कराची के नेशनल स्टेडियम का नाम बदलकर नेशनल बैंक क्रिकेट एरेना कर दिया गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा सरकारी बैंक, नेशनल बैंक ऑफ़ पाकिस्तान (एनबीपी) के साथ पांच साल के नामकरण-राइट्स डील साइन किए जाने के बाद यह फ़ैसला लिया गया। यह स्टेडियम 1980 के बाद से 99 साल की लीज़ पर है और 32,000 दर्शक क्षमता के साथ पाकिस्तान का सबसे बड़ा स्टेडियम है।
यह पाकिस्तान में किसी स्टेडियम का पहला नामकरण-राइट्स डील है।
एनबीपी के अध्यक्ष और सीईओ रहमत अली हसनी ने एक बयान में कहा, "हमें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ साझेदारी करके ख़ुशी हो रही है। नेशनल स्टेडियम कराची, दुनिया के सबसे आइकॉनिक क्रिकेट वेन्यू में से एक है और पहली बार यहां टेस्ट क्रिकेट खेले जाने के बाद से सभी युगों के दिग्गजों की मेज़बानी की है।"
1970 में विभागीय टीमों के शामिल होने के बाद से एनबीपी पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट से जुड़ा हुआ है।। संगठनों को खिलाड़ियों के लिए रोजगार देने के लिए कहा गया था, जिससे उन्हें फुल-टाइम नौकरी मिल सके और एनबीपी ही उन कुछ संगठनों में से एक रहा है जो शुरू से 2019 तक प्लेयर कॉन्ट्रैक्ट की पेशकश कर रहा था।
कराची में एनबीपी का प्रथम श्रेणी का मैदान - एनबीपी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स - है, जो 1998 से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट की मेज़बानी कर रहा है। पीसीबी ने डील के सही क़ीमत का ख़ुलासा नहीं किया। पीसीबी ने कहा कि नामकरण-राइट्स समझौते के अलावा, दोनों पक्ष देश भर में ज़मीनी स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए प्रायोजित पहल पर भी सहयोग करेंगे और भागीदार होंगे।
कराची स्टेडियम को 1980 में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ द्वारा पीसीबी को आवंटित किया गया था। इसके अलावा पाकिस्तान में क्रिकेट स्टेडियम संबंधित शहर की सरकारों की संपत्ति है। गद्दाफ़ी स्टेडियम, रावलपिंडी स्टेडियम, मुल्तान स्टेडियम और बुगाती स्टेडियम सभी शॉर्ट टर्म लीज़ पर हैं, जिसे संबंधित सरकारों से समय-समय पर रीनीव कराया जाता है।
इस साल की शुरुआत में पीसीबी ने कहा कि वह लाहौर के गद्दाफ़ी स्टेडियम के लिए एक नामकरण-राइट्स प्रायोजक खोजने की योजना बना रहा है। हालांकि ऐसा अभी तक नहीं हुआ है।
उमर फ़ारूक़ ESPNcricinfo के पाकिस्तानी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।