मैच (23)
IND(W) vs SL(W) (1)
विजय हज़ारे ट्राफ़ी (19)
ILT20 (2)
BBL (1)
फ़ीचर्स

कैसे सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में झारखंड एक शक्तिशाली टीम बनकर उभरी?

मुख्य कोच रतन कुमार, JSCA के संयुक्त सचिव शाहबाज़ नदीम, तेज़ गेंदबाज़ सुशांत मिश्रा और बल्लेबाज़ विराट सिंह ने झारखंड के विजयी अभियान पर अपनी प्रतिक्रिया दी

The Jharkhand team is felicitated at the JSCA International Stadium after winning their maiden Syed Mushtaq Ali Trophy, Ranchi, December 19, 2025

SMAT में ख़िताबी जीत के बाद झारखंड की टीम का सम्मान किया गया  •  PTI

"अभी इस बात कि घोषणा हुई है कि अगर हम विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी जीतते हैं तो टीम को 5 करोड़ मिलेंगे। अब तो हम उस ट्रॉफ़ी को जीतने के लिए जान लगा देंगे।"
पुणे में खेले गए सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) के फ़ाइनल में हरियाणा को हराकर जीत दर्ज़ करने के बाद झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) द्वारा रखे गए सम्मान समारोह में इशान किशन अलग ही लय में दिखे। झारखंड टीम के रांची पहुंचते ही JSCA ने खिलाड़ियों और स्पोर्ट स्टाफ़ के लिए 2 करोड़ के इनाम की घोषणा की। इसके अलावा यह भी घोषणा की गई कि अगर टीम 24 दिसंबर से शुरू होने वाली विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी भी जीत जाएगी तो उन्हें 5 करोड़ का इनाम मिलेगा। यही सुनने के बाद किशन ने अपना बयान दिया।
SMAT में झारखंड ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने 11 में से 10 मैच जीते और उसमें से ज़्यादातर बहुत ही आराम से जीते। ग्रुप डी में उन्हें तीन पूर्व SMAT चैंपियन दिल्ली, तमिलनाडु और कर्नाटक के साथ रखा गया था और टीम सात मैचों में सात मैच जीतकर पहले स्थान पर रही।
सुपर लीग स्टेज में उन्हें आंध्र, मध्य प्रदेश और पंजाब के साथ रखा गया था। तीन मैचों में उन्हें एक में हार का सामना करना पड़ा और उन्होंने फ़ाइनल में प्रवेश किया था। किशन और कुमार कुशाग्र के कप्तान/उप-कप्तान की जोड़ी ने फ़ाइनल को इकतरफ़ा बना दिया और हरियाणा के सामने 262 रनों का लक्ष्य रखकर 69 रनों से जीत हासिल की थी।
जीत का जश्न पहले पुणे और उसके बाद फ़िर रांची में भी देखने को मिला। हालांकि शीर्ष तक पहुंचने की यह यात्रा आसान नहीं रही।
****
28 फ़रवरी 2024...जमशेदपुर में सीके नायडू ट्रॉफ़ी के क़्वार्टर फ़ाइनल में टीम के बाहर होने के बाद उस समय के अंडर-23 प्रमुख कोच रतन कुमार काफ़ी दुखी थे और बाउंड्री लाइन पर वह अपने आंसू नहीं रोक सके थे। 20 महीने बाद, रतन, जो कि अब सीनियर टीम के कोच हैं, एक बार फ़िर से भावुक थे लेकिन इस बार आंसू ख़ुशी के थे।
सफ़ेद गेंद क्रिकेट का सीज़न शुरू होने से पहले काफ़ी लोगों ने झारखंड टीम को महत्व नहीं दिया था और उसका कारण भी था। उन्होंने कभी SMAT फ़ाइनल के लिए क़्वालिफ़ाई नहीं किया था। पिछली बार उन्होंने 2010-11 में किसी सीनियर टूर्नामेंट के फ़ाइनल में जगह बनाई थी और विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा किया था। उसके बाद से उनके लिए परिणाम अच्छे नहीं रहे।
