीयों को समझ जाना चाहिए था कि इंग्लैंड के कप्तानी के लिए उनकी योग्यता पर यह सवालिया निशान था।
रूट ने इंग्लैंड कप्तानी से अपनी ग़लतियों के चलते ही हाथ धोया है और इसके बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने रॉबर्ट की को प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। रूट के ख़ुद इस घोषणा करने से की उन्हें कप्तानी से हटाने के एक विवादित फ़ैसला लेने से बच गए। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम से इस बात को नहीं झुठलाया जा सकता है कि ईसीबी अपनी ग़लतियों को सुधारने के लिए अत्यधिक समय लेती है।
रूट के कार्यकाल में इंग्लैंड विश्व क्रिकेट में पिछड़ने लगा था और रॉबर्ट के लिए इस प्रक्रिया को रोकना ही सबसे बड़ा काम होगा। रूट का इस्तीफ़ा और उसके बाद उनके उत्तराधिकारी पर चल रही बहस ही साक्षी है कि ईसीबी में निर्णयन शक्ति कितनी कमज़ोर है। रूट की कप्तानी के शुरुआती दिनों में ही साफ़ था कि उनमें एक अच्छे कप्तान के गुण मौजूद नहीं हैं।
वर्तमान टीम में बहुत कम ऐसे खिलाड़ी हैं जो एक प्राकृतिक कप्तान लगते हैं और यह भी ईसीबी की ग़लती है। हर प्रथम एकादश में कुछ विकल्प साफ़ नज़र आने चाहिए।
रॉबर्ट के पदभार संभालने से पहले कई नाम लिए जा रहे थे। स्टुअर्ट ब्रॉड एक बुद्धिमान और विद्वत्तापूर्ण क्रिकेटर हैं लेकिन उन्हें कप्तानी नहीं देनी चाहिए। वह एक उम्रदराज़ खिलाड़ी हैं और गेंदबाज़ी और फ़ील्ड प्लेसमेंट के हिसाब से काफ़ी सुरक्षात्मक सोच के क्रिकेटर हैं।
जॉस बटलर एक टेस्ट विकेटकीपर नहीं हैं और प्रथम एकादश में जगह नहीं बना पाते। टेस्ट क्रिकेट एक कठिन प्रारूप है और इसमें आप को प्लेइंग XI में अपनी जगह के लिए निरंतरता दिखानी पड़ती है।
एक ही अच्छे विकल्प नज़र आते हैं ऑलराउंडर बेन स्टोक्स और अगर स्टोक्स इस पद में दिलचस्पी नहीं रखते हैं तो इंग्लैंड के लिए यह एक मुसीबत बन जाएगी। इससे पहले नियुक्त किए गए ऑलराउंडर कप्तानों की असफलता को अगर स्टोक्स के विरोध में ठहराया जाए तो यह ग़लत है। उनमें एक जोश है और साथ ही आक्रामक और सकारात्मक सोच भी। हालांकि एक सफल कप्तान बनने के लिए इतना ही पर्याप्त नहीं है।
रूट के बाद जो भी आए उसका पहला काम होगा एक ख़राब प्रदर्शन कर रही इंग्लैंड टीम को बेहतर खेल दिखाने का। यह बेहतरी एक कप्तान की सर्वप्रथम ज़िम्मेदारी होती है।
इंग्लैंड के लिए यह बहुत कठिन नहीं होगा। इस टीम में कई प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ हैं जो कुछ समय से रन नहीं बना रहे। रूट थोड़े दुर्भाग्यशाली भी थे कि जोफ़्रा आर्चर जैसे तीव्र गेंदबाज़ चोटिल होकर काफ़ी समय तक बाहर थे।
ज़ैक क्रॉली, ऑली पोप और डैन लॉरेंस जैसे बल्लेबाज़ कौशल से भरपूर हैं और उन्हें बढ़ावा और समर्थन देने की ज़रूरत है। ऑफ़स्पिनर डॉम बेस भी इस श्रेणी में आते हैं और मैं हैरान हूं कि लेगस्पिनर मैट पार्किंसन को अब तक मौक़ा नहीं मिला है। अगर स्टोक्स कप्तान बनते हैं और चयन प्रक्रिया में अपनी आवाज़ उठा सकते हैं तो वह पार्किंसन के विकास के भागीदार और लाभार्थी होंगे। इसी तरह उनके बार-बार चोटिल होने के बावजूद जेमी ओवरटन जैसे तेज़ गेंदबाज़ को भी स्टोक्स का समर्थन मिलना चाहिए।
अगर आप ऐतिहासिक तौर पर देखें तो इंग्लैंड क्रिकेट में सही तकनीक को लेकर एक जुनून सा है। अगर स्टोक्स कप्तान नियुक्त होते हैं और इस जुनून के बदले प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को सकारात्मक बढ़ावा देते हैं तो इंग्लैंड क्रिकेट के लिए यह लाभदायक साबित होगा। स्टोक्स को चयन प्रक्रिया में मत देने की ज़रूरत नहीं लेकिन उनके तर्क को अनसुना नहीं रखा जाए तो काफ़ी है।
रॉबर्ट के सामने चुनौतियों की कमी नहीं और उन्हें ईसीबी से कई चीज़ों पर लड़ना भी पड़ सकता है। फ़िलहाल टेस्ट कप्तान की नियुक्ति इस प्रक्रिया में पहला और एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।अगर बेन स्टोक्स को टेस्ट कप्तानी में दिलचस्पी नहीं है तो इंग्लैंड मुश्किल में हैं!

ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयन चैपल कॉलमिस्ट हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है।