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ट्रॉफ़ी का नाम एंडरसन-तेंदुलकर रखने पर बोले एंडरसन : सच में विश्वास नहीं हो रहा

इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज़ का नाम एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी रखे जाने पर एंडरसन ने जताई खु़शी

Andrew Miller
ऐंड्रयू मिलर
09-Jun-2025 • 10 hrs ago
James Anderson put down a catch off his own bowling, England vs West Indies, 1st Men's Test, Lord's, 3rd day, July 12, 2024

James Anderson ने ट्रॉफ़ी का नाम खु़द पर रखने पर अपनी प्रतिक्रिया दी  •  Alex Davidson/Getty Images

ECB और BCCI ने नई सीरीज़ की ट्रॉफ़ी पर जेम्‍स एंडरसन और पूर्व प्रतिद्वंद्वी सचिन तेंदुलकर का नाम दिया है और एंडरसन इस रूप से सीरीज़ से जुड़कर "बहुत गर्व महसूस कर सकते हैं।"
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी इस साल गर्मियों में इंग्‍लैंड और भारत के बीच होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले लंबे समय से चली आ रही पटौदी ट्रॉफ़ी की जगह लेगी। सीरीज़ की शुरुआत 20 जून को हेडिंग्ले में होगी। दोनों खिलाड़ियों के इस सप्ताह लॉर्ड्स में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के दौरान आधिकारिक अनावरण में शामिल होने की उम्मीद है। टेस्‍ट क्रिकेट में एंडरसन के साथ ही सचिन तेंदुलकर के नाम भी अपने खेमे में बड़ा रिकॉर्ड दर्ज है।
लॉर्ड्स में डीपी वर्ल्ड इवेंट के दौरान ESPNcricinfo से बातचीत में एंडरसन ने कहा, "यह बहुत बड़ा सम्मान है। मैं अभी भी इस पर यकीन नहीं कर पा रहा हूं। सचिन वह शख्‍़स हैं जिन्हें मैं बचपन में अपना आदर्श मानता था, हालांकि मैं उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता।"
"मुझे याद है कि मैं उन्हें खेल के महान खिलाड़ी के रूप में देखता था और मैंने उनके ख़‍िलाफ़ बहुत मैच खेले भी हैं। इसलिए यह ट्रॉफ़ी जीतना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है और मैं इससे ज्‍़यादा गर्व महसूस नहीं कर सकता।"
टेस्ट इतिहास में कोई भी खिलाड़ी तेंदुलकर (200 कैप) और एंडरसन (188) से ज़्यादा बार मैदान पर नहीं उतरा है, तेंदुलकर के 15,921 रन भी एक रिकॉर्ड हैं। इस बीच, एंडरसन इस प्रारूप के सबसे सफल तेज़ गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने पिछले जुलाई में लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपना 704वां विकेट लिया था।
दोनों का संयुक्त करियर 35 साल तक चला, 1989 में 16 साल की उम्र में तेंदुलकर के टेस्ट डेब्यू से लेकर पिछले साल अपने 42वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर एंडरसन के विदाई तक। 2006 से 2012 के बीच टेस्ट के मैदान पर 14 मौक़ों पर दोनों एक दूसरे के सामने आए जिसमें एंडरसन ने तेंदुलकर को नौ बार आउट किया।
एंडरसन ने आगे कहा, "समय भागता है। मैं इस समय लंकाशायर के खिलाड़ियों के साथ खेल रहा हूं, और मैंने उनके जन्म से पहले ही 50 टेस्ट विकेट ले लिए थे। यह थोड़ा अजीब है कि चीज़ें कैसे काम करती हैं।"
अपने 21 साल के टेस्ट करियर के दौरान एंडरसन ने भारत के ख़‍िलाफ़ किसी भी अन्य टेस्ट देश के खिलाड़ी की तुलना में 39 मैचों में 25.47 की औसत से सबसे अधिक कुल 149 विकेट लिए। उनकी उपलब्धियों में 2005-06 में मुंबई में एक प्रसिद्ध जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना रहा, साथ ही 2011 और 2012-13 में घरेलू और विदेशी मैदानों पर लगातार दो सीरीज़ जीतना शामिल है। इसमें से 2011 में मिली जीत के बाद इंग्‍लैंड की टीम ICC टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 पर पहुंच गई थी।
हालांकि वह भारत के ख़‍िलाफ़ मिली पांच टेस्‍ट सीरीज़ हार में भी हिस्‍सा रहे, इसमें से अपनी आखिरी सीरीज़ में उन्‍होंने धर्मशाला में अपने 700 विकेट भी पूरे किए थे।
एंडरसन ने कहा, "बहुत सारी अच्‍छी यादें हैं, मैंने हमेशा भारत के ख़‍िलाफ़ खेलना पसंद किया। मैं कह सकता हूं कि ऐशेज़ के बाद इंग्‍लैंड इस सीरीज़ की ओर ही देखता है। मैंने भारत में कुछ मुश्किल समय बिताया है, वहां जाकर प्रदर्शन करना मुश्किल है, लेकिन हम वहां पर जीते जो एक यादगार लम्‍हा है, कुछ बढ़‍िया क्रिकेट हमारे बीच में इंग्‍लैंड में भी देखने को मिला। उनके पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं।"
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी के पहले संस्करण को देखते हुए उन्होंने एक और कठिन मुक़ाबले की उम्मीद जताई। इससे तीन साल पहले भारत ने इंग्‍लैंड का दौरा किया था जहां कोविड की वजह से इसको रद किया गया था और आखिरी टेस्‍ट 12 महीने बाद खेला गया था। यह सीरीज़ 2-2 से बराबरी पर रही थी।
एंडरसन ने कहा, "यह सीरीज़ बिल्कुल वैसी ही होने जा रही है जैसी आप उम्मीद कर रहे हैं। मुझे पता है कि भारत नए कप्तान शुभमन गिल के साथ थोड़े बदलाव से गुजर रहा है, और विराट कोहली और रोहित शर्मा टीम के साथ नहीं हैं, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि उनके पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ एक मज़बूत टीम है। इंग्लैंड निश्चित रूप से एक ख़ास तरीके़ से खेलने की कोशिश कर रहा है। यह वास्तव में एक रोमांचक सीरीज़ होने वाली है।"
पटौदी ट्रॉफ़ी के लिए टीमें 2007 से इंग्लैंड में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं। इसका नाम भारत के पूर्व कप्तान इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी और उनके बेटे मंसूर अली ख़ान पटौदी के नाम पर रखा गया था। भारत की घरेलू सीरीज़ के लिए समकक्ष एंथनी डी मेलो ट्रॉफ़ी है, जिसका नाम BCCI के संस्थापक व्यक्तियों में से एक के नाम पर रखा गया है, जो 1946-47 से 1950-51 के बीच बोर्ड के उद्घाटन सचिव और अध्यक्ष भी रहे थे।
यह चलन नवंबर 2024 में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज़ के विजेता के तौर पर क्रो-थोर्प ट्रॉफ़ी के अनावरण के नामकरण के बाद शुरू हुआ है। भारत और ऑस्ट्रेलिया 1996 से टेस्ट में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के लिए प्रतिस्पर्धा करते आ रहे हैं।

ऐंड्रयू मिलर ESPNcricinfo में यूके के एडिटर हैं।