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पृथ्वी शॉ ने बनाया रणजी ट्रॉफ़ी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर

असम के विरुद्ध 383 गेंदों पर 379 रनों की पारी खेली

Prithvi Shaw made 379, the second-highest individual score in Ranji Trophy, Assam vs Mumbai, Ranji Trophy 2022-23, 1st day, January 10, 2022

पृथ्वी शॉ ने असम के विरुद्ध 379 रनों की पारी खेली  •  PTI

मुंबई के सलामी बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफ़ी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बना दिया है। असम के विरुद्ध ग्रुप बी के मुक़ाबले में 240 के पहले दिन के स्कोर से अपनी पारी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 99 गेंदों पर 139 रन बनाए। वह 379 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
भाऊसाहेब निंबलकर, जिन्होंने महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए काठियावाड़ के विरुद्ध दिसंबर 1948 में 443 रन बनाए थे, अब भी रणजी ट्रॉफ़ी में सर्वाधिक निजी स्कोर और सर्वाधिक प्रथम श्रेणी स्कोर बनाने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं। शॉ अब इन दोनों सूचियों में दूसरे स्थान पर आ गए हैं।
बुधवार को शॉ रणजी ट्रॉफ़ी की एक पारी में 350 रन बनाने वाले नौवें खिलाड़ी बन गए। उन्होंने स्वप्निल गुगाले (351*), चेतेश्वर पुजारा (352), वी वी एस लक्ष्मण (353), समित गोहेल (359*) और संजय मांजरेकर (377) को पीछे छोड़ा। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह 400 का आंकड़ा पार कर जाएंगे लेकिन लंच से पहले के अंतिम ओवर में रियान पराग की गेंद पर वह पगबाधा हुए।
शॉ ने तीन साझेदारियां निभाई और तीनों में उनका योगदान सर्वाधिक था। पहले विकेट के लिए मुशीर ख़ान के साथ 123 रनों की साझेदारी में उन्होंने 75 रन बनाए। अरमान जाफ़र के साथ दूसरे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी में शॉ के बल्ले से 42 रन निकले। मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 401 रनों की साझेदारी में उन्होंने 262 रनों का योगदान दिया।
इस पारी ने शॉ के ख़राब फ़ॉर्म के सिलसिले को समाप्त किया। पिछली सात रणजी ट्रॉफ़ी पारियों में शॉ के बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला था लेकिन शायद इस पारी ने उन्हें भारतीय टीम का एक दावेदार बना दिया है। अब तक पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके शॉ ने आख़िरी बार जुलाई 2021 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया था।
स्पोर्टस्टार के साथ पहले दिन के अंत में एक साक्षात्कार में, शॉ ने अपेक्षाओं को प्रबंधित करने और आलोचना से निपटने की चुनौतियों के बारे में बात की थी।
शॉ ने कहा, "मैं समझ चुका हूं कि जब आप रन बनाते हैं तब आप बहुत अच्छा महसूस करते हैं। लेकिन जब आप रन नहीं बनाते तब लोग आपके पीछे पड़ेंगे। जब आप रन बनाते हैं तब उम्मीदें काफ़ी रहती है, तो जब आप तीन या चार पारियों में जल्दी आउट हो जाते हैं तब लोग - यार ये है, वो है - कहने लगते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "केवल आप ही जानते हैं कि क्या आप प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं, या क्या आप पहले से अधिक अनुशासित हैं, क्या आप समय पर सो रहे हैं, खेल से पहले अच्छा खा रहे हैं। वे सभी चीज़ें मायने रखती हैं। मैं बस उन बातों को फ़ॉलो करने की कोशिश कर रहा हूं और कोशिश कर रहा हूं कि जितना हो सके अकेले में समय बिताऊं। मैंने बाहर के शोर को काट दिया - चाहे वह सोशल मीडिया पर हो या अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर।"
सलामी बल्लेबाज़ ने आगे कहा, "मैं उन चीज़ों से दूर रहने की कोशिश करता हूं या कभी-कभी अपने मैनेजर से सोशल-मीडिया गतिविधियों को संभालने के लिए कहता हूं। मेरे पास ब्रांड प्रतिबद्धताएं हैं, और इसलिए सोशल मीडिया से दूर रहना संभव नहीं है, और इस प्रकार, आप अंततः देखते हैं कि क्या लिखा या बोला जा रहा है। लेकिन मैं अभी भी जितना हो सके शोर को कम करने की कोशिश कर रहा हूं।"
उन्होंने आगे बताया, "लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं और फिर 10 साल बाद भी वही करते रहेंगे, इसलिए आपको इसके बारे में ज़्यादा नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि अगर आप लाइनों के बीच बहुत ज़्यादा पढ़ना शुरू कर देंगे, तो आप ख़ुद को प्रभावित कर रहे होंगे।"