SMAT में सबसे ज़्यादा विकेट लेने के मामले में संयुक्त रूप से टॉप पर रहने वाले सुशांत मिश्रा ने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा, "हमने इतनी कठिनाइयों का सामना किया है और इतने सारे परिणाम हमारे ख़िलाफ़ गए हैं, कि अब हार का डर ख़त्म हो गया है। ज़्यादातर समय हम क़्वालिफ़ाई नहीं करते। अब हमारे पास खुलकर खेलने का मौक़ा है और टीम के अंदर एक निडर भाव आ गया है। और इन सबसे ज़्यादा झारखंड क्रिकेट को जो पहचान मिलनी चाहिए, वह मिल रही है और इससे हम काफ़ी ख़ुश हैं।"
"लोग ज़्यादातर झारखंड क्रिकेट के बारे में बात नहीं करते, हमेशा एक-दो खिलाड़ियों की बात होती है। अब इस जीत के बाद एक राज्य के तौर पर हमें और पहचान मिलेगी। इससे सभी को काफ़ी प्रेरणा मिलेगी।"
जिस ग्रुप में झारखंड को रखा गया था, उन्हें कुछ अलग तरह का खेल दिखाने की ज़रूरत थी। पहले मैच में दिल्ली के ख़िलाफ़ जीत दर्ज़ करने के बाद दूसरे मैच में उन्होंने शानदार वापसी करते हुए कर्नाटक को को हराया। 158 रन का पीछा करते हुए एक समय झारखंड का स्कोर 13वें ओवर में 105/6 हो गया था लेकिन अनुकूल रॉय ने 58 गेंदों में 95 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई। इसके बाद झारखंड को विश्वास था कि वे किसी भी परिस्थिति में मैच जीत सकते हैं।
सीज़न में 169.77 के स्ट्राइक रेट से 382 रन बनाने वाले विराट सिंह ने कहा, "जब हमने शेड्यूल देखा था, तब हमें लगा था कि यह बहुत ही कठिन ग्रुप है। झारखंड को पहले व्यक्तिगत प्रतिभाओं के कारण जाना जाता था लेकिन बड़े स्तर पर बढ़िया प्रदर्शन करने के लिए एक ग्रुप के तौर पर अच्छा खेलना ज़रूरी था। पहले हम मैच खत्म नहीं कर पाते थे। मुश्किल परिस्थितियों में हम दबाव नहीं झेल पाते थे लेकिन इस साल हमने दबाव में काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया। यह हमारे लिए प्लस प्वाइंट रहा और हमने जीत दर्ज़ की।
अलग-अलग समय पर अलग-अलग खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। 197.32 के स्ट्राइक से टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 517 रन बनाने वाले किशन टूर्नामेंट के स्टार रहे। लेकिन उनके अलावा कुमार कुशाग्र (422) और विराट (382) भी सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में शामिल रहे। अनुकूल रॉय ने भी शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए 303 रन बनाने के अलावा 18 विकेट भी लिए और प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुने गए।
गेंदबाज़ी में सुशांत ने 11 मैचों में 22 विकेट लिए और उनके अलावा विकास सिंह ने भी पावरप्ले में झारखंड को नियमित विकेट दिलवाए।
रतन ने कहा," हमने ऐसी टीमों को हराया जिसमें सुपरस्टार मौजूद थे और उनके खिलाड़ियों ने IPL जीता था। फ़िर भी हमने आराम से मैच जीते। ऐसा नहीं था कि हम आखिरी ओवर में जीत हासिल कर रहे हैं या एक विकेट से जीत रहे हैं। अलग समय में हमारे लिए अलग खिलाड़ियों ने अच्छा खेल दिखाया। इशान बड़े खिलाड़ी हैं और वह अकेले दम पर आपको मैच जिता सकते हैं लेकिन दूसरे खिलाड़ियों ने भी अपना योगदान दिया। किसी समय कुशाग्र, किसी समय रॉबिन और किसी समय विराट ने भी टीम के लिए बढ़िया किया।"
"अगर किसी दिन बल्लेबाज़ी नहीं चली, तो गेंदबाज़ों ने अपना काम किया। सुशांत शानदार रहे, विकास ने नई गेंद से सफ़लता दिलाई। इसके अलावा सौरभ शेखर और अमित कुमार भी थे, जिन्हें हाल ही में IPL कॉन्ट्रैक्ट मिला है। यह पूरी टीम का योगदान था।"
टीम प्रबंधन और कोचिंग स्टाफ़ में हुए बदलाव से भी झारखंड के प्रदर्शन में फ़र्क देखने को मिला। झारखंड के सबसे दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार, सौरभ तिवारी और शाहबाज़ नदीम को JSCA का क्रमशः सचिव और संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया।
उन्होंने एमएस धोनी से भी सुझाव लिए जिन्होंने बताया कि टीम में ऐसे कोच होने चाहिए जो सिस्टम को पूरी तरह से जानते हैं। पिछले आठ साल झारखंड के हर उम्र की टीमों के साथ जुड़े रहने वाले रतन को मुख्य कोच और सनी गुप्ता को गेंदबाज़ी कोच बनाया गया।
नदीम ने कहा, " जब हमने सीज़न की शुरुआत में कोचिंग स्टाफ़ को नियुक्त किया, तभी से हमने धोनी के सुझाव और सलाह लिए थे। उन्होंने भी झारखंड की टीम में काफ़ी दिलचस्पी दिखाई। वह चाहते थे कि टीम अच्छा करे। आपको अच्छा लगता है, जब इतना बड़ा खिलाड़ी आपकी टीम के बारे में सोचे।"
"और मैं आपको एक चीज़ बता दूं कि वह हर मैच को नज़दीक से देखते हैं। उन्होंने पूरा SMAT टूर्नामेंट को ध्यान में रखते हुए सभी खिलाड़ियों की मज़बूती और कमज़ोरियों को परखा और उसके बारे में हमसे चर्चा की। उन्हें झारखंड के हर घरेलू खिलाड़ी का आंकड़ा पता है और झारखंड क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए वह मदद करने में काफ़ी दिलचस्पी रखते हैं।"
इतनी जल्दी परिणाम दिखने से टीम के क़रीबी लोग भी आश्चर्यचकित हैं। रतन ने कहा," जब मुझे टीम मिली तो हमने सोचा था कि पहले साल हम टीम को बनाने की तरफ़ ध्यान देंगे और अगले साल से इसे टूर्नामेंट जीतने वाली टीम बनाएंगे। लेकिन जब मैंने देखा कि यह टीम किस तरह से T20 क्रिकेट खेल रही है, वह देखकर मैं एकदम चौंक गया था।"
नदीम और तिवारी ने कोचिंग स्टाफ़ के लिए इंसेंटिव का भी प्रावधान किया है और टूर्नामेंट के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें वेतन के अलावा बोनस भी दिया जाएगा। इस निर्णय में भी धोनी का हाथ था।
नदीम ने कहा," हमें लगा कि खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ को बढ़ावा दिया जाए। हर जगह एक निश्चित वेतन संरचना है, चाहे टीम जीते या हारे, एक तय राशि ही सबको मिलती है। लेकिन यहां हमने कहा,' नहीं, तय राशि तो है ही, लेकिन प्रोत्साहन भी देना चाहिए। इसलिए हमने तय किया कि अगर टीम क़्वार्टर फ़ाइनल में प्रवेश करती है तो हम इंसेंटिव देना शुरू करेंगे और जैसे-जैसे टीम आगे जाएगी, यह राशि बढ़ेगी।"
"इससे क्या होगा? इससे कोचिंग स्टाफ़ का महत्व बढ़ेगा और वह और अच्छा करने के लिए प्रेरित होंगे। आर्थिक लाभ हमेशा मददगार साबित होता है। लेकिन इसके उलट हमने यह भी तय किया था कि अगर टीम अच्छा नहीं करेगी तो कोचिंग स्टाफ़ के ऊपर सवाल उठेंगे। पहले कोच आते थे, टूर्नामेंट के अंत तक टीम के साथ रहते और फ़िर चले जाते थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं था, अगर आप जीते तो आपको फ़ायदा होगा, लेकिन अगर हारे तो आपसे सवाल भी किए जाएंगे।"
रांची एयरपोर्ट पर फ़ैंस द्वारा खिलाड़ियों का जिस तरह का स्वागत मिला, उससे पता चलता है कि यह जीत कितनी बड़ी है। किशन ने बताया कि खिलाड़ियों के अंदर ख़ुद को साबित करने का जूनून था और अपने ऊपर सवाल उठाने वालों को उन्हें जवाब देना था। T20 की ट्रॉफ़ी तो आ गई है, लेकिन क्या झारखंड की टीम विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी पर भी कब्ज़ा करेगी?

राजन राज और आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं