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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : पुराने साथी दे रहे हैं केकेआर को हार का घाव

क्या गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ गिल और फ़र्ग्‍युसन भी दिखाएंगे कमाल

क्‍या अब पुराने साथी शुभमन गिल भी करेंगे केकेआर के खिलाफ कमाल.  BCCI

कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए यह सीज़न मिलाजुला रहा है। सात मैच में तीन जीत और चार हार। कप्तान श्रेयस अय्यर पिछली तीन पारियों से लय में तो लौट आए हैं, लेकिन समस्या स्पिन गेंदबाज़ी भी है। अब पुराने साथी भी हर मैच में उन्हें घाव दे रहे हैं, तो क्या इस बार शुभमन गिल और लॉकी फ़र्ग्‍युसन भी पूछेंगे कई सवाल?

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पावरप्ले में श्रेयस की एंट्री करेगी कमाल

श्रेयस अय्यर के लिए इस सीज़न की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी, जहां पर उन्होंने चार पारियों में केवल 69 रन बनाए थे, लेकिन पिछली तीन पारियों में उनके बल्ले से 54, 28 और 85 रन की पारियां निकली हैं। तक़नीकी तौर पर देखा जाए तो श्रेयस को पावरप्ले में क्षेत्ररक्षण की पाबंदियों में रन बनाने में मज़ा आता है। वह लगातार स्ट्राइक बदलते हैं और बाउंड्री लगाते हुए 131 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। वहीं अंतिम ओवरों में वह 170 से ज़्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाने लगते हैं।

चक्रवर्ती को घुमाना होगा अपना गेंद का चक्र

सुनील नारायण अभी भी बल्लेबाज़ों के लिए मुसीबत खड़ी करते हैं। ऐसे में हो यह रहा है कि बल्लेबाज़ उनको रक्षात्मक खेलकर दूसरे गेंदबाज़ों पर रन बनाने लग रहे हैं। यही वजह है ​कि वरुण चक्रवर्ती इस बार ज़्यादा महंगे साबित हो रहे हैं। सात में से केवल दो मैच में ही उन्होंने छह से नीचे के इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है। आईपीएल 2021 में नारायण ने 14 पारियों में 6.4 के इकॉनमी से 16 विकेट लिए थे तो वहीं चक्रवर्ती ने 19 पारियों में 6.6 के इकॉनमी से 18 विकेट लिए थे। वहीं नारायण का इकॉनमी इस सीज़न और भी बेहतर हो गया है। उन्होंने सात मैचों में 5 के इकॉनमी से छ​ह विकेट लिए हैं। वहीं चक्रवर्ती ने 8.8 के इकॉनमी से सात मैच में चार ही विकेट लिए हैं। ऐसे में अगर चक्रवर्ती को दबाव बनाने के साथ विकेट चटकाने हैं तो उन्हें कुछ अलग करना होगा।

पुराने साथी​ बिगाड़ रहे केकेआर का खेल

कोलकाता ने अब तक तीन मैच जीते हैं और चार हारे हैं। इन चारों मैचों में उनके पुराने साथियों ने खेल बिगाड़ा है। बेंगलुरु के ख़िलाफ़ दिनेश ​कार्तिक ने सात गेंद में नाबाद 14 रन बनाकर रोमाचंक मैच जिताया। दिल्ली के ख़िलाफ़ कुलदीप यादव ने चार ओवर में 35 रन देकर चार विकेट लिए। हैदराबाद के ख़िलाफ़ राहुल त्रिपाठी जमकर बरसे और 37 गेंद में 71 रन ठोक डाले। इस बार उनके सामने गिल और फ़र्ग्‍युसन हैं। गिल का यह सीज़न मिलाजुला रहा है या तो वह जल्दी आउट हुए हैं या उन्होंने बड़ी पारी खेली है। अब तक छह में से तीन बार वह शुरुआती 10 गेंद में आउट हो गए हैं, लेकिन अगर वह यहां आउट नहीं होते हैं तो वह पांचवां गियर डालकर 150 से ज़्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाने लगते हैं।

सफलता की कुंजी

कोलकाता नाइट राइडर्स : आंकड़े कहते हैं कि जब भी वेंकटेश अय्यर 25 से ज़्यादा का स्कोर बनाते हैं तो कोलकाता की जीत का प्रतिशत 75 तक पहुंच जाता है। आठ बार उन्होंने 25 से ज़्यादा रन बनाए हैं और छह बार यहां पर कोलकाता को जीत मिली है।

वहीं चक्रवर्ती अगर छह रन प्रति ओवर से कम देते हैं तो भी कोलकाता की जीत का प्रतिशत 72.7 हो जाता है। 11 बार ऐसा हुआ है, जहां पर आठ बार कोलकाता जीती है।

गुजरात टाइटंस : आंकड़ों की मानें तो अगर गुजरात का कोई भी बल्लेबाज़ 60 या उससे ज़्यादा रन बना देता है तो उनको हराना मुश्किल ​हो जाता है। गुजरात केवल एक ही मैच हारी है। वहीं जो जीत मिली हैं, वहां पर शुभमन गिल, मिलर, हार्दिक ने 60 से अधिक रन की पारी खेली।

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निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26