आंकड़े : किशन ने पुरुष T20 फ़ाइनल में जड़ा तीसरा सबसे तेज़ शतक
अनुकूल रॉय और सुशांत मिश्रा के भी नाम हुए रोचक आंकड़े
संपत बंडारुपल्ली
18-Dec-2025 • 7 hrs ago

Ishan Kishan ने SMAT में पांचों शतक बतौर कीपर लगाए हैं जिनमें चार शतक उन्होंने बतौर कप्तान लगाए हैं • Associated Press
इशान किशन की अगुवाई में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी 2025-26 का ख़िताब झारखंड ने अपने नाम कर लिया। किशन के शतक की बदौलत झारखंड ने पहले 262 का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में हरियाणा की टीम 193 रन ही बना पाई। हाई स्कोरिंग मुक़ाबले में कई रोचक आंकड़े तो बने ही लेकिन टूर्नामेंट के इतिहास और T20 क्रिकेट में भी कई ऐतिहासिक आंकड़े स्थापित हुए।
12 झारखंड की जीत के साथ अब तक कुल 12 टीमों ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी जीता है। बड़ौदा, गुजरात, कर्नाटक और मुंबई ने यह ख़िताब दो-दो बार जबकि तमिलनाडु ने यह ख़िताब तीन बार अपने नाम किया है।
गुरुवार को झारखंड ने टूर्नामेंट के इतिहास में अपना फ़ाइनल खेला। इससे पहले वह सीनियर घरेलू ख़िताब एक ही बार 2010-11 सीज़न में जीते थे, जब उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का ख़िताब अपने नाम किया था।
262 पर 3 सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी 2025-26 के फ़ाइनल में झारखंड का यह स्कोर किसी भी T20 टूर्नामेंट फ़ाइनल का सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले 2024 में सब-रीजनल यूरोप क्वालिफ़ायर के फ़ाइनल में इटली ने रोमानिया के ख़िलाफ़ चार विकेट के नुक़सान पर 244 रन बनाए थे।
झारखंड का यह टोटल किसी भी T20 प्लेऑफ़ या नॉकआउट मुक़ाबला में किसी टीम द्वारा बनाया गया दूसरा सर्वोच्च स्कोर है। वह इस मामले में सिर्फ़ 2022 के T20 ब्लास्ट में डर्बिशायर के ख़िलाफ़ सोमरसेट द्वारा पांच विकेट के नुक़सान पर बनाए गए 265 के टोटल से पीछे हैं।
1 हरियाणा के ख़िलाफ़ झारखंड का 262 पर तीन का स्कोर T20 प्रारूप में उनका सर्वोच्च स्कोर है। इस टू्र्नामेंट में उन्होंने पांच बार 200 से बड़ा का स्कोर खड़ा किया जो कि सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के एक संस्करण में किसी टीम द्वारा बनाए दूसरे सर्वाधिक 200 से अधिक के स्कोर हैं।
पंजाब द्वारा इस टूर्नामेंट सात बार बनाए गए 200 से अधिक के टोटल सर्वाधिक हैं। इस टूर्नामेंट से पहले झारखंड ने केवल तीन 200 से अधिक टोटल बनाए थे और इस टूर्नामेंट में पांच 200 से अधिक उनके टोटल में एक पंजाब के ख़िलाफ़ आया था जो कि टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल चेज़ भी था।
2 किशन सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में शतक जड़ने वाले केवल दूसरे बल्लेबाज़ बने। किशन से पहले अनमोलप्रीत सिंह ने 2023-24 सीज़न के फ़ाइनल में बड़ौदा के ख़िलाफ़ पंजाब के लिए 113 रनों की पारी खेली थी।
किशन ने सिर्फ़ 45 गेंदों पर शतक जड़ा जो कि किसी बल्लेबाज़ द्वारा पुरुष T20 के टूर्नामेंट के फ़ाइनल में तीसरा सबसे तेज़ शतक था। मिचेल ओवेन ने 2024-25 के बिग बैश लीग फ़ाइनल में 39 गेंदों पर शतक जड़ा था जबकि करनबीर सिंह ने 2025 के बुडापेस्ट कप फ़ाइनल में रोमानिया के ख़िलाफ़ 44 गेंदों पर शतक जड़ा।
5 सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में किशन के नाम अब पांच शतक हो गए हैं जो कि इस टूर्नामेंट में किसी बल्लेबाज़ द्वारा संयुक्त तौर पर लगाए गए सर्वाधिक शतक हैं। अभिषेक शर्मा ने भी इस टूर्नामेंट में पांच शतक लगाए हैं।
किशन ने यह सभी शतक बतौर विकेटकीपर लगाए हैं जो कि पुरुष T20 में किसी कीपर द्वारा लगाए गए दूसरे सर्वाधिक शतक हैं। क्विंटन डी कॉक के नाम भी बतौर विकेटकीपर सात शतक हैं। किशन ने इन पांच में चार शतक बतौर कप्तान लगाए हैं, जबकि किसी अन्य बल्लेबाज़ ने T20 में बतौर कीपर-कप्तान दो से अधिक शतक नहीं लगाए हैं।
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455 गुरुवार को पुणे में झारखंड और हरियाणा ने मिलकर कुल 455 रन बनाए है जो कि T20 क्रिकेट में किसी प्लेऑफ़ या नॉकआउट मुक़ाबले में दो टीमों द्वारा बनाए गए सर्वाधिक कुल रन हैं। इससे पहले सबसे ज़्यादा कुल रन सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के पिछले संस्करण में मुंबई और विदर्भ के बीच अलूर में खेले गए क्वार्टर-फ़ाइनल मुक़ाबले में 445 रन बने थे।
दोनों टीमों ने मिलकर कुल 30 छक्के जड़े - झारखंड ने 20 जबकि हरियाणा ने 13 छक्के लगाए - जो कि T20 प्लेऑफ़ या नॉकआउट मुक़ाबले में लगाए गए सर्वाधिक छक्के हैं।
517 किशन ने इस टूर्नामेंट में कुल 517 रन बनाए जो कि इस टूर्नामेंट के किसी एक संस्करण में किसी बल्लेबाज़ द्वारा बनाए गए तीसरे सर्वाधिक रन हैं। वह देवदत्त पड़िक्कल द्वारा 2019-20 में बनाए गए 580 और रोहन कदम द्वारा 2018-19 में बनाए गए 536 रनों से पीछे हैं।
किशन ने टूर्नामेंट के इस संस्करण में दूसरा शतक लगाया, इससे पहले उन्होंने त्रिपुरा के ख़िलाफ़ शतक लगाया था। उन्होंने 2018-19 के सीज़न में भी दो शतक लगाए थे। सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के इतिहास में अब तक कुल सात बल्लेबाज़ों ने एक से अधिक शतक लगाए हैं। हालांकि किसी भी बल्लेबाज़ ने एक संस्करण में तीन शतक नहीं लगाए हैं।
22 झारखंड के सुशांत मिश्रा ने इस टूर्नामेंट में 22 विकेट लिए जो कि टूर्नामेंट के एक संस्करण में किसी गेंदबाज़ द्वारा संयुक्त तौर पर लिए गए सर्वाधिक विकेट हैं। राजस्थान के अशोक शर्मा ने भी इस टूर्नामेंट में 22 विकेट हासिल किए। इस सूटी में हरियाणा के लिए 21 विकेट लेने वाले अंशुल कम्बोज तीसरे स्थान पर हैं और वह इस मामलेमें 2013-14 सीज़न लुखमान मेरीवाला के साथ बराबरी पर हैं।
303 रन और 18 विकेट अनुकूल रॉय ने इस टूर्नामेंट में 303 रन बनाने के साथ 18 विकेट हासिल किए। इससे पहले सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में केवल हर्षल पटेल (374 रन और 19 विकेट, 2019-20 सीज़न में) ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के एक संस्करण में 300 से अधिक रन और 15 से अधिक विकेट लिए हैं।
11 मैचों में अनुकूल ने नौ कैच भी लपके। उनसे पहले अब तक एक T20 टूर्नामेंट में सिर्फ़ तीन खिलाड़ी ही ऐसा (303 रन, 18 विकेट और नौ कैच) कर पाए हैं।
अनुकूल ने 25 से अधिक रन सात मौक़ों पर बनाए और उन्होंने सात मुक़ाबलों में एक से अधिक विकेट भी लिए। एक T20 टूर्नामेंट में यह दोनों कारनामा उनके जितना सिर्फ़ दो पुरुष खिलाड़ी ही कर पाए हैं।
20 इस टूर्नामेंट में कुल 20 शतक लगए जो कि किसी भी T20 टूर्नामेंट में लगे सर्वाधिक व्यक्तिगत शतक हैं। इससे पहले 2017 के T20 ब्लास्ट में 17 शतक लगे थे। सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में इससे पहले सर्वाधिक शतक का आंकड़ा 14 था जो कि 2024-25 सीज़न के दौरान लगे थे।
1884 टूर्नामेंट में कुल 1884 छक्के लगे जो कि किसी भी T20 टूर्नामेंट में लगे सर्वाधिक छक्के हैं। इससे पहले सर्वाधिक छ्क्कों का 1855 का आंकड़ा सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के पिछले संस्करण का था।
2025-26 का सीज़न सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में सबसे तेज़ स्कोरिंग संस्करण भी रहा। इस सीज़न 8.59 की रन रेट से रन बने जबकि 2024-25 सीज़न में 8.57 की रन रेट से रन बने थे